Last Updated:July 30, 2025, 06:53 IST
करगिल युद्ध के पूर्व सैनिक हकीमुद्दीन शेख ने आरोप लगाया कि पुणे में उनके परिवार को आधी रात को नागरिकता साबित करनी पड़ी. हकीमुद्दीन शेख ने कहा, 'मैंने करगिल युद्ध में देश के लिए लड़ा है. मेरी पूरी जिंदगी इस देश ...और पढ़ें

हाइलाइट्स
करगिल युद्ध के हीरो हकीमुद्दीन शेख ने गंभीर आरोप लगाए हैं.उन्होंने बताया कि पुलिस और अज्ञात लोग उनके घर में घुस आए.परिवार को नागरिकता साबित करने को मजबूर किया गया.करगिल युद्ध में देश के लिए लड़ चुके सेना के एक पूर्व जवान ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया कि पुणे के चंदन नगर इलाके में रहने वाले उनके परिवार को शनिवार देर रात कथित रूप से अपनी भारतीय नागरिकता साबित करनी पड़ी. परिवार का आरोप है कि 30 से 40 अज्ञात लोगों का एक समूह, पुलिस के साथ मिलकर, आधी रात के वक्त उनके घर में घुस आया और नागरिकता से जुड़े दस्तावेजों की मांग की.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना के रिटायर्ड जवान 58 वर्षीय हकीमुद्दीन शेख के परिवार ने मंगलवार को बताया कि पुलिस और कुछ अन्य लोग रात 12 बजे उनके घर पहुंचे और दस्तावेज दिखाने को कहा. इसके बाद परिवार के पुरुष सदस्यों को थाने ले जाया गया.
‘कागज नहीं दिखाए तो बांग्लादेशी या रोहिंग्या घोषित कर देंगे’
परिवार के एक सदस्य ने बताया, ‘हमें सुबह 3 बजे तक इंतजार कराया गया और धमकी दी गई कि अगर हमने दस्तावेज नहीं दिखाए तो हमें बांग्लादेशी या रोहिंग्या घोषित कर दिया जाएगा.’
हकीमुद्दीन शेख ने कहा, ‘मैंने करगिल युद्ध में देश के लिए लड़ा है. मेरी पूरी जिंदगी इस देश को समर्पित रही है. आज मेरे परिवार को अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ रही है. ये बहुत शर्मनाक है.’
1960 से पुणे में रह रहा है परिवार
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से ताल्लुक रखने वाला यह परिवार 1960 से पुणे में रह रहा है. हालांकि हकीमुद्दीन 2013 में अपने गांव लौट गए थे, लेकिन उनके भाई, भतीजे और अन्य परिवारजन अब भी पुणे के चंदन नगर इलाके में रहते हैं.
हकीमुद्दीन के भाई इरशाद शेख ने बताया, ‘वे लोग दरवाजा पीटते हुए, नारे लगाते हुए हमारे घर में घुस आए. दस्तावेज दिखाने पर भी उन्हें फर्जी बताया गया.’ भतीजे नौशाद और नवाब शेख ने भी आरोप लगाया कि आधार कार्ड जैसे वैध दस्तावेज दिखाने पर भी उन्हें मजाक उड़ाते हुए खारिज कर दिया गया. नौशाद ने कहा, ‘वे लोग गुंडों की तरह व्यवहार कर रहे थे. महिलाओं को चिल्लाकर उठाया और कागज दिखाने को कहा.’
एक और भतीजे शमशाद शेख ने बताया कि रविवार को फिर से थाने बुलाया गया, जहां उन्हें दो घंटे इंतजार कराया गया और फिर बताया गया कि इंस्पेक्टर नहीं आएंगे. ‘हमारे दस्तावेज अब भी पुलिस के पास हैं.’
पुलिस ने दी सफाई, जांच जारी
डीसीपी सोमय मुंडे ने कहा कि पुलिस को कुछ संदिग्धों की जानकारी मिली थी, इसी के आधार पर दस्तावेज मांगे गए. ‘जैसे ही स्पष्ट हो गया कि वे भारतीय नागरिक हैं, उन्हें छोड़ दिया गया. पुलिस के साथ कोई तीसरा पक्ष नहीं था, हमारे पास इसका वीडियो फुटेज है.’
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि मामले की जांच जारी है. ‘अगर पुलिस की ओर से लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी. अभी की जांच में जबरन घर में घुसने की बात सामने नहीं आई है.’
परिवार में सिर्फ हकीमुद्दीन ही नहीं, बल्कि दो अन्य सदस्य शेख नईमुद्दीन और शेख मोहम्मद सलीम भी सेना में रह चुके हैं और 1965 और 1971 की जंग में देश की सेवा कर चुके हैं. परिवार का कहना है कि ‘जब सैनिकों के परिवारों के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम नागरिकों का क्या होगा?’
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
Pune,Maharashtra
करगिल जंग लड़ चुके पूर्व सैनिक के घर घुस आए लोग, मांगगे लगे नागरिकता का सबूत