Last Updated:November 25, 2025, 20:34 IST
Crude Price Forecast : कच्चे तेल की कीमतों में अभी उछाल दिख रहा है और ब्रेंट क्रूड 60 से 65 डॉलर के बीच ट्रेड कर रहा. लेकिन, जेपी मॉर्गन का कहना है कि अगले 2 साल में यह गिरकर 30 डॉलर के आसपास रहने का अनुमान है.
कच्चे तेल की कीमतों में 2 साल के भीतर बड़ी गिराावट का अनुमान. नई दिल्ली. ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें अभी 65 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं, लेकिन जल्द ही इसकी कीमत आधी से भी कम रह जाएगी. सुनकर यकीन तो आपको भी नहीं हुआ होगा, लेकिन दुनिया की सबसे भरोसेमंद एनालिसिस कंपनी जेपी मॉर्गन ने पूरे सबूत के साथ इसकी भविष्यवाणी की है. जेपी मॉर्गन ने कहा है कि एनर्जी बाजार आने वाले कुछ समय में बड़े बदलाव का गवाह बनने जा रहा है. कंपनी ने अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि ब्रेंट क्रूड की कीमत वित्तवर्ष 2027 के आखिर तक यानी मार्च, 2027 तक गिरकर 30 डॉलर के आसपास पहुंच जाएगी. माना जा रहा है कि अगर क्रूड की कीमत कम होगी तो घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल भी सस्ता हो सकता है.
ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक जेपी मॉर्गन ने कहा है कि अगले तीन साल तक तेल की खपत लगातार बढ़ेगी, लेकिन ग्लोबल मार्केट में इसकी सप्लाई लगातार बढ़ने वाली है. यह सप्लाई डिमांड से कहीं ज्यादा रहने वाली है, जिसका सीधा असर कच्चे तेल की कीमतों पर भी पड़ेगा. जेपी मॉर्गन ने कहा है कि गैर ओपेक देशों से तेल की सप्लाई आने वाले समय में ज्यादा रहने वाली है, जो बढ़ती डिमांड को भी पूरा करेगी और कीमतों पर भी असर डालेगी. ऐसा होता है तो भारत जैसे देशों के लिए यह बड़ी राहत वाली बात होगी, क्योंकि यहां 84 फीसदी खपत आयात पर ही निर्भर करती है.
कितनी बढ़ने वाली है डिमांड
जेपी मॉर्गन की मानें तो साल 2025 में ग्लोबल तेल की डिमांड 9 लाख बैरल रोजाना की दर से बढ़ने का अनुमान है. ऐसा होता है तो कुल खपत 10.55 करोड़ बैरल प्रतिदिन पहुंच जाएगी. यह ग्रोथ साल 2026 और 2027 में भी बनी रहने की उम्मीद है, जिसमें 12 लाख बैरल तक उछाल आ सकता है. हालांकि, डिमांड के मुकाबले सप्लाई और भी ज्यादा तेजी से बढ़ने का अनुमान लगाया है. मॉर्गन ने कहा है कि साल 2025 और 2026 में डिमांड की तुलना में सप्लाई तीन गुना तक बढ़ सकती है. साल 2027 में सप्लाई थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन यह डिमांड के मुकाबले फिर भी काफी ज्यादा रहने वाली है.
क्या है सप्लाई बढ़ने का कारण
जेपी मॉर्गन ने कहा है कि अभी तक दुनिया को तेल सप्लाई का सबसे ज्यादा जिम्मा ओपेक देशों पर रहता था, लेकिन अब गैर ओपेक देशों से होने वाली सप्लाई लगातार बढ़ रही है. ग्लोबल बैंक का कहना है कि साल 2027 तक होने वाली ग्लोबल सप्लाई में आधा हिस्सा ओपेक के बाहरी देशों का होगा. इसमें ऑफशोर प्रोजेक्ट और शेल ऑयल का योगदान सबसे ज्यादा रहने वाला है. मॉर्गन ने कहा कि पहले ऑफशोर सेक्टर को महंगा और अस्थितर माना जाता था, लेकिन नई तकनीक आने से यह कम लागत वाला और अधिक भरोसेमंद सेक्टर बन गया है. ऑफशोर सेक्टर से साल 2025 में 5 लाख बैरल प्रतिदिन, 2026 में 9 लाख बैरल और 2027 में 4 लाख बैरल प्रतिदिन की सप्लाई होने का अनुमान है.
शेल ऑयल का बढ़ रहा उत्पादन
ग्लोबल मार्केट में शेल ऑयल के प्रोडक्शन और सप्लाई में तेजी आ रही है. अमेरिका में शेल ऑयल की ग्रोथ धीमी है, लेकिन स्थिर बनी हुई है. हालांकि, दक्षिणी अमेरिका जैसे अर्जेंटीना के वाका मुर्टा क्षेत्र में कम लागत और बेहतर इन्फ्रा के कारण तेजी से प्रोडक्शन बढ़ रहा है. साल 2025 में शेल ऑयल की सप्लाई 8 लाख बैरल प्रतिदिन के आसपास रही और अगर क्रूड की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी रहती है तो साल 2026 में भी 4 लाख बैरल और 2027 में 5 लाख बैरल की और ग्रोथ हो सकती है. शेल ऑयल एक प्रकार का हाइड्रोकार्बन है, जो ऑयल शेल नामक अवसादी चट्टानों में फंसा होता है. यह पारंपरिक कच्चे तेल से अलग होता है और चट्टानों को गर्म करके इसे निकाला जाता है.
बढ़ रहा दुनिया का तेल भंडार
ग्लोबल मार्केट में तेल की सप्लाई बढ़ने के साथ ही इसका भंडार भी बढ़ता जा रहा है. साल 2025 के आखिर तक ग्लोबल भंडार 15 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ा है, जिसमें 10 लाख बैरल प्रतिदिन पानी पर स्टोर है या फिर चीन में स्टॉक भरा है. जेपी मॉर्गन ने कहा कि साल 2026 में यह अतिरिक्त आपूर्ति बाजार में आ सकती है और स्टॉक बढ़कर 28 लाख बैरल प्रतिदिन जबकि साल 2027 में 27 लाख बैरल प्रतिदिन तक जा सकता है.
कहां तक जाएगी क्रूड की कीमत
जेपी मॉर्गन ने अनुमान लगाया है कि सप्लाई में यह ग्रोथ आती है तो डिमांड के मुकाबले यह काफी ज्यादा होगी. इससे कीमतों पर निश्चित रूप से दबाव बढ़ेगा. साल 2026 में ब्रेंट क्रूड का भाव 60 डॉलर तो अगले साल के आखिर तक 50 डॉलर से भी नीचे चली जाएगी. साल 2027 में इसकी औसत कीमत 42 डॉलर और साल के आखिर तक गिरकर 30 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रह जाएगी. मॉर्गन ने कहा है कि भले ही यह गिरावट पूरी तरह न दिखे, लेकिन अगले दो साल तक इस पर दबाव बने रहने में कोई संशय नहीं है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 25, 2025, 20:34 IST

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