तहव्वुर राणा को अमेरिकी जेल में मिलता था कैसा खाना-पीना,अब भारत में क्या खाएगा

1 month ago

Tahawwur Rana Extradition: 26/11 का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा अब भारत के कब्जे में है. मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए गिरफ्तारी के लगभग 16 साल बाद अमेरिका से उसे प्रत्यर्पित किया जा रहा है. उसे स्पेशल प्लेन से भारत लाया जा रहा है. तहव्वुर राणा को ला रहा स्पेशल प्लेन गुरुवार को दोपहर तक दिल्ली में उतरेगा. सूत्रों के अनुसार, राणा के दिल्ली पहुंचने पर उसे न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की संभावना है. राणा को संभवतः दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा.

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के तीन वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम तीन खुफिया अधिकारियों के साथ तहव्वुर राणा की कस्टडी लेने के लिए रविवार को अमेरिका पहुंची थी. इससे पहले, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी थी. सूत्रों ने बताया कि भारतीय टीम ‘आत्मसमर्पण वारंट’ की पुष्टि होने के बाद अमेरिका के लिए रवाना हुई. यह किसी भगोड़े अपराधी को विदेशी राज्य के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए आवश्यक है.

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मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता
64 वर्षीय तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है. वह लश्कर-ए-तैयबा के जासूस डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी है, जो 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है. तहव्वुर राणा को अमेरिका में लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया था. राणा के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ करते हुए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को उसकी समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी. 

इस हमले में मारे गए थे 166 लोग
26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग से भारत की आर्थिक राजधानी में घुसपैठ करने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो लक्जरी होटलों और यहूदियों के एक केंद्र पर हमला किया था. लगभग 60 घंटे तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिससे पूरे देश में सनसनी फैल गई थी. यहां तक ​​कि भारत और पाकिस्तान युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे. 26/11 मुंबई हमलों के एक आरोपी मोहम्मद अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था. कसाब को मुंबई की एक विशेष अदालत ने मई 2010 में फांसी की सजा सुनाई और 21 नवंबर, 2012 को पुणे की येरवड़ा सेंट्रल जेल में फांसी दी गई.

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राणा को क्या मिलता था डिटेंशन सेंटर में
तहव्वुर राणा जब  डिटेंशन सेंटर में बंद था तो उसे वहां कैदियों को मिलने वाली सामान्य जेल सुविधाएं प्रदान की गई थीं. इसमें भोजन, चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा शामिल है. जेल में कैदियों को दिन में तीन बार भोजन दिया जाता है, जो कि पोषण संबंधी मानकों के अनुसार होता है. यह भोजन आमतौर पर साधारण और संतुलित होता है, जैसे ब्रेड, सब्जियां, फल, और कभी-कभी मांसाहारी भोजन. तहव्वुर राणा ने अपनी याचिका में बताया था कि वह कई बीमारियों से पीड़ित है, जैसे पार्किंसंस रोग. इसलिए उसे चिकित्सा सुविधा भी दी गई होगी. अमेरिकी जेलों में भोजन का मेन्यू कैदियों के स्वास्थ्य और धार्मिक जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है. अगर किसी कैदी ने विशेष धार्मिक आहार की मांग की हो, तो उसे वह प्रदान किया जाता है. राणा पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम था, इसलिए संभावना है कि उसे हलाल भोजन दिया गया होगा.

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भारतीय जेलों में भोजन की व्यवस्था
भारतीय जेलों में सामान्यत: साधारण भोजन दिया जाता है, जिसमें दाल, रोटी, चावल और सब्जियां शामिल होती हैं. गृह मंत्रालय के मॉडल प्रिजन मैनुअल में यह सुनिश्चित किया गया है कि कैदियों को उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भोजन दिया जाए. हालांकि, यह राज्य सरकारों की नीतियों और जेल के बजट पर निर्भर करता है. यदि कोई कैदी धार्मिक कारणों से विशेष प्रकार का भोजन मांगता है, जैसे कि शाकाहारी, हलाल, या व्रत के दौरान उपवास का भोजन, तो जेल प्रशासन इसे प्रदान करने की कोशिश करता है. नॉनवेज खाना आमतौर पर नहीं दिया जाता, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में या कैदी द्वारा कैंटीन से खरीदने पर यह उपलब्ध हो सकता है.

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क्या जेल में कैदियों को फल मिलते हैं
भारतीय जेलों में कैदियों को फल खाने की व्यवस्था आमतौर पर उनके स्वास्थ्य और धार्मिक आवश्यकताओं के आधार पर की जाती है. जेल मैनुअल के अनुसार, कैदियों को संतुलित आहार दिया जाता है, जिसमें आमतौर पर दाल, चावल, रोटी और सब्जियां शामिल होती हैं. फल नियमित रूप से नहीं दिए जाते हैं, लेकिन विशेष परिस्थितियों में जैसे बीमारी या उपवास के दौरान फल उपलब्ध कराए जा सकते हैं. वीआईपी कैदियों को अक्सर बेहतर सुविधाएं दी जाती हैं, जिसमें बाहर से खाना मंगवाने या विशेष डाइट (जिसमें फल भी शामिल हो सकते हैं) की अनुमति मिलती है. उदाहरण के तौर पर, कुछ वीआईपी कैदियों को जेल में अलग से खाना बनवाने की सुविधा दी जाती है. यदि कोई कैदी धार्मिक उपवास करता है या किसी चिकित्सीय कारण से फल मांगता है, तो जेल प्रशासन इसे प्रदान करने का प्रयास करता है. दिल्ली जेल नियम 2018 के तहत व्रत या उपवास के दौरान विशेष आहार उपलब्ध कराने का प्रावधान है.

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राणा सामान्य कैदी होगा या वीआईपी
तहव्वुर राणा को भारतीय जेल में सामान्य कैदी के रूप में नहीं रखा जाएगा, बल्कि उन्हें विशेष सुरक्षा वाले वार्ड में रखा जाएगा. यह जानकारी है कि उन्हें दिल्ली के तिहाड़ जेल के हाई सिक्योरिटी वाले वार्ड में रखा जा सकता है. राणा को वीआईपी कैदियों की तरह विशेष सुरक्षा दी जाएगी, जो उसके हाई प्रोफाइल और सुरक्षा जोखिम के कारण है. उसकी सुरक्षा के लिए जेल में विशेष इंतजाम किए गए हैं. हालांकि सामान्य तौर पर वीआईपी कैदियों को बेहतर सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन राणा के मामले में यह स्पष्ट नहीं है कि उसे कौन सी विशेष सुविधाएं दी जाएंगी. 

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जेल में कैसी होगी राणा की सुरक्षा
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सूत्रों ने बताया कि तिहाड़ जेल प्रशासन से कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने उसके सेल का सुरक्षा मूल्यांकन भी शुरू कर दिया है. उसे हाई सिक्योरिटी वाले वार्ड में रखा जा सकता है. उसके सेल में सीसीटीवी कैमरे होंगे और बाथरूम की सुविधा भी होगी और जेल प्रशासन उसकी गतिविधियों पर चौबीसों घंटे नजर रखेगा. राणा की स्थिति को देखते हुए उसे सामान्य कैदियों से अलग रखा जाएगा और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. 

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