Last Updated:July 08, 2025, 17:41 IST
महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर विवाद जोर पकड़ता जा रहा है. परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और मनसे के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.

महाराष्ट्र के मंत्री ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.(Image:News18)
मुंबई. महाराष्ट्र में मराठी भाषा के वर्चस्व और हिंदी भाषा को नहीं हटाने का मुद्दा इस कदर तूल पकड़ता जा रहा है कि अब महाराष्ट्र की सरकार के मंत्री भी अपनी ही सरकार के कदमों के खिलाफ मनसे के पब्लिक प्रोग्राम में शामिल हो रहा हैं. महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने मंगलवार को मीरा रोड में मराठी रैली के लिए अनुमति न दिए जाने पर अपनी ही सरकार की आलोचना की और विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. यहां तक कि उन्होंने पुलिस को उनको गिरफ्तार करने की चुनौती भी दी.
मंत्री सरनाईक ने मीडिया से कहा कि ‘मराठी एकीकरण समिति और कई अन्य संगठनों ने रैली के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई. मैं जा रहा हूं- अगर पुलिस की हिम्मत है, तो मुझे गिरफ्तार कर ले.’ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन तब हुआ जब पुलिस ने सार्वजनिक सुरक्षा और यातायात व्यवधान का हवाला देते हुए मीरा-भायंदर में ‘मराठी मोर्चा’ की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
पुलिस का यह इनकार 1 जुलाई को वायरल हुए एक वीडियो के बाद हुआ है जिसमें एमएनएस कार्यकर्ताओं को मराठी न बोलने पर भयंदर में एक फूड स्टॉल मालिक को कथित तौर पर थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया था, जिसकी व्यापक निंदा हुई थी. इससे पहले दिन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस के निर्देशों की अवहेलना करने के लिए मनसे की तीखी आलोचना की. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एक लोकतांत्रिक राज्य है. अगर कोई मोर्चा निकालना चाहता है, तो उसे अनुमति लेनी होगी. भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन जैसे कारणों से पुलिस द्वारा मार्ग तय किया जाता है. मुझे बताया गया कि उन्हें वैकल्पिक मार्ग लेने के लिए कहा गया था, लेकिन वे अड़े रहे. इसलिए, रैली की अनुमति नहीं दी गई.
मनसे का नाम लिए बिना फडणवीस ने कहा कि ‘मैं महाराष्ट्र की पहचान समझता हूं. मराठी लोग बड़े दिल वाले हैं. हम संकीर्ण सोच वाले नहीं हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज हमेशा देश के लोगों के साथ एकजुट रहे. ये प्रयोग यहां काम नहीं आएंगे.’ इससे पहले मंगलवार की सुबह मनसे समर्थकों को भारी नारेबाजी के बीच पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते देखा गया, क्योंकि मीरा-भायंदर में प्रवेश करने से रोकने के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया गया. पुलिस ने 1 जुलाई की घटना के सिलसिले में भारतीय न्याय संहिता के तहत दंगा, मारपीट और आपराधिक धमकी के आरोप में सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. बाद में आरोपियों को नोटिस देकर रिहा कर दिया गया.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें
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Location :
Mumbai,Maharashtra