Last Updated:September 12, 2025, 17:40 IST
Nepal Prime Ministers: नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार गिरने के बाद सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की चर्चा है, लेकिन क्या आपको पता है कि नेपाल के सुशीला कार्की, बाबुराम भट्टराई, गिरीजा प्रसाद कोइराला और तुलसी गिरी जैसे कई बड़े नेताओं ने भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज BHU, JNU, DU और कलकत्ता यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है.

Nepali protest, Sushila Karki, Gen Z-led protests: नेपाल में हाल ही में सोशल मीडिया बैन ने तहलका मचा दिया. सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत 26 प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया था जिसके बाद नेपाल की जनता, खासकर Gen Z, इसे सेंसरशिप मानकर सड़कों पर उतर आई. काठमांडू में हजारों लोग इकट्ठा हुए और नारे लगाने लगे करप्शन को बैन करो, सोशल मीडिया को नहीं!.लोग भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और खराब शासन से तंग आ चुके थे. ये प्रदर्शन इतने उग्र हुए कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा.इसके बाद सुशीला कार्की को अंतरिम PM बनाया गया, लेकिन क्या आपको पता है कि सुशीला और नेपाल के कई पूर्व पीएम भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज से पढ़े हैं?

Nepali protest, Sushila Karki, Gen Z-led protests: नेपाल में अंतरिम सरकार गठन की प्रक्रिया चल रही है. नेपाल की अंतरिम पीएम बनाने को लेकर जो नाम चर्चा में हैं उनमें से एक सुशीला कार्की का भी है. 73 साल की सुशीला नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं. अब वह अंतरिम प्रधानमंत्री बन सकती हैं. सुशीला ने 1975 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स किया और अपनी क्लास में टॉपर रहीं. वह अक्सर अपने बीएचयू के दिनों को याद करती हैं. सुशीला ने बिराटनगर में 1979 से वकालत शुरू की फिर 2009 में सुप्रीम कोर्ट जज बनीं. उनकी पढ़ाई और लीडरशिप BHU की देन है.

Nepali protest, Baburam Bhattarai, Gen Z-led protests: बाबुराम भट्टराई ने 2011 से 2013 तक नेपाल के 36वें प्रधानमंत्री के तौर पर काम किया. 1954 में जन्मे बाबुराम ने अपनी स्कूलिंग नेपाल के गोरखा में की, लेकिन हायर एजुकेशन के लिए वह भारत आ गए. 1977 में चंडीगढ़ से बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर किया फिर दिल्ली स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर से MTech की पढाई पूरी की. इसके बाद 1986 में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से PhD पूरी की. JNU की लिबरल और इंटेलेक्चुअल माहौल ने उनकी सियासी सोच को निखारा जिससे वह नेपाल में माओवादी आंदोलन के बड़े नेता बने.

Nepali protest, Girija prasad koirala, Gen Z-led protests: गिरीजा प्रसाद कोइराला को नेपाल में प्यार से गिरीजा बाबू कहा जाता था.वह नेपाल के सुपरहिट PM रहे. 1924 में जन्मे कोइराला ने 1991-1994, 1998-1999, 2000-2001, और 2006-2008 तक चार बार नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभाला. उनकी पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ी मल कॉलेज से हुई थी. DU के इस ग्रेजुएट ने नेपाल की सियासत में लोकतंत्र को मजबूत करने में बड़ा रोल निभाया. उनका कॉन्फिडेंस और लीडरशिप DU की देन मानी जाती है.

Nepali protest, Tulasi giri, Gen Z-led protests: तुलसी गिरी ने 1975 से 1977 तक नेपाल के प्रधानमंत्री के तौर पर काम किया. 1926 में जन्मे गिरी ने अपनी हायर एजुकेशन भारत में पूरी की.वह सूरी विद्यासागर कॉलेज वेस्ट बंगाल से पढ़े.यह कॉलेज उस वक्त यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता से जुड़ा था. 1942 में बने इस कॉलेज ने गिरी को सियासत और समाजसेवा की नींव दी. गिरी ने नेपाल में पंचायत सिस्टम को मजबूत करने में अहम रोल निभाया.

Nepal protest, Sushila Karki,Gen Z-led protests ,BP Koirala: बी.पी.(विश्वेश्वर प्रसाद)कोईराला को आधुनिक नेपाल के जनक माना जाता है.उन्होंने बनारस के वाराणसी हिन्दू यूनिवर्सिटी (Banaras Hindu University)में पढ़ाई की और बाद में कोलकाता विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री ली.यहीं से उनका राजनीतिक और साहित्यिक सफर जुड़ा. वह 1959 में नेपाल के निर्वाचित प्रधानमंत्री बने.

manmohan adhikari nepal: लेफ्ट के नेता मनमोहन अधिकारी ने भी अपनी पढ़ाई वाराणसी (Varanasi)से की.वहां से उन्होंने बी.एससी.किया और उस समय वे भारत के स्वतंत्रता/छात्र आंदोलनों से भी जुड़े रहे. बाद में वे नेपाल के महत्वपूर्ण कम्युनिस्ट नेताओं में से बने और एक बार प्रधानमंत्री भी बने.

krishna bhattarai nepal: कृष्णप्रसाद भट्टराई (Krishna Prasad Bhattarai)का भी बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी(BHU)से जुड़ाव रहा. उन्होंने बीएचयू से ग्रेजुएशन किया था.वह भी बाद में नेपाल के पीएम बने.

Nepal Student: नेपाल और भारत के बीच सिर्फ बॉर्डर या ट्रेड का रिश्ता नहीं, बल्कि एजुकेशनल कनेक्शन भी गहरा है.All India Survey on Higher Education (2021-22) के मुताबिक 13,000 से ज्यादा नेपाली स्टूडेंट्स भारत की यूनिवर्सिटीज़ में पढ़ते हैं. BHU, JNU, DU, और कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने न सिर्फ सुशीला, बाबुराम, गिरीजा और तुलसी जैसे नेताओं को तैयार किया,बल्कि आज भी हजारों नेपाली स्टूडेंट्स को इंस्पायर कर रहे हैं. ये यूनिवर्सिटीज नेपाल के नेताओं की सोच को आकार देने में अहम रहीं.