Last Updated:May 19, 2025, 11:29 IST
Ratan Tata Will : दिवंगत रतन टाटा की वसीयत में फैमिली से बाहर के शामिल एकमात्र व्यक्ति मोहिनी मोहन दत्ता ने भी वसीयत की शर्तों को स्वीकार कर लिया है. इसके बाद वसीयत को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी. द...और पढ़ें

रतन टाटा की वसीयत में उनके दोस्त दत्ता का नाम भी शामिल है.
हाइलाइट्स
रतन टाटा की वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता को 588 करोड़ मिलेंगे.दत्ता ने वसीयत की शर्तों को स्वीकार कर लिया है.वसीयत में 24 लाभार्थी शामिल हैं, जिनमें दत्ता भी हैं.नई दिल्ली. दिवंगत बिजनेसमैन रतन टाटा की वसीयत में फैमिली के बाहर से सिर्फ एक व्यक्ति का नाम शामिल है. उन्हें रतन टाटा ने अपने एस्टेट में एक तिहाई हिस्सेदार माना है और वसीयत के तहत एस्टेट के बाजार मूल्य का एक तिहाई हिस्सा मिलेगा. माना जा रहा है कि यह करीब 588 करोड़ रुपये हो सकता है. रतन टाटा ने अपनी 3,900 करोड़ रुपये की संपत्ति की वयीयत में सौतेली बहनों समेत कई लोगों को हिस्सेदार बनाया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, रतन टाटा ने फैमिली के बार से सिर्फ एक व्यक्ति मोहिनी मोहन दत्ता को वसीयत में शामिल किया है. दत्ता ताज होटल्स ग्रुप के पूर्व निदेशक हैं. दत्ता ने पहले वसीयत की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया था, लेकिन अब उन्होंने शर्तों को स्वीकार कर लिया है. इसके तहत दत्ता को वसीयत में शामिल शर्तों के तहत शेष संपत्ति मिल जाएगी. दत्त की मंजूरी मिलने के साथ ही अब वसीयत को लागू करने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी.
वसीयत में 24 लाभार्थी शामिल
रतन टाटा की वसीयत में 77 वर्षीय दत्ता के अलावा करीब 24 लाभार्थी शामिल हैं. दत्ता ने वसीयत में शामिल संपत्ति के मूल्य को लेकर सवाल उठाए थे. वसीयत के अनुसार, रतन टाटा की शेष संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा दत्ता को मिलेगा, जबकि दो तिहाई हिस्सा रतन टाटा की सौतेली बहनों दीना जीजीभॉय और शिरीन जीजीभॉय को दिया जाएगा. इस संपत्ति में अचल संपत्तियां और शेयर शामिल नहीं हैं. उनकी सौतेली बहनें वसीयत की निष्पादक भी हैं.
रेजीडुअल एस्टेट में क्या-क्या शामिल
रतन टाटा की वसीयत में जिस रेजीडुअल एस्टेट का जिक्र किया गया है, उसमें बैंक डिपॉजिट, फॉरेन करेंसी नोट और कीमती क्रिस्टल व आर्टिफैक्ट शामिल हैं. इसकी कुल कीमत करीब 1,764 करोड़ रुपये बताई जाती है और इसका एक तिहाई हिस्सा यानी 588 करोड़ रुपये दत्ता के हिस्से आएंगे. इसके अलावा दत्ता के पास टाटा कैपिटल के 1 लाख से ज्यादा शेयर भी हैं, जिनकी वैल्यू आज 10 करोड़ रुपये से भी अधिक बताई जाती है.
कोर्ट ने जारी किया था समन
दत्ता ने शुरुआत में वसीयत की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया था, लेकिन इसमें एक नियम यह भी था कि अगर कोई वसीयत को चैलेंज करता है तो उसे सभी तरह के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा. वसीयत के अन्य लाभार्थियों ने इसे लागू करने के लिए कोर्ट का रुख किया था, जहां कोर्ट ने सभी पक्षकारों को समन जारी कर उनसे अपना पक्ष रखने को कहा था. अब जबकि दत्ता ने इस वसीयत को स्वीकार कर लिया है तो इसे लागू करने की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी.
588 करोड़ पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
दत्ता को वसीयत के तहत मिलने वाली 588 करोड़ की संपत्ति पर कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा, क्योंकि भारतीय कानून के तहत इस तरह से मिलने वाली संपत्ति को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है. दत्ता की मुलाकात रतन टाटा से झारखंड के जमशेदपुर में हुई थी. तब रतन टाटा 25 साल के और दत्ता महज 13 साल के थे. टाटा ने दत्ता को मुंबई बुलाया और उनकी फंडिंग से एक ट्रैवल एजेंसी खुलवा दी. बाद में इस एजेंसी का विलय टाटा कैपिटल्स में हो गया और ताज ग्रुप का कामकाज भी यही एजेंसी देखती थी. साल 2019 तक दत्ता इस ताज ग्रुप के निदेशक रहे और बाद में इस एजेंसी को थॉमस कुक के हाथों बेच दिया गया.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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