Last Updated:June 19, 2025, 14:14 IST
भारत सरकार ने किसानों के लिए पाइपलाइन से पानी पहुंचाने की योजना बनाई है. जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील ने बताया कि यह पीएम मोदी की परिकल्पना है. वर्ल्ड बैंक भी इस प्रोजेक्ट में सहयोग कर रहा है.

सरकार हर खेत तक पाइप लाइन से पानी पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है.
हाइलाइट्स
सरकार पाइपलाइन से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाएगी.वर्ल्ड बैंक इस प्रोजेक्ट में सहयोग कर रहा है.योजना से पानी की बर्बादी रुकेगी और खेती आसान होगी.भारत सरकार एक नई क्रांति की तैयारी में है. अब हर किसान के खेत तक पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचेगा. यह योजना हर घर नल योजना की तर्ज पर तैयार की जा रही है. जल शक्ति मंत्रालय और अन्य मंत्रालय मिलकर इस मेगा प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. इसका मकसद देशभर के किसानों को आसानी से पानी देना है. इस योजना से पानी का पूरा इस्तेमाल हो सकेगा. यह कदम किसानों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है.
जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह पीएम नरेंद्र मोदी की परिकल्पना है. हमने मेहनत से इस योजना को बनाया है. पाटील ने जोर देकर कहा कि किसान देश का अन्नदाता है. उसे हर सुविधा मिलनी चाहिए. उनका मानना है कि यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित होगी. पाइप के जरिए पानी पहुंचने से खेती आसान होगी.
वर्ल्ड बैंक के सीनियर स्पेशलिस्ट अजीत राधाकृष्णन ने भी इस योजना की तारीफ की. उन्होंने बताया कि सिंचाई सुविधा को माइक्रो लेवल पर मैनेज करना जरूरी है. इसी आधार पर यह प्रोजेक्ट तैयार हुआ है. उनका कहना है कि इससे पानी का सही इस्तेमाल होगा. हर किसान को उसकी जमीन के हिसाब से पानी मिलेगा. यह व्यवस्था तकनीक के सहारे चलेगी.
रूकेगी पानी की बर्बादी
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेतों में पर्याप्त पानी देना है. पाइपलाइन से पानी पहुंचाने से बर्बादी रुकेगी. पारंपरिक तरीकों में पानी का बड़ा हिस्सा बेकार हो जाता है. यह नई व्यवस्था उस समस्या को हल करेगी. किसान अब मौसम पर निर्भर नहीं रहेंगे. सूखे के दिनों में भी खेती संभव होगी.
वर्ल्ड बैंक और अन्य एजेंसियां इस प्रोजेक्ट में साथ दे रही हैं. सभी संगठन मिलकर काम कर रहे हैं. इससे योजना जल्द पूरी होगी. सरकार का लक्ष्य है कि हर राज्य के किसान को इसका फायदा मिले. पायलट प्रोजेक्ट कुछ राज्यों में शुरू हो चुका है. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में टेस्टिंग चल रही है.
किसानों की प्रतिक्रिया सकारात्मक है. एक किसान ने कहा कि पाइप से पानी मिलने से मेहनत कम होगी. दूसरा किसान बोला कि इससे फसल की पैदावार बढ़ेगी. सरकार ने वादा किया है कि यह योजना मुफ्त नहीं होगी. लेकिन किसानों के लिए सब्सिडी दी जाएगी. लागत को कम करने की कोशिश हो रही है.
जल शक्ति मंत्रालय ने तकनीकी टीम बनाई है. यह टीम पाइपलाइन बिछाने और मॉनिटरिंग करेगी. स्मार्ट सेंसर लगाए जाएंगे. ये सेंसर पानी की मात्रा मापेंगे. अगर कहीं रिसाव होगा, तो तुरंत पता चलेगा. यह व्यवस्था पारदर्शी होगी. किसान अपनी जरूरत के हिसाब से पानी मांग सकेंगे. प्रोजेक्ट की लागत बहुत बड़ी है. अनुमान है कि यह हजारों करोड़ रुपये का होगा. वर्ल्ड बैंक फंडिंग में मदद करेगा. सरकार भी बजट देगी. विशेषज्ञों का कहना है कि यह लंबे समय में फायदेमंद होगा. पानी की बचत होगी. जमीन की उर्वरता बढ़ेगी.
कुछ चुनौतियां भी हैं. ग्रामीण इलाकों में पाइप बिछाना मुश्किल होगा. पहाड़ी इलाकों में तकनीकी दिक्कत आ सकती है. लेकिन मंत्रालय इसे सुलझाने का प्रयास कर रहा है. ट्रेनिंग प्रोग्राम किसानों के लिए शुरू होंगे. वे नई तकनीक सीख सकेंगे. इस योजना से भारत की खेती में क्रांति आएगी. किसानों की आय दोगुनी होगी. देश का खाद्य उत्पादन बढ़ेगा. यह आत्मनिर्भर भारत का एक कदम है. सरकार का लक्ष्य 2030 तक इसे पूरे देश में लागू करना है. किसानों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद है. यह प्रोजेक्ट उनकी मेहनत को आसान बनाएगा.