गिरकर-टूटकर ही मिलेगा उठने का जज्बा, भरपूर हौसला देंगे ये 20 प्रेरक कोट्स

2 days ago

Last Updated:September 12, 2025, 11:29 IST

Hindi Diwas 2025: 14 सितंबर को देशभर में हिंदी दिवस मनाया जाएगा. इस खास अवसर पर हिंदी साहित्य के लेखकों, कवियों के यादगार कोट्स पढ़े और सुनाए जाते हैं.

गिरकर-टूटकर ही मिलेगा उठने का जज्बा, भरपूर हौसला देंगे ये 20 प्रेरक कोट्सHindi Diwas 2025: हिंदी दिवस के अवसर पर ये प्रेरक कोट्स आपको हिम्मत देंगे

नई दिल्ली (Hindi Diwas 2025). भारत में हिंदी भाषा का काफी महत्व है. इसीलिए 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस खास अवसर पर हिंदी के लेखकों के कोट्स काफी पढ़े और सुने जाते हैं. अगर आप या आपका कोई करीबी हताश महसूस कर रहा हो या परीक्षा में फेल हुए हों तो ये मोटिवेशनल कोट्स जिंदगी में नई राह दिखा सकते हैं. हमेशा याद रखिए कि जीवन में सफलता और असफलता, दोनों ही बराबर महत्व रखते हैं.

परीक्षा में असफल होने पर ज्यादातर लोगों को लगता है कि अब सब कुछ खत्म हो गया है. वे निराश होकर आत्मविश्वास खो बैठते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि असफलता अंत नहीं, बल्कि नए प्रयास की शुरुआत है. जिस तरह बीज के टूटे बिना अंकुर नहीं निकलता, उसी तरह असफलता भी हमें तोड़कर एक नई दिशा दिखाती है. एक परीक्षा में हार जाना यह साबित नहीं करता कि आप जीवन में असफल है, बल्कि यह बताता है कि अभी और मेहनत करनी है.

हिंदी साहित्य के अनमोल वचन

हिंदी साहित्य के महान लेखक और कवि हमेशा से संघर्ष और धैर्य को जीवन का आधार मानते आए हैं. कबीर ने प्रेम और आत्मज्ञान को सबसे बड़ा ज्ञान बताया, तुलसी ने कर्म को ऊपर रखा और हरिवंश राय बच्चन ने हार से न डरने का संदेश दिया. दिनकर की कविताएं साहस और संघर्ष की मिसाल हैं तो महादेवी वर्मा ने कठिनाइयों को अवसर मानकर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. इन लेखकों ने अपने जीवन और लेखन से दिखाया कि गिरना बुराई नहीं है, बल्कि गिरकर न उठना गलत है. इन लेखकों के विचार हमें बार-बार यही संदेश देते हैं.

परीक्षा में असफल स्टूडेंट्स के लिए 20 प्रेरक कोट्स

कबीर दास – “पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय; ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय.” कबीर दास – “दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय.” सूरदास – “सफलता उसी को मिलती है, जो निरंतर प्रयास करता है.” तुलसीदास – “कर्म प्रधान विश्व करि राखा.” महादेवी वर्मा – “जो न रुके, वही सच्चा साधक है.” हरिवंश राय बच्चन – “जो बीत गई सो बात गई.” हरिवंश राय बच्चन – “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती.” रामधारी सिंह ‘दिनकर’ – “जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध.” रामधारी सिंह ‘दिनकर’ – “हार कर बैठ जाना मृत्यु है, जीत तक लड़ना जीवन है.” सुभद्राकुमारी चौहान – “हम भी देखेंगे एक दिन, जीवन की जीत हमारी होगी.” जयशंकर प्रसाद – “निराशा अंधकार है, आशा ही प्रकाश है.” अज्ञेय – “स्वयं पर विश्वास ही सबसे बड़ा बल है.” महादेवी वर्मा – “जीवन की हर कठिनाई एक नया मार्ग खोलती है.” सुमित्रानंदन पंत – “संघर्ष ही जीवन की पहचान है.” फणीश्वरनाथ रेणु – “जो टूटा है, वही नया बनने की क्षमता रखता है.” प्रेमचंद – “हार की चिंता मत करो, कोशिश में लगे रहो.” प्रेमचंद – “जीवन संघर्ष से ही सुंदर बनता है.” भवानीप्रसाद मिश्र – “जो गिरा है, वही उठने का साहस जानता है.” गजानन माधव मुक्तिबोध – “सपनों के पीछे भागना नहीं, उन्हें साकार करना सीखो.” हरिवंश राय बच्चन – “अभी भी जंग बाकी है, अभी हार मत मानो.”

Deepali Porwal

Having an experience of more than 10 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle (health, beauty, fashion, travel, astrology, numerology), entertainment and career. She has covered...और पढ़ें

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First Published :

September 12, 2025, 11:29 IST

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