Last Updated:July 09, 2025, 01:57 IST
Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट में बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सुनवाई 10 जुलाई को होगी. अश्विनी उपाध्याय ने अवैध विदेशी घुसपैठियों को रोकने के लिए एसआईआर की मांग की है.

सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगा.
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट में बिहार की मतदाता सूची पर सुनवाई 10 जुलाई को होगी.अश्विनी उपाध्याय ने अवैध विदेशी घुसपैठियों को रोकने की मांग की है.मतदाता सूचियों की विशेष गहन जांच की आवश्यकता है.नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का अनुरोध किया गया है, विशेष रूप से देश में संसदीय, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों से पहले. शीर्ष अदालत ने सोमवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 10 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की.
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मंगलवार को याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय से कहा कि मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने से पहले प्रक्रियागत खामियों को दूर किया जाए. उपाध्याय ने निर्वाचन आयोग के कदम का विरोध करने वाली लंबित याचिकाओं के साथ इस मामले को भी तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था.
उपाध्याय ने उनकी याचिका पर 10 जुलाई को अन्य याचिकाओं के साथ ही सुनवाई करने का अनुरोध किया. उनकी याचिका में निर्वाचन आयोग को एसआईआर आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल भारतीय नागरिक ही राजनीति और नीति का निर्णय लें, न कि ‘अवैध विदेशी घुसपैठिए’.
उनकी याचिका में कहा गया, ‘स्वतंत्रता के बाद बड़े पैमाने पर अवैध घुसपैठ, छलपूर्ण धर्मांतरण और जनसंख्या विस्फोट के कारण 200 जिलों और 1,500 तहसीलों की जनसांख्यिकी बदल गई है. जनसांख्यिकी ही नियति है और दर्जनों जिलों में पहले से ही ऐसे लोगों द्वारा अपनी नियति तय होते हुए देखी जा रही है जो भारतीय नहीं हैं.’
इसमें कहा गया है कि चुनावों के माध्यम से एक राष्ट्र अपनी राजनीति और नीति को आकार देता है, और इसलिए, यह केंद्र, राज्य और ईसीआई का संवैधानिक कर्तव्य है कि वे यह सुनिश्चित करें कि केवल वास्तविक नागरिक ही संसदीय, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में अपना वोट डालें, न कि विदेशी. याचिका में कहा गया है, “इसके लिए समय-समय पर मतदाता सूचियों की विशेष गहन जांच आवश्यक है.”
इसमें कहा गया है कि बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूचियों में अनुमानतः 8,000-10,000 अवैध, दोहरी और फर्जी प्रविष्टियां हैं तथा 2,000-3,000 मतों की मामूली विसंगतियां भी चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं. बिहार में चुनाव से पहले एसआईआर कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों कांग्रेस, राकांपा (शरद पवार), शिवसेना (उबाठा), समाजवादी पार्टी, झामुमो, भाकपा और भाकपा (माले) के नेताओं की संयुक्त याचिका सहित कई नई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गईं.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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