Last Updated:September 12, 2025, 13:46 IST
Gurugram Basic Issue: गुरुग्राम में सफाई व्यवस्था बिगड़ी, कूड़े के ढेर और जलभराव से हालात खराब. सोशल मीडिया पर गुरुग्राम को कूड़ाग्राम कहा जा रहा है. मैथिडे आर और यशपाल सिंह ने भी सवाल उठाए.

गुड़गांव. हरियाणा के मशहूर, साइबर और हाइटेक सिटी गुरुग्राम की चकाचौंध पर आजकल गंदगी का दाग लग रहा है. सफाई व्यवस्था बिगड़ने पर शहर की किरकिरी हो रही है. निगम अधिकारियों के फील्ड में उतरने के साथ ही प्रदेश सरकार का फोकस भी गुरुग्राम पर है, लेकिन फिर भी शहर के हालात नहीं सुधर रहे. लगातार गंगानचुंबी इमारतों के बीच गंदगी के ढेर लगे है. एक तरफ इस शहर की तरक्की की कहानी नजर आती है तो दूसरी तरफ सड़क पर गंदगी नजर आती है.
दरअसल, लगभग 50 किलोमीटर के दायरे में फैसले इस शहर को साफ रखने के लिए नगर निगम के पास सिर्फ गुरुग्राम शहर में सफाई व्यवस्था के लिए 350 से 400 करोड़ का भारी भरकम बजट है. ना संसाधनों की कमी है और ना मैनपावर की. इसके बावजूद शहर स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में टाप-10 में भी शामिल नहीं हो पाता है. इसका सबसे बड़ा कारण काम नहीं करने वाली और गुरुग्राम को कूड़ाग्राम बनाने वाली एजेंसियों के प्रति निगम अधिकारियों का भी ढीला रवैया है यही वजह है कि एजेंसियों की मनमानी चल रही है और शहर के लगभग 5.5 लाख घरों और प्रतिष्ठानों से सौ प्रतिशत कूड़ा उठान नहीं हो रहा है. निगम क्षेत्र में चार एजेंसियों ने आठ जुलाई को हेड ऑफिस से टेंडर की मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू किया था, लेकिन खास बात यह है कि फील्ड में 400 की जगह 200 से भी कम वाहन घरों से कूड़ा उठा रहे हैं. घरों में ही कूड़ा सड़ने पर मजबूरन लोग इसे सड़कों के किनारे फेंक रहे हैं
50 प्रतिशत घरों से नियमित नहीं उठ रहा कूड़ा
शहर के 50 प्रतिशत घरों से भी कूड़ा नहीं उठाया जा रहा. कूड़े से निकलती दुर्गंध तथा मच्छर, मक्खियों और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. लोग रात के समय सड़कों के किनारे कूड़े को फेंक रहे हैं. इससे नगर निगम की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है.घरों से सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग करने की व्यवस्था भी शुरू नहीं होने से मिश्रित कूड़ा बंधवाड़ी लैंडफिल पर पहुंच रहा है. बंधवाड़ी में कूड़ा निस्तारण बंद है और 13 लाख टन कूड़े का पहाड़ बन गया है. अब सोशल मीडिया पर लोग गुरुग्राम को कूड़ाग्राम लिख रहे हैं.
1200 टन कूड़ा गुरुग्राम में प्रतिदिन निकलता है.900 से एक हजार टन कूड़ा फरीदाबाद से बंधवाड़ी में पहुंच रहा है.10 से ज्यादा एजेंसियां गुरुग्राम में कूड़ा उठान, सफाई कार्य में लगी हैं. 250 से ज्यादा गारबेज वर्नेबल प्वाइंट गुरुग्राम में बने हुए हैं.12.63 करोड़ की टेंडर लागत, पर काम अधूरापुराने गुरुग्राम से नए शहर तक फैला कूड़ा है. शहर में सिर्फ पुराना गुरुग्राम ही नहीं बल्कि नए शहर के सेक्टर तक कूड़े से अटे पड़े हैं. लोगों का कहना है कि जिस शहर की देश ही नहीं बल्कि विदेश तक पहचान है, उसकी सफाई व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है.बाइट
विदेशिय़ों ने उठाए थे सवाल, सफाई अभियान भी चलाया
गुरुग्राम में लगातार गंदगी को लेकर सवाल उठते रहे है. बहुत सारे एक्टिविस्ट को विदेशी जो गुरुग्राम में रहते है वो सोशल मीडिया पर इस शहर की तुलना सूअर घर से भी कर चुके है. बावजूद इसके कोई खास सुधार नहीं हुआ. अब 11 सितंबर को खुद प्रदेश के मुखिया यानी सीएम ने शहर में सफाई अभियान में अपना श्रम दान दिया और लोगों से भी अपील की ताकि शहर को साफ किया जा सके. गुरुग्राम को साफ सुथरा रखने के लिए कई विभाग हैं, लेकिन कोई भी खरा नहीं उतर रहा. गुरुग्राम नगर निगम, मानेसर नगर निगम, गुरुग्राम महानगर डेवलपमेंट ऑथोरिटी, HSVP यानी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ये सभी विभाग यहां के लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए. शायद ये ही वजह है कि लोग अब इस शहर को कूड़ा ग्राम कहने लगे है.
शहर का नाम तो बदला, लेकिन सूरत नहीं बदल पाई
गुरुग्राम एक ऐतिहासिक शहर है जहां मां शीतला का भव्य मंदिर है तो वहीं एकलव्य का एक मात्र मंदिर भी यहीं है. इतना ही नहीं गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवों को यहीं अस्त्र शस्त्र की सीखा दी थी इसलिए इस शहर का नाम गुड़गांव से गुरुग्राम रखा गया था. इस शहर का नाम तो बदला लेकिन सूरत नहीं बदल पाई. जबकि इस इलाके के सांसद केंद्र में राजमंत्री है जबकि यहां की बादशाहपुर विधानसभा से विधायक राव नरबीर सिंह प्रदेश में कैबिनेट मंत्री है. ये शहर पूरे प्रदेश के विकास में अपना लगभग 65 फीसदी राजस्व देता है, लेकिन अपनी सूरत नहीं सुधार पा रहा है. ये ही वजह है कि एक विपक्षी दलों के भी निशाने पर प्रदेश सरकार है. लगातार विपक्षी दल भी अब प्रदेश सरकार पर इस शहर की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं
कूड़ा ही नहीं पानी की निकासी भी बड़ी समस्या
गुरुग्राम में हाल ही में बारिश के बाद जलभराव हुआ और अब सफाई व्यवस्था पर सवाल उठे हैं. पूर्व मेजर जनरल यशपाल सिंह और फ्रांसिसी महिला मैथिडे आर ने वीडियो शेयर कर शहर की हालत पर नाराजगी जताई है. गौर रहे कि गुरुग्राम शहर को मिलेनियम सिटी कहा जाता है. दिल्ली एनसीआर का यह इलाका कोर्पोरेट हब और आईटी कंपनी और विदेशी कंपनियों के लिए जाना जाता है. लेकिन शहर की हालत खराब है. भारतीय सेना के पूर्व मेजर जनरल यशपाल सिंह ने मोर ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि वह इस इलाके से गुजर रहे थे तो देखा कि मिलेनियम सिटी में रहने का आनंद ही कुछ और है. वह कहते हैं कि गुरुग्राम भारत में जानवरों के लिए सबसे फ्रेंडली शहर है. ऐसे दृश्य आपको शहर के किसी भी कोने में आसानी से देखने को मिल जाएंगे—इसके लिए दूर-दराज से आने की जरूरत नहीं है. वह कहते हैं कि हमारी नगर निकाय एजेंसियों को इसके लिए ढेरों बधाइयाँ, ऐसा “उदाहरण” शायद ही कोई और शहर पेश कर सके. गुरुग्राम ने शहरी नियोजन और सतत विकास में एक नया मानदंड स्थापित किया है.
विदेशी महिला ने भी उठाया सवाल
उधऱ, विदेशी महिला ने मिलेनियम सिटी गुरुग्राम की तुलना सूअर खाने से कर डाली. उन्होंने कहा कि शहर में खुले में कूड़े के ढेर लगे हैं. फ्रांसिसी महिला मैथिडे आर में उठाया है और बताया कि वह लंबे समय से गुरुग्राम में रह रही हैं और उन्होंने एक भारतीय से शादी की है. अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर गुरुग्राम की कुछ फोटो डालकर अपनी भड़ास निकाली है. लोकल अथॉरिटी से मैथिडे इतनी गुस्सा हैं कि उसने गुरुग्राम की तुलना सुअर के घर से कर डाली. उनका कहना है कि यहां रहना पूरी तरह अभिशप्त है. महिला का आरोप लोगो के टैक्स के पैसे से दूसरे के महल बन रहे है. गौरतलब है कि गुरुग्राम में कूड़े का मुद्दा बहुत पुराना नहीं है, लेकिन इसका निकल रहा समाधान और संसद में भी गुरुग्राम के कूड़े का मुद्दा उठ चुका है.
हाल ही में बारिश में जलभराव हुआ थागुरुग्राम में हाल ही में भारी बारिश के बाद पॉश से लेकर कई इलाकों में पानी भर गया था. जिस इलाके में 100 करोड़ के फ्लेट बिके थे, वहां पर भी पानी भर गया था. अहम बात है कि जलभराव को लेकर खासी किरकिरी भी हुई थी. गौरतलब है कि देश भर में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में सबसे साफ गुरुग्राम ने राष्ट्रीय स्तर पर 41वां और हरियाणा में 7वां स्थान हासिल किया है. पिछले वर्ष की शहर की रैंकिग 140वीं थी. हालांकि, जमीन पर हकीकत कुछ और है.
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...
और पढ़ें
Location :
Gurgaon,Gurgaon,Haryana
First Published :
September 12, 2025, 13:42 IST