Last Updated:December 29, 2025, 19:18 IST
गाजियाबाद में यूपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के स्वागत समारोह में एक अजीबोगरीब वाकया हो गया. जोश और नारेबाजी के बीच एक स्थानीय नेता जी की जेब से 50 हजार रुपये की गड्डी कहीं सरक या फिर किसी ने मार ली. मंच से बार-बार गुहार लगाई गई कि ईमानदार कार्यकर्ता पैसा लौटा दें, लेकिन सेवा में जुटे समर्थकों ने शायद इसे 'पार्टी फंड' समझ लिया. सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है.
पंकज चौधरी के स्वागत कार्यक्रम में नेता जी के बटुए से 50 हजार गायबगाजियाबाद. सोशल मीडिया पर गाजियाबाद के एक नेता जी का समर्पण इन दिनों खूब चर्चा का विषय बना हुआ है. यूपी बीजेपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी का भव्य स्वागत समारोह था. एक नेता जी का उत्साह इतना था कि उनका पॉकेट का अनुशासन ही बिगड़ गया. शहर के एक बड़े ऑडिटोरियम में जब ढोल-नगाड़ों और नारेबाजी के बीच नए नवेले अध्यक्ष जी का आगमन हुआ तो हर कोई उन्हें माला पहनाने और उनके करीब फोटो खिंचवाने की होड़ में था. इसी धक्का-मुक्की और फोटो खिंचवाने के चक्कर में एक नेता जी का किसी ने बटुआ साफ कर दिया. अब क्योंकि भीड़ थी तो मंच से अनाउंसमेंट होने लगा कि 50 हजार की गड्डी गर गई है, किसी के पास है तो कृपया मंच पर पहुंचा दें. लेकिन गुलाबी नोट का मोह कहां कार्यकर्ता को नेता जी तक पहुंचता.
यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पंकड चौधरी का स्वागत कर जैसे ही नेता जी मंच पर पहुंचे और भाषणों का दौर शुरू हुआ, नेता जी ने आदतन अपनी जेब में हाथ डाला. जेब खाली पाकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. 500-500 के नोटों वाली वह गड्डी, जिसे शायद किसी ‘विशेष खर्च’ के लिए रखा गया था, वह अब गायब थी. नेता जी का चेहरा स्वागत के गुलाबों से ज्यादा लाल हो गया. उन्होंने तुरंत अपने करीबियों को इशारा किया और मंच के आसपास जमीन पर नजरें दौड़ानी शुरू कीं. जब बात नहीं बनी, तो मामला अनाउंसमेंट तक पहुंच गया.
गाजियाबाद में किसी नेता जी के जेब से 50 हजार की गड्डी सरक गई, मंच से गुजारिश हो रही कि जिस भी कार्यकर्ता को मिली हो, कृपया दे दे।
नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के स्वागत में ये कार्यक्रम हो रहा था। हालांकि गड्डी नहीं मिल सकी। pic.twitter.com/k1ANi3lcTI
मंच से हुई ‘ईमानदारी’ की भावुक अपील
कार्यक्रम का संचालन कर रहे शख्स ने जैसे ही माइक संभाला, नारे लगने के बजाय एक अजीबोगरीब गुजारिश सुनाई दी. माइक से गूंजा, ‘भाइयों, एक बहुत जरूरी सूचना है. हमारे एक वरिष्ठ नेता जी की 50 हजार रुपये की गड्डी कहीं गिर गई है. जिस भी ईमानदार कार्यकर्ता को वह मिली हो, कृपया उसे मंच पर आकर जमा कर दे. यह बड़े ही दुख की बात है, स्वागत के इस पावन मौके पर ऐसा नहीं होना चाहिए’
सोशल मीडिया पर उड़े मजे
मंच से बार-बार हो रही इस अपील को सुनकर हॉल में मौजूद कार्यकर्ता एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे. कुछ लोग तो जमीन पर नोटों की फसल तलाशने लगे, तो कुछ इस ईमानदारी वाली गुजारिश पर अंदर ही अंदर मुस्करा रहे थे. अनाउंसमेंट करने वाला शख्स बार-बार यह दोहरा रहा था कि ‘ये किसी की मेहनत की कमाई है, इसे लौटा देना ही पुण्य का काम है’ लेकिन राजनीति में पुण्य और पाप की परिभाषाएं अक्सर ‘पॉकेट’ के साथ बदल जाती हैं.
न गड्डी मिली, न ‘ईमानदार’ कार्यकर्ता
करीब आधे घंटे तक मंच से कई बार आग्रह किया गया, लेकिन 50 हजार की वह गड्डी वापस नहीं आई. ऐसा लग रहा था मानो वह गड्डी किसी जादुई तरीके से गायब हो गई हो. वहां मौजूद लोग दबी जुबान में चटकारे लेकर चर्चा करने लगे कि ‘नेता जी ने अध्यक्ष जी का स्वागत करने के लिए इतनी मेहनत की, लेकिन कार्यकर्ता खुद ही अपना ‘स्व-स्वागत’ कर गए.’ भीड़ का फायदा उठाकर किसी ‘हाथ की सफाई’ वाले ने नेता जी की जेब पर हाथ साफ किया था या वह वाकई गिरकर किसी के हाथ लग गई थी, यह रहस्य बना हुआ है.
इस घटना का वीडियो और खबर जैसे ही बाहर निकली, सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई. लोग लिख रहे हैं कि ‘लगता है कार्यकर्ताओं ने उसे ‘चुनाव फंड’ की एडवांस किश्त मान लिया है.’ कुछ का कहना है कि गाजियाबाद की इस ठंडी में नोटों की गड्डी भी गर्मी दे गई. पंकज चौधरी के स्वागत में आए कार्यकर्ताओं के लिए यह खबर किसी मनोरंजन से कम नहीं थी, लेकिन उस बेचारे नेता जी के लिए यह स्वागत समारोह किसी आर्थिक आपदा से कम साबित नहीं हुआ. कार्यक्रम खत्म हुआ, अध्यक्ष जी का स्वागत भी हो गया, लेकिन नेता जी की वह 50 हजार की गड्डी वापस नहीं लौटी. नेता जी बुझे हुए मन से घर लौटे और कार्यकर्ता अपनी-अपनी जेबों को टटोलते हुए मुस्कराते रहे. यह वाकया बताता है कि राजनीति में सिर्फ कुर्सी ही नहीं, जेब भी बहुत संभालकर रखनी पड़ती है.
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रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
Location :
Ghaziabad,Ghaziabad,Uttar Pradesh
First Published :
December 29, 2025, 19:18 IST

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