क्‍या ब्‍लैक बॉक्‍स से सच आएगा बाहर? AAIB ने खड़े किए हाथ? अब US से बची है आस!

4 hours ago

Last Updated:June 19, 2025, 11:39 IST

Air India Crash Black Box Investigation: दिल्‍ली स्थित एएआईबी ने ब्‍लैक बॉक्‍स की जांच से हाथ खड़े कर दिए हैं. अब आगे की जांच के लिए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 के ब्‍लैक बॉक्‍स को अमेरिका के एनटीएसबी भेजने की तै...और पढ़ें

क्‍या ब्‍लैक बॉक्‍स से सच आएगा बाहर? AAIB ने खड़े किए हाथ? अब US से बची है आस!

अहमदाबाद में क्रेश हुए एयर इंडिया के प्‍लेन का ब्‍लैक बॉक्‍स अब जांच के लिए वाशिंगटन जाएगा.

हाइलाइट्स

क्रैश प्‍लेन के ब्‍लैक बॉक्‍स की जांच अमेरिका में होगी.ब्लैक बॉक्स से डेटा निकालने में एएआईबी असमर्थ.ब्‍लैक लैक बॉक्‍स की जांच में ब्रिटेन भी शामिल होगा.

Air India Crash Black Box Investigation: अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान की जांच अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है. अभी तक सभी को आस थी कि ब्‍लैक बॉक्‍स से हादसे का असली सच बाहर आ जाएगा. लेकिन, ब्‍लैक बॉक्‍स को जांच में जुटी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने अब अपने हाथ खड़े कर दिए हैं.

वहीं, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने इस मामले की आगे की जांच के लिए ब्‍लैक बॉक्‍स को अमेरिका भेजने का फैसला किया है. उल्‍लेखनीय है कि 12 जून की दोपहर एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 उड़ान भरने के कुछ सेकेंड बाद क्रैश हो गई थी. इस भयावह हादसे में 241 पैसेंजर्स और जमीन पर मौजूद 30 लोगों की जान चली गई. जबकि एक पैसेंजर आश्‍चर्यजनक तरीके से जीवित बच गया था.

एएआईबी ने क्‍यों खड़े किए हाथ?
सूत्रों के अनुसार, ब्लैक बॉक्स को दुर्घटना के बाद लगी आग से काफी नुकसान पहुंचा है, जिसके कारण भारत में इससे डेटा निकालना संभव नहीं हो पा रहा है. दिल्ली में एएआईबी की प्रयोगशाला पिछले साल बनी थी, लेकिन यह अभी इतनी सुसज्जित नहीं है कि क्षतिग्रस्त ब्लैक बॉक्स से डेटा निकाल सके. लिहाजा, ब्लैक बॉक्स के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) को अब जांच के लिए अमेरिका भेजा जाएगा.

बनी रहेगी AAIB की निगरानी
एक वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, अब ब्‍लैक बॉक्‍स के एफडीआर और सीवीआर की जांच वॉशिंगटन स्थित नेशनल सेफ्टी ट्रांसपोर्ट बोर्ड (NTSB) की प्रयोगशाला में होगी. जांच के दौरान रिकवर किया गया डाटा एएआईबी के साथ शेयर किया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार, दुर्घटना जहां हुई है, जांच की जिम्‍मेदारी भी उसी देश की होती है. लिहाजा, एनटीएसबी की टीम भारतीय अधिकारियों की निगरानी में ब्लैक बॉक्स को अपनी प्रयोगशाला ले जाएगी, ताकि सभी नियमों का पालन हो सके.

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जांच में ब्रिटेन भी होगा शामिल 
अधिकारी ने बताया कि इस जांच में ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे, क्योंकि हादसे में मारे गए लोगों में 53 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे. जांचकर्ताओं के अनुसार, एफडीआर से उड़ान के समय, गति, ऊंचाई, इंजन परफार्मेंस जैसे टेक्निकल डाटा मिलता हैं, जबकि सीवीआर से पायलट की बातचीत, कॉकपिट में आए अलर्ट की जानकारी सामने आती है. इससे हादसे के पहले और बाद के हर सेकंड की तस्वीर साफ हो सकती है.

सच के लिए करना होगा कितना इंतजार
सीनियर अधिकारी ने बताया कि रिकॉर्डर को हुए नुकसान को देखते हुए डेटा निकालने में दो दिन से लेकर कई महीने लग सकते हैं. विशेषज्ञों को चिप को सर्किट बोर्ड से अलग करना होगा ताकि अधिक नुकसान न हो. इलेक्ट्रॉनिक सर्किट की स्थिति की भी जांच की जाएगी. फिलहाल जांचकर्ता यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या विंग्स के फ्लैप सही तरह खुले थे, लैंडिंग गियर क्यों नीचे आया और कहीं फ्यूल में गड़बड़ी या इलेक्ट्रॉनिक फेल्योर तो नहीं हुआ, जिससे इंजन बंद हो गया.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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