क्या है इसरो का 101वां मिशन, जिसका काउंटडाउन शुरू, जानिए क्या है मकसद?

4 hours ago

Last Updated:May 17, 2025, 14:29 IST

ISRO News: इसरो का 101वां मिशन पीएसएलवी-सी61, 18 मई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा. यह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (ईओएस-09) को ले जाएगा, जो कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन में मदद करेगा.

क्या है इसरो का 101वां मिशन, जिसका काउंटडाउन शुरू, जानिए क्या है मकसद?

पीएसएलवी-सी61 के प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू

हाइलाइट्स

इसरो का 101वां मिशन 18 मई को लॉन्च होगा.पीएसएलवी-सी61 से ईओएस-09 उपग्रह प्रक्षेपित होगा.उपग्रह कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन में मदद करेगा.

इंडियन स्पेस एजेंसी इसरो अंतरिक्ष में एक और कमाल करने को तैयार है. इसरो अपना 101वां मिशन लॉन्च करने जा रहा है. जी हां, पीएसएलवी यानी पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) रॉकेट के माध्यम से अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (पृथ्वी अवलोकन उपग्रह) के लॉन्च यानी प्रक्षेपण की 22 घंटे की उलटी गिनती शुरू हो गई है. श्रीहरिकोटा से आज यानी शनिवार को यह काउंटडाउन शुरू हुआ. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी.

पीएसएलवी-सी61 का प्रक्षेपण 18 मई को श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम ‘लॉन्च पैड’ से सुबह पांच बजकर 59 मिनट पर निर्धारित है. अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का यह 101वां मिशन है. सूत्रों की मानें तो आज यानी शनिवार सुबह सात बजकर 59 मिनट पर उलटी गिनती शुरू हो गई. कुल 22 घंटे की उलटी गिनती है. पीएसएलवी अपने 63वें मिशन में पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (ईओएस-09) को ले जाएगा, जो सभी मौसम परिस्थितियों में पृथ्वी की सतह की उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें लेने में सक्षम होगा.

क्या मकसद

सैटेलाइट द्वारा चौबीसों घंटे खींची जाने वाली तस्वीरें कृषि, वानिकी निगरानी, ​​आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण होंगी. लगभग 1,696.24 किलोग्राम वजन वाला ईओएस-09 उपग्रह पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों के समूह में शामिल होगा. इस मिशन का उद्देश्य देश भर में विस्तारित तात्कालिक समय पर होने वाली घटनाओं की जानकारी जुटाने की आवश्यकता को पूरा करना है. पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-09 वर्ष 2022 में प्रक्षेपित किए गए ईओएस-04 जैसा ही एक उपग्रह है.

क्या है यह

पीएसएलवी-सी61 रॉकेट 17 मिनट की यात्रा के बाद ईओएस-09 उपग्रह को सूर्य तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा (एसएसपीओ) में स्थापित कर सकता है. उपग्रह के वांछित कक्षा में अलग होने के बाद वैज्ञानिक बाद में कक्षा की ऊंचाई कम करने के लिए वाहन पर ‘ऑर्बिट चेंज थ्रस्टर्स’ (ओसीटी) का उपयोग करेंगे. इसरो ने बताया कि ईओएस-09 की मिशन अवधि पांच वर्ष है. वैज्ञानिकों के अनुसार, उपग्रह को उसकी प्रभावी मिशन अवधि के बाद कक्षा से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में ईंधन आरक्षित कर लिया गया है ताकि इसे दो वर्षों के भीतर कक्षा में नीचे उतारा जा सके, जिससे मलबा-मुक्त मिशन सुनिश्चित हो सके.

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Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें

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