गजब खतरनाक था तूफान... दिल्‍ली में मेट्रो की रफ्तार थमी, सड़क पर मचा त्राहिमाम

8 hours ago

Delhi NCR Dust Storm Live Updates: दिल्ली-एनसीआर में आज शाम तेज बारिश के साथ धूल भरी आंधी ने जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया. करीब 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अचानक हवाएं चलने लगी. तूफान इतना जोरदार था कि सड़क पर दोपहिया वाहन से चल रहे लोग तो त्राहिमाम करने लगे. सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत मेट्रो का इस्‍तेमाल कर दफ्तर से घर लौटने वाले लोगों को हुई. तीन स्‍थानों में मेट्रो लाइन पर उड़कर आया सामान गिर गया, जिसके कारण मेट्रो सेवाओं को कुछ वक्‍त के लिए रोकना पड़ा. अभी भी इन लाइनों पर कुछ स्‍थानों पर केवल एक ट्रैक के जरिए ही ट्रेनों की आवाजाही हो रही है.

Delhi NCR Dust Storm Live Updates

# निजामुद्दीन में तूफान में ऊंची हाईमास्क लाइट का पोल गिरा… पोल गिरने से एक व्यक्ति चपेट में आया जिसकी मौके पर मौत हो गई.

# दिल्ली में आंधी-बारिश के बाद कई इलाकों में बिजली गुल: तेज धूल भरी आंधी, ओले गिरने और बारिश के कारण राजधानी के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई. बावाना, नरेला, जहांगीरपुरी, सिविल लाइंस, शक्ति नगर, मॉडल टाउन, वज़ीराबाद, धीरपुर और बुराड़ी जैसे क्षेत्रों में बिजली कटने की खबरें सामने आईं. तेज हवाओं के कारण कई जगह पेड़ और शाखाएं बिजली लाइनों पर गिर गईं, जिससे नुकसान हुआ. सुरक्षा के मद्देनज़र कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से रोकनी पड़ी ताकि करंट लगने की घटनाओं से बचा जा सके. टाटा पावर-DDL की तरफ से कहा गया कि ऑपरेशंस एंड मेंटेनेंस टीम पूरी मुस्तैदी के साथ काम में जुटी है. क्विक रिस्पॉन्स टीम्स (QRTs) ने तेजी से शिकायतों का समाधान शुरू कर दिया है. अधिकतर इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल की जा रही है और मरम्मत का कार्य जारी है.

# मौसम विभाग का कहना है कि  भीषण आंधी-तूफान (हवा की गति 60-80 किमी प्रति घंटा) के साथ बिजली गिरने और ओलावृष्टि की बहुत अधिक संभावना इन क्षेत्रों में है: पलवल, बल्लभगढ़, सोहना, गुरुग्राम, झज्जर, बहादुरगढ़, फरीदाबाद, खरखौदा, सोनीपत.

2) मौसम विभाग का कहना है कि मध्यम आंधी-तूफान (हवा की गति 40-60 किमी प्रति घंटा) के साथ बिजली गिरने की संभावना इन क्षेत्रों में है: फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, होडल, हथीन, नूंह, पलवल, तावड़ू, सोहना, गुरुग्राम, बावल, रेवाड़ी, पाटौदी, कोसली, झज्जर, बेरी खास, साम्पला, रोहतक, खरखौदा, सोनीपत, गन्नौर, समालखा, बापौली, गोहाना.

3) मौसम विभाग का कहना है कि हल्का आंधी-तूफान (हवा की गति 30-40 किमी प्रति घंटा) के साथ बिजली गिरने की संभावना इन क्षेत्रों में है: अटेली, कनीना, चरखी दादरी, बावल, रेवाड़ी, कोसली, मतनहेल, झज्जर, बेरी खास, साम्पला, रोहतक, सोनीपत, गन्नौर, समालखा, बापौली, घरौंडा, करनाल, इन्द्री, रादौर, गोहाना, इसराना, पानीपत, नीलोखेड़ी, थानेसर, शाहबाद, अंबाला, कालका, बराड़ा, जगाधरी, छछरौली, नारायणगढ़, पंचकूला.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, एक बादल समूह दक्षिण-दक्षिणपूर्व दिशा में बढ़ रहा है, जो दिल्ली के अधिकांश हिस्सों से दूर जा रहा है, लेकिन इसके दक्षिणी और पूर्वी किनारे अभी भी गुड़गांव, फरीदाबाद और नोएडा में तीव्र गतिविधि का कारण बने हुए हैं. इन क्षेत्रों में 50-70 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं, साथ ही हल्की बारिश और गरज के साथ तूफान की स्थिति बनी हुई है. दिल्ली में न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहने की उम्मीद है, जबकि पूर्व-दक्षिणपूर्वी हवाएं 15-25 किमी/घंटा की गति से चल रही हैं.

इस मौसमी उथल-पुथल का असर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की सेवाओं पर भी पड़ा. अचानक आई आंधी के कारण शहीद नगर, जहांगीरपुरी और निजामुद्दीन स्टेशनों के पास रेड, येलो और पिंक लाइनों पर ओवरहेड इलेक्ट्रिक (OHE) तारों को नुकसान पहुंचा. कई जगहों पर बाहरी वस्तुएं पटरियों पर गिरने से मेट्रो सेवाएं प्रभावित हुईं. डीएमआरसी ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है, और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए टीमें काम कर रही हैं. यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे प्रभावित मार्गों पर यात्रा से बचें.

दक्षिणी दिल्ली के गुड़गांव, फरीदाबाद और नोएडा में तेज हवाओं और बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया. नोएडा के सेक्टर 9 में पेड़ गिरने से वाहनों को नुकसान पहुंचा, जबकि गुड़गांव में ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी. पूर्वी दिल्ली में भी बादल समूह के कारण तीव्र मौसमी गतिविधि देखी गई. आईएमडी ने लोगों को घर के अंदर रहने, पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे शरण लेने से बचने और अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी है.

हाल के दिनों में दिल्ली-एनसीआर में धूल भरी आंधी और बारिश की घटनाएं बढ़ी हैं. 17 मई को भी इसी तरह की आंधी ने कनॉट प्लेस और नोएडा में पेड़ उखाड़ दिए थे. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्री-मॉनसून गतिविधियां हैं, जो अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी लाने वाली हवाओं के कारण हो रही हैं. दिल्ली में बिजली की मांग भी चरम पर पहुंची, जो 6,867 मेगावाट तक दर्ज की गई. इस मौसमी बदलाव ने गर्मी से राहत दी, लेकिन ट्रैफिक और बिजली कटौती ने लोगों की मुश्किलें बढ़ाईं.

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