Last Updated:July 08, 2025, 20:47 IST
Bharat Bandh: देश की सभी बड़ी ट्रेड यूनियनों ने कल 9 जुलाई को देशव्यापी आम हड़ताल की अपील की है. इसमें कई किसान और खेतिहर मजदूर संगठन भी शामिल हो गए हैं.

कल मजदूरों ने भारत बंद का आयोजन किया है.(Image:PTI)
Bharat Bandh on 9 July 2025: बैंकिंग, बीमा, डाक, खनन, कंस्ट्रक्शन समेत दूसरे सेक्टरों के 25 करोड़ से अधिक मजदूरों के बुधवार को देशव्यापी आम हड़ताल या ‘भारत बंद’ में हिस्सा लेने की संभावना है. केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगियों के एक मंच ने घोषणा की है कि सरकार की ‘मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों’ का विरोध करने के लिए यह हड़ताल की जाएगी. दस यूनियनों के मंच ने एक बयान में राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है. बयान में कहा गया है कि औपचारिक और अनौपचारिक/असंगठित इकोनॉमी के सभी सेक्टर में यूनियनों ने आम हड़ताल की तैयारी शुरू कर दी है.
ट्रेड यूनियनों ने क्या घोषणा की है?
अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की अमरजीत कौर के अनुसार, इस हड़ताल में किसानों और ग्रामीण मजदूरों की भी भागीदारी होगी. इससे देश भर में सार्वजनिक सेवाएं बाधित हो सकती हैं. दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगियों के एक मंच बुधवार को देशव्यापी आम हड़ताल या ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है. ट्रेड यूनियन नेताओं के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा और कृषि श्रमिक यूनियनों के संयुक्त मोर्चे ने 9 जुलाई के भारत बंद को समर्थन दिया है और ग्रामीण भारत में बड़े पैमाने पर लामबंदी करने का फैसला किया है.
श्रमिकों की मांगें क्या हैं?
– बेरोजगारी की समस्या का समाधान, स्वीकृत पदों पर भर्ती.
– अधिक नौकरियां पैदा करना
– मनरेगा श्रमिकों के कार्य दिवस और पारिश्रमिक में वृद्धि तथा शहरी क्षेत्रों के लिए समान कानून बनाना.
सार्वजनिक सेवाओं पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) के हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा है कि हड़ताल के कारण बैंकिंग, डाक, कोयला खनन, कारखाने और राज्य परिवहन सेवाएं प्रभावित होंगी. हालांकि, बैंकिंग और रेलवे यूनियनों ने बैंकों के बंद होने या ट्रेन सेवाओं में बाधा की आधिकारिक तौर पर अलग से पुष्टि नहीं की है. ट्रेड यूनियन के अनुसार, 9 जुलाई को स्कूल, कॉलेज और निजी कार्यालय खुले रहने की संभावना है, जबकि परिवहन सुविधाएं प्रभावित रहेंगी. सार्वजनिक परिवहन के साधन जैसे बसें, टैक्सियां और ऐप-आधारित कैब सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi