गुरुग्राम से हिंद महासागर क्षेत्र की निगरानी, नेवी में शामिल हुआ INS अरावली

2 days ago

Last Updated:September 12, 2025, 18:19 IST

INS ARAVALI: INS अरावली में स्थित इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट एंड एनालिटिक सेंटर (IMAC) में बड़ी सी स्क्रीन पर समंदर में हो रही हर हरकत और गतिविधियों को मॉनिटर किया जाता है. आईमेक की स्क्रीन पर भारतीय नौसेना के सिस्टम के जरिए मिल रही फीड के साथ ही दूसरे देशों से मिल रही फीड पर लगातार नजर रखी जाती है. दूसरे मित्र देशों की नेवी को किसी भी खतरे को लेकर तुरंत सूचित किया जाता है. IFC-IOR में तो कई देशों के नौसैन्य अधिकारी भी हैं तैनात.

गुरुग्राम से हिंद महासागर क्षेत्र की निगरानी, नेवी में शामिल हुआ INS अरावलीनेवी में शामिल हुआ INS अरावली

INS ARAVALI: दिल्ली NCR में नौसेना का नया नेवल बेस कमिशन हो गया है. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की मौजूदगी में इसे आधिकारिक तौर पर नौसेना में शामिल किया गया. कमीशनिंग समारोह में नेवी चीफ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. यूनिट के पहले कमांडिंग ऑफिसर, कैप्टन सचिन कुमार सिंह ने संस्कृत में प्रार्थना का पाठ किया और उसके बाद कमीशनिंग वारंट पढ़ा. NWWA की अध्यक्ष, शशि त्रिपाठी ने कमीशनिंग पट्टिका का अनावरण किया और राष्ट्रीय गान की धुन पर नौसेना का ध्वज फहराया गया. इस मौके पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि INS अरावली एक मजबूत प्रशासनिक और लॉजिस्टिक सपोर्ट की नींव प्रदान करता है. “यह नया बेस न केवल टेक्नोलॉजी का हब होगा, बल्कि हमारे प्लेटफार्मों और साझेदारों को महासागरों के पार जोड़ने वाला सहयोग का केंद्र भी होगा, जो हमारे प्रधानमंत्री के सहयोगी दृष्टिकोण ‘महासागर’ (म्यूचुअल एंड होलिस्टिक एडवांसमेंट फॉर सिक्योरिटी एंड ग्रोथ एक्रॉस रीजन) का सच्चा प्रतीक है.”

समंदर पर होगी पैनी नजर
नीला समंदर जितना बड़ा है, उतनी ही बड़ी चुनौती होती है हर इलाके पर नजर रखना. लेकिन भारतीय नौसेना ना सिर्फ अपने समुद्री क्षेत्र की निगरानी करती है बल्कि मित्र देशों के साथ जानकारी भी साझा करती है. ऐसा सेंटर दिल्ली NCR के गुरुग्राम में साल 2018 को स्थापित किया गया था. इसका नाम है इनफॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर- इंडियन ओशन रीजन (IFC-IOR). इसका मकसद है हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में मेरिटाइम डोमेन अवेयरनेस (Maritime Domain Awareness-MDA) को बढ़ाना और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करना. इस सेंटर के इंफॉरमेशन मैनेजमेंट एंड एनालिसिस सेंटर (IMAC) के मॉनिटरिंग रूम में हिंद महासागर क्षेत्र में मूव करने वाले हर शिप को मॉनिटर किया जा सकता है. अगर किसी भी तरह का खतरा या फिर कोई दुर्घटना दिखती है तो तुरंत उसकी जानकारी संबंधित कमांड को भेज दी जाती है. साथ ही तटीय इलाकों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जाता है. यह सेंटर नेवी के सभी बेस के साथ सैटेलाइट के जरिए कनेक्ट है और किसी भी तरह की जानकारी को तुरंत रीले कर सकता है. लाइव टाइम मॉनिटरिंग भी की जाती है.

गेमचेंजर है INS अरावली
हिंद महासागर क्षेत्र से दुनिया का 80% से ज्यादा तेल और 75% समुद्री व्यापार होता है, जो कि रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है. IFC-IOR इस क्षेत्र में सुरक्षा और सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. INS अरावली में मौजूद IFC-IOR का मुख्य काम है समुद्री डकैती, आतंकवाद, तस्करी, अवैध मछली पकड़ने (IUU Fishing), और मानव तस्करी जैसे गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना. यह सेंटर सूचनाओं के आदान-प्रदान, समन्वय और विशेषज्ञता के जरिए शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर क्षेत्र की दिशा में काम करता है. 25 देशों के 43 मल्टीनैशनल सेंटर के सिस्टम की लाइव फीड यहां मिलती है. IFC-IOR ने 28 देशों के साथ 76 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय संपर्क स्थापित किए हैं. इसमें 12 इंटरनेशनल लायजिंग ऑफिसर ( Liaison Officers – ILO) शामिल हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जापान, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे देश शामिल हैं.

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First Published :

September 12, 2025, 18:19 IST

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