ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि चीन के 17 सैन्य विमानों और 7 नौसैनिक जहाजों की गतिविधियां ताइवान के आसपास देखी गई हैं. यह गतिविधियां शनिवार सुबह 6 बजे (स्थानीय समय) तक दर्ज की गईं. मंत्रालय के मुताबिक 17 में से 8 चीनी सैन्य विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा पार की और ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में प्रवेश किया. चीन की इस सैन्य गतिविधि के जवाब में ताइवान की सेनाओं ने हालात की निगरानी की और अपने विमानों, नौसैनिक पोतों व तटीय रक्षा प्रणालियों को एक्टिव कर जवाबी कार्रवाई की.
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी करते हुए कहा,'आज सुबह 6 बजे तक ताइवान के आसपास पीएलए (चीन की सेना) के 17 सैन्य विमान और पीएलए नेवी के 7 पोत देखे गए. इनमें से 8 विमानों ने मध्य रेखा को पार करते हुए दक्षिण-पश्चिमी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में प्रवेश किया. हमने स्थिति की निगरानी की और आवश्यक कार्रवाई की.'
यह ताजा घुसपैठ शुक्रवार को हुई इसी तरह की घटना के बाद सामने आई है. शुक्रवार को ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि सुबह 6 बजे तक चीन के 26 सैन्य विमान 7 नौसैनिक पोत और एक आधिकारिक जहाज ताइवान की सीमा के पास देखे गए थे. उस दिन 26 में से 24 विमान मध्य रेखा पार कर ताइवान के उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में घुसे थे.
ताइवान ने दी प्रतिक्रिया
ताइवान ने तब भी निगरानी कर जवाबी कदम उठाए थे. मंत्रालय ने शुक्रवार को एक्स पर लिखा,'आज सुबह 6 बजे तक ताइवान के चारों तरफ पीएलए के 26 सैन्य विमान, पीएलए नेवी के 7 पोत और एक आधिकारिक जहाज देखे गए. इनमें से 24 विमानों ने मध्य रेखा पार की और ताइवान के उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में प्रवेश किया. हमने हालात की निगरानी की और प्रतिक्रिया दी.'
चीन और ताइवान का क्या झगड़ा है?
बता दें कि ताइवान 1949 से स्वतंत्र रूप से शासित है, लेकिन चीन उसे अपने 'वन चाइना सिद्धांत' के तहत अपना हिस्सा मानता है और बीजिंग के साथ फिर से एकीकरण की मांग करता है. लगातार चीनी सैन्य दबाव के बीच ताइवान की सेना हाई अलर्ट पर है और द्वीप की संप्रभुता की रक्षा व क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए लगातार निगरानी व जवाबी कार्रवाई कर रही है.
(इनपुट-आईएएनएस)
FAQ
चीन और ताइवान के बीच क्या विवाद है
ताइवान खुद को स्वतंत्र देश मानता है, जबकि दूसरी तरफ चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है.
एशिया का सबसे पुराना विवाद कौन सा है?
कहा जाता है कि एशिया का सबसे पुराना विवाद भी चीन और ताइवान का है. यह एशिया का एक सबसे पुराना और संवेदनशील भू-राजनीतिक विवाद है.