Last Updated:November 25, 2025, 22:56 IST
जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार पर पीएम मोदी का सख्त रुख साफ है, कोई दोषी बचेगा नहीं. राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई पूरी होने तक फंड रोकें. यूपी ने कई मामलों में वसूली और परियोजना क्षेत्र घटाया. केंद्र ने सभी राज्यों से डेटा सत्यापन और निगरानी बढ़ाने को कहा. सीबीआई और एंटी-करप्शन ब्यूरो भी जांच में जुटे हैं. मिशन अब केवल पानी नहीं, स्वच्छ प्रशासन भी सुनिश्चित कर रहा है.
पीएम मोदी ने सख्त रुख अख्तियार किया. (File Photo)नई दिल्ली. जल जीवन मिशन (JJM) में भ्रष्टाचार और डेटा में हेरफेर के आरोप पर पीएम नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जाहिर की. प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट और सख्त संदेश दिया है कि कोई भी दोषी बचेगा नहीं. केंद्रीय सूत्रों के अनुसार, मिशन में जिन राज्यों में अनियमितताएं सामने आई हैं, वहां तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने का आदेश दिया गया. प्रधानमंत्री ने कहा है कि जो भी गड़बड़ी में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. राज्यों को यह भी निर्देश दिया गया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई पूरी होने तक मिशन के लिए कोई फंड जारी नहीं किया जाएगा. यूपी ने इसका पालन करते हुए 119 मामलों में से 113 में अनुबंधों पर 0.1% से 10% तक की वसूली की, जबकि बाकी छह मामलों में परियोजनाओं का क्षेत्र घटा दिया गया.
कार्रवाई पूरी होने तक फंड जारी नहीं होगा
प्रधानमंत्री मोदी ने जल जीवन मिशन में अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई शुरू की है. केंद्र ने विभिन्न राज्यों में फर्जी आंकड़े और अनुबंधों में गड़बड़ी मिलने पर तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए. अब तक कुल 129 करोड़ रुपये की वसूली और दंडात्मक कार्रवाई की जा चुकी है. केंद्र ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई पूरी होने तक फंड जारी न करें. इस कदम से JJM में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है. केंद्रीय टीमों ने सभी राज्यों से डेटा की पुनः जांच, अनुबंधों का सत्यापन और जमीन पर काम की निगरानी बढ़ाने को कहा है. केवल दस्तावेजी आंकड़ों पर भरोसा नहीं किया जाएगा. यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि मिशन में दिखावे के लिए बनाए गए आंकड़े अब समाप्त हों और हर गांव तक वास्तविक, स्वच्छ पानी पहुंचे.
सख्ती का दिखा असर
प्रधानमंत्री के सख्त रुख का असर राज्यों में भी दिख रहा है. तमिलनाडु, त्रिपुरा, गुजरात, असम, महाराष्ट्र और कर्नाटक ने तेजी से सुधारात्मक कार्रवाई शुरू की है. जबकि झारखंड, केरल और पश्चिम बंगाल में अभी भी प्रक्रिया धीमी है, केंद्र ने उन राज्यों को चेतावनी दी है कि पारदर्शिता में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. केंद्र ने सीबीआई और राज्य एंटी-करप्शन ब्यूरो को भी निर्देश दिया है कि वे हेरफेर के मामलों की तेजी से जांच करें. मिशन के सभी अधिकारियों और ठेकेदारों को यह स्पष्ट संदेश मिल चुका है कि JJM में कोई भी अनियमितता अनसुलझी नहीं रहेगी.
भ्रष्टाचारियों को चेतावनी
प्रधानमंत्री का सख्त रुख न केवल भ्रष्टाचारियों के लिए चेतावनी है बल्कि यह JJM को केवल पानी देने वाली योजना नहीं बल्कि विश्वसनीय और पारदर्शी मिशन बनाने की दिशा में निर्णायक कदम भी है. अब ग्रामीण घरों तक स्वच्छ पानी पहुंचाने के साथ-साथ मिशन की कार्यप्रणाली भी पूरी तरह जांच और निगरानी के दायरे में आ गई है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 25, 2025, 22:51 IST

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