Last Updated:December 29, 2025, 10:17 IST
ओडिशा के देवगढ़ में 5 साल के मासूम की कहानी रूलाने वाली है. मां-बाप की छोटी सी लड़ाई ने उसे अनाथ बना दिया. दिलेर बच्चा घने जंगल में रात के समय बेहोस पड़ी मां और मृत पिता के उठने का इंतजार करता रहा. सुबह उठकर ग्रामीणों की मदद से जंगल से अस्पताल लेकर गया.
जंगल में माता-पिता का पहरेदारी करता रहा मासूम. (एआई इमेज)Emotional Story of 5 Year Old Boy: ओडिशा के देवगढ़ जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है. रिश्तों की कड़वाहट और गुस्से ने न केवल एक परिवार को खत्म कर दिया, बल्कि एक 5 साल के मासूम को ऐसी सजा दी, जिसकी कल्पना करके ही रूह कांप जाती है. एक नन्हा बच्चा, जिसे शायद मौत का मतलब भी नहीं पता था, वह कड़कड़ाती ठंड में घने जंगल के बीच पूरी रात अपने मृत पिता और बेहोश मां के पास बैठकर उनकी रखवाली करता रहा. सुबह जंगल से बाहर आकर लोगों से मदद की गुहार लगाई. चलिए जानते हैं पूरी कहानी.
मनहूस रात की कहानी? यह दिल पसीजने वाली घटना देवगढ़ जिले के कुंधेईगोला थाना क्षेत्र की है. जियानंतापाली गांव के रहने वाले दुशमंत मांझी और उनकी पत्नी रिंकी मांझी के बीच किसी बात को लेकर घरेलू विवाद हुआ था. गुस्से दोनों अपने 5 साल के बेटे को मोटरसाइकिल पर बैठाकर घर से निकल गए. पुलिस के मुताबिक, वे बाइक सड़क किनारे खड़ी करके जंगल के अंदर करीब एक किलोमीटर पैदल चले गए. वहां पहुंचकर दंपती ने कीटनाशक (जहर) पी लिया. हद तो तब हो गई जब उन्होंने अपने मासूम बेटे को भी वह जहरीला पदार्थ खिला दिया, मानो वे पूरे परिवार को ही खत्म करना चाहते थे.
सारी रात मौत के साये में बैठा रहा मासूम
जहर का असर होते ही पिता दुशमंत की करीब एक घंटे के भीतर मौत हो गई. मां रिंकी बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ीं. वह 5 साल का बच्चा पूरी रात उस घने जंगल में अकेला जागता रहा. बाहर हाड़ कंपा देने वाली ठंड थी, चारों तरफ गहरा अंधेरा और जंगली जानवरों का डर, लेकिन वह बच्चा अपने माता-पिता को छोड़कर नहीं भागा. वह सारी रात वहीं जमीन पर पड़े अपने माता-पिता को देखता रहा. शायद इस उम्मीद में कि वे अभी उठ जाएंगे. माता-पिता ने बच्चे को भी जहर दिया था, हालांकि, उसपर असर कम हुआ था.
सुबह होते ही मांगी मदद
जब सुबह का सूरज निकला, तो वह हिम्मत करके जंगल से बाहर मुख्य सड़क पर आया. उसने वहां से गुजर रहे राहगीरों को रोककर मदद की गुहार लगाई. लोगों की सूचना पर जब पुलिस और स्थानीय लोग वहां पहुंचे, तो मंजर देखकर सन्न रह गए. देवगढ़ के एएसपी (ASP) धीरज चोपड़ा ने बताया कि मां रिंकी को इलाज के लिए पड़ोसी जिले अंगुल के छेंडीपाड़ा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया.
कुदरत का करिश्मा: बच्चा बच गया
राहत की बात यह रही कि माता-पिता द्वारा जहर दिए जाने के बावजूद बच्चे की जान बच गई. डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बताया कि बच्चा अब स्वस्थ है. उसे उसके दादा-दादी को सौंप दिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन एक क्षण के गुस्से ने बच्चे के सिर से माता-पिता का साया हमेशा के लिए छीन लिया और उसे जिंदगी भर के लिए एक कभी न भूलने वाला दर्द दे दिया.
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दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
First Published :
December 29, 2025, 10:17 IST

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