कौन हैं भीखू भाई दलसानिया, जो बिहार में BJP के लिए साबित हुए तुरुप का एक्का?

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Last Updated:November 18, 2025, 19:28 IST

Bihar Chunav 2025 Results: बिहार चुनाव 2025 में बीजेपी की जीत के पीछे संगठन महामंत्री भीखू भाई दलसानिया का रोल कितना अहम रहा? बीजेपी संगठन को जमीन पर मजबूत कर दलसानिया ने कैसे पीएम मोदी, अमित शाह और नीतीश कुमार की रणनीति को जमीन पर उतारा?

कौन हैं भीखू भाई दलसानिया, जो बिहार में BJP के लिए साबित हुए तुरुप का एक्का?बिहार चुनाव 2025 की जीत में जमीन पर बीजेपी का नायक.

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बाद, जहां सभी का ध्यान पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और सीएम नीतीश कुमार पर है, वहीं राजनीतिक गलियारों में एक ऐसे नाम की चर्चा तेज हो गई है, जिसने पर्दे के पीछे रहकर पूरी जीत की रूपरेखा तैयार की. जिस व्यक्ति को साल 2023 के आखिर में बिहार बीजेपी में संगठन की कमान सौंपी गई थी, उसने 2025 में करिश्मा कर दिया. वह व्यक्ति चुपचाप अपना काम जमीन पर जमीनी नेताओं के साथ करता रहा. यह नाम है बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री भीखू भाई दलसानिया का. बिहार चुनाव से पहले संघ की पृष्ठभूमि और बेहद ही साधारण पहनावा और वेष-भूषा वाले दलसानिया ने शांत तरीके से महागठबंधन को बिहार चुनाव 2025 में अशांत कर दिया. दलसानिया की भूमिका केंद्रीय शीर्ष नेताओं के निर्देशों को बूथ स्तर तक पहुंचाने में निर्णायक साबित हुई, जिसका परिणाम सबने देखा.

भीखू भाई दलसानिया मूल रूप से गुजरात के निवासी हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मजबूत पृष्ठभूमि से आते हैं. संगठन महामंत्री का पद बीजेपी में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, जो पार्टी की विचारधारा और नेतृत्व के फैसलों को जमीन पर लागू करने के लिए पार्टी और संघ के बीच की कड़ी का काम करता है. दलसानिया को उनकी मजबूत संगठनात्मक क्षमता के लिए जाना जाता है. वे 2023 के अंत में बिहार बीजेपी के संगठन महामंत्री बनाए गए थे, जब पार्टी ने नीतीश कुमार के वापस एनडीए में आने के बाद अपनी रणनीति को पुनर्गठित करना शुरू किया था.

बिहार जीत में उनका कितना बड़ा रोल?

भीखू भाई दलसानिया ने बिहार में आने के बाद सबसे पहला काम यह किया कि उन्होंने पार्टी की जमीनी इकाई यानी बूथ स्तर के प्रबंधन को मजबूत किया. दलसानिया की भूमिका केंद्रीय शीर्ष नेताओं के निर्देशों को बूथ स्तर पर पहुंचाने की थी. बीजेपी के साधारण से साधारण कार्यकर्ताओं की बात सुनकर वह केंद्रीय नेतृत्व तक यह बात पहुंचाते थे. बिहार चुनाव से ठीक पहले पटना में बीजेपी ऑफिस में बैठकर कार्यकर्ताओं की बात सुनते थे.

बिहार में संगठन को मजबूत करने के लिए एक से बढ़कर एक फैसले लिए.

क्या कहते हैं बीजेपी के प्रवक्ता

बीजेपी प्रवक्ता जय राम विप्लव कहते हैं, ‘उन्होंने बिहार में संगठन को मजबूत करने के लिए एक से बढ़कर एक फैसले लिए. उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने और कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करने के लिए तेजी से संगठन में बदलाव किए. उन्होंने जातिगत समीकरणों को बारीकी से समझते हुए केंद्रीय नेतृत्व की रणनीति को लागू किया. ईबीसी और महिला वोटरों को मोदी की योजनाओं के माध्यम से सीधे जोड़ने में उनकी भूमिका अहम रही. बिहार के कई जिलों का दौरा कर दलसानिया ने बीजेपी की बड़ी जीत की नींव रखी. वे पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और संगठन महामंत्री विनोद तावड़े समेत शीर्ष नेतृत्व के सीधे संपर्क में थे. रैलियों और चुनावी दौरों की योजना बनाने और उन्हें सफलतापूर्वक लागू करने का पूरा श्रेय उन्हें जाता है. इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह व्यक्तिगत रूप से बीजेपी के छोटे से छोटे कार्यकर्ता से समय देकर मिलते हैं और सुनते हैं. इससे उनका जमीन पर संपर्क बेहतर बना और आसानी से यह बात आलाकमान तक पहुंचाई.’

जमीन से जुड़े कार्यकर्ता से ऐसे मिलते थे दलसानिया

बेगूसराय जिले के बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार शांडिल्य कहते हैं, पूरे राज्य में बीजेपी संगठन को मजबूती देने में दलसानिया का रोल बड़ा है. खासकर बिहार चुनाव में देश के अलग-अलग राज्यों के कार्यकर्ताओं को किन-किन जिलों में इस्तेमाल किया जाए, यह उन्होंने किया. धर्मेंद्र प्रधान जी और विनोद तावड़े भी उनसे राय लेकर ही कुछ फैसला लेते थे. उन्होंने उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आए बीजेपी के कार्यकर्ताओं और प्रभारियों को सही तरीके से 243 सीटों पर तैनात करने में मुख्य भूमिका निभाई.’

बिहार चुनाव 2025 को सीधे तौर पर पीएम मोदी और अमित शाह की निगरानी में लड़ा गया था. (Photo : PTI)

देशभर के कार्यकर्ताओं को पूरे बिहार में तैनाती की

बिहार चुनाव 2025 को सीधे तौर पर पीएम मोदी और अमित शाह की निगरानी में लड़ा गया था. ऐसे में भीखू भाई दलसानिया ने ‘कमांड एंड कंट्रोल’ सेंटर के रूप में काम किया. सीट बंटवारे से लेकर उम्मीदवारों के चयन तक, दलसानिया की राय को केंद्रीय नेतृत्व ने महत्व दिया. धर्मेंद्र प्रधान और स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे नेताओं के साथ जमीन पर दलसानिया ने ऐसा काम किया, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी.

कुल मिलाकर, बिहार चुनाव में भीखू भाई दलसानिया की भूमिका ने स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी में संगठन की ताकत किसी भी व्यक्तिगत चमत्कार से ज्यादा बड़ी होती है. इस जीत को पश्चिम बंगाल चुनाव 2026 से पहले बीजेपी के लिए एक मजबूत नींव के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें पर्दे के पीछे काम करने वाले एक संगठन महामंत्री ने ऐसा काम कर दिया जो किसी चमत्कार से कम नहीं है.

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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First Published :

November 18, 2025, 19:28 IST

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