क्या है BSF का नया सिस्टम? जो दुश्मनों की उड़ा देगा नींद, कैसे करता है काम

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Last Updated:September 30, 2025, 03:31 IST

BSF New AI GIS System: BSF ने नया AI और GIS से लैस DSS सिस्टम लॉन्च किया है. अब बॉर्डर पर दुश्मनों की हर चाल नाकाम होगी. तस्करी और घुसपैठ रोकने में जवानों को बड़ा हथियार मिलेगा.

क्या है BSF का नया सिस्टम? जो दुश्मनों की उड़ा देगा नींद, कैसे करता है कामBSF ने नया AI और GIS से लैस DSS सिस्टम लॉन्च किया है, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश बॉर्डर पर घुसपैठ और तस्करी रोकने में मदद करेगा. (फोटो Reuters)

नई दिल्ली: भारत अब रक्षा क्षेत्र में एडवांस लेवल पर पहुंच रहा है. हवा से लेकर संदर और धरती पर अपनी मजबूती दिनों दिन बढ़ा रहा है. इसी कड़ी में BSF ने एक नया सिस्टम लॉन्च किया है. दरअसल पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती 6,000 किलोमीटर लंबी सीमाओं की सुरक्षा में अब एक ऐसा तकनीकी हथियार जुड़ गया है, जिससे दुश्मनों की हर चाल पहले ही पकड़ में आ जाएगी. सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने सोमवार को अपने मुख्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम (GIS) से लैस नया कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम लॉन्च किया है. इसका नाम Decision Support System (DSS) रखा गया है. यह सिस्टम पाकिस्तान से घुसपैठ, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के हॉटस्पॉट पहले से ही चिन्हित कर लेगा और बॉर्डर के हर गतिविधि पर रियल टाइम नजर रखेगा.

BSF के डायरेक्टर जनरल दलजीत सिंह चौधरी ने इसका उद्घाटन करते हुए कहा कि यह सिस्टम कमांडरों को फैसले लेने में बेहद मददगार साबित होगा. अब बॉर्डर पर तैनात जवानों को ऑपरेशन चलाने के लिए ‘कम्प्लीट ऑपरेटिंग पिक्चर’ यानी हर गतिविधि का पूरा नक्शा मिलेगा. इससे पाकिस्तान की नींद उड़नी तय है, क्योंकि BSF अब पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट तरीके से घुसपैठ और तस्करी की साजिशों का पर्दाफाश कर पाएगा.

DSS कैसे करेगा काम?
DSS में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से डेटा का एनालिसिस होगा. GIS प्लेटफॉर्म से जुड़कर यह पुराने ऑपरेशनों, घटनाओं और बॉर्डर पर लगे सेंसर से आने वाली जानकारी को इकट्ठा करेगा. इसके बाद सिस्टम खुद से यह अनुमान लगाएगा कि कहां घुसपैठ या तस्करी की कोशिश हो सकती है. इससे BSF अपने संसाधनों का सही इस्तेमाल कर सकेगा और हर समय तैयार रहेगा.

जवानों को कैसे मिलेगा फायदा?
नए सिस्टम से हर स्तर के कमांडरों को कस्टमाइज्ड डैशबोर्ड मिलेंगे. इनमें वे रियल टाइम डेटा देखकर तय कर पाएंगे कि किस इलाके में कितनी फोर्स लगानी है. कब पेट्रोलिंग बढ़ानी है और कहां पर ऑपरेशन करना है. DSS जवानों को ऑपरेशनों की प्लानिंग से लेकर एक्शन तक हर कदम पर मजबूत करेगा.

कब तक होगा फुली ऑपरेशनल?
BSF ने साफ किया है कि DSS को आगे चलकर और भी शक्तिशाली बनाया जाएगा. इसके अगले चरण में इसे OSINT (ओपन सोर्स इंटेलिजेंस), बिग डेटा और मौसम विभाग (IMD) की जानकारी से भी जोड़ा जाएगा. यानी दुश्मन मौसम का फायदा उठाकर भी सीमा पर हलचल करेगा तो BSF पहले से अलर्ट रहेगा.

घुसपैठ और ड्रग्स तस्करी पर कड़ी निगरानी
BSF के पास अब इलेक्ट्रॉनिक बॉर्डर सॉल्यूशंस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सिस्टम से भी यह जुड़ जाएगा. इससे पाकिस्तान से घुसपैठ और ड्रग्स तस्करी की निगरानी और सख्त होगी. बांग्लादेश बॉर्डर पर फर्जी करेंसी और मानव तस्करी रोकने में भी मदद मिलेगी.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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First Published :

September 30, 2025, 03:31 IST

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