दिखीं दो दुर्लभ बिल्लियां, एक उड़ते पक्षियों की शिकारी, तो दूसरी रात की शिकारन

2 days ago

Last Updated:September 12, 2025, 14:02 IST

Night Stalker vs Sky Jumper: भारत में हाल ही में दो अनोखी बिल्लियां देखी गई हैं, जिनमें से पल्लास कैट (Pallas Cat) रात में सक्रिय होकर चुपचाप शिकार करती है. वहीं, कैरेकल (Caracal) हवा में 11 फीट तक छलांग लगाकर उड़ते पक्षियों को भी दबोच लेती है. ये दोनों जंगली बिल्लियां अपनी अनोखी शिकार तकनीकों से सभी को हैरान कर देती हैं.

दिखीं दो दुर्लभ बिल्लियां, एक उड़ते पक्षियों की शिकारी, तो दूसरी रात की शिकारनपल्लास कैट और कैरेकल कैट की खासियत

Pallas and Caracal Cat: भारत की जैव विविधता को लेकर हाल ही में दो बेहद अहम और चौंकाने वाली खोजें हुई हैं. एक ओर जहां अरुणाचल प्रदेश के बर्फीले पहाड़ों में पहली बार कैमरे में कैद हुई पल्लास कैट (Pallas Cat), वहीं दूसरी ओर राजस्थान के सुनहरे थार रेगिस्तान में लगभग 30 साल बाद नजर आई है कैरेकल बिल्ली (Caracal Cat). इन दोनों ही जंगली बिल्लियों को बेहद दुर्लभ माना जाता है और ये भारत में विलुप्ति के कगार पर हैं.

अरुणाचल की बर्फीली चोटियों पर पाई गई पल्लास कैट

WWF-India द्वारा 2024 में किए गए एक बड़े वन्यजीव सर्वे में वेस्ट कामेंग और तवांग जिलों में 4200 मीटर से अधिक ऊंचाई पर कई दुर्लभ जंगली बिल्लियां कैमरे में कैद हुईं. इनमें सबसे अहम खोज रही पल्लास कैट की तस्वीर, जो पहली बार अरुणाचल प्रदेश में देखी गई.

पल्लास कैट के साथ-साथ हिम तेंदुआ, सामान्य तेंदुआ, धूमिल तेंदुआ, लेपर्ड कैट और मार्बल्ड कैट जैसी प्रजातियां भी कैमरे में कैद हुईं. इस सर्वे के दौरान पल्लास कैट लगभग 5000 मीटर की ऊंचाई पर देखी गई, जो अब तक की सबसे ऊंची जगहों में से एक है.

पल्लास कैट की खासियत:

– बेहद ठंडे और ऊंचे इलाकों में पाई जाती है.

– छोटे और घने फर, गोल चेहरा और छोटी टांगें इसकी पहचान हैं.

– अकेले रहना पसंद करती है और शिकार के लिए रात में सक्रिय रहती है.

– पक्षियों और छोटे स्तनधारियों का शिकार करती है.

30 साल बाद थार रेगिस्तान में दिखी कैरेकल बिल्ली

जैसलमेर जिले के प्रसिद्ध सम क्षेत्र में हाल ही में एक शिक्षक अजीत चारण को खेत में एक दुर्लभ कैरेकल बिल्ली का बच्चा दिखाई दिया. हालांकि, उन्होंने इसे सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ दिया. वन विभाग ने अब कैमरे लगाकर उसके परिवार को खोजने का अभियान शुरू किया है. माना जा रहा है कि लगभग 30 साल बाद इस क्षेत्र में कैरेकल दिखाई दी है.

दरअसल, भारत में कैरेकल की संख्या अब करीब 50 ही रह गई है और इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित प्रजाति घोषित किया गया है.

कैरेकल बिल्ली की खासियत:

– हवा में 11 फीट तक छलांग लगाकर उड़ते पक्षियों का भी शिकार कर सकती है.

– लंबे काले बालों वाले कान, तीखी आंखें और फुर्तीला शरीर इसकी पहचान हैं.

– वजन करीब 9 किलो और ऊंचाई लगभग 31 इंच होती है.

– मुख्य रूप से रात्रिचर और एकाकी स्वभाव की होती है.

– अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया के शुष्क इलाकों में भी पाई जाती है.

जैव विविधता संरक्षण की जरूरत

पल्लास और कैरेकल कैट जैसी दुर्लभ प्रजातियां भारत की प्राकृतिक धरोहर हैं, लेकिन तेजी से बदलते जलवायु और मानव गतिविधियों से इनके आवास खतरे में हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इनके संरक्षण के लिए विशेष योजनाएं बनाना, इनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा करना और शिकार पर कड़ी रोक लगाना बेहद जरूरी है.

WWF-India ने कहा है कि ये खोज साबित करती हैं कि हिमालयी क्षेत्र और रेगिस्तानी इलाका दोनों ही जैव विविधता से भरपूर हैं, बस इन्हें बचाने के लिए निरंतर प्रयास करने की जरूरत है.

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First Published :

September 12, 2025, 14:02 IST

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