कश्मीर से कन्याकुमारी तक, हर केंद्रीय विद्यालय में सुबह गूंजती है बस यही धुन

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Last Updated:December 29, 2025, 11:54 IST

KVS Morning Assembly: मौजूदा दौर में भारत में 1287 केंद्रीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं और 3 विदेशों में हैं. सभी केंद्रीय विद्यालय का सिलेबस और रूटीन एक जैसा है. सभी केंद्रीय विद्यालय में एक ही प्रार्थना के सुर भी गूंजते हैं. जानिए केवी में सुबह की असेंबली का रूटीन क्या है.

कश्मीर से कन्याकुमारी तक, हर केंद्रीय विद्यालय में सुबह गूंजती है बस यही धुनKVS Morning Assembly: केंद्रीय विद्यालय में सुबह की प्रार्थना बहुत खास होती है

नई दिल्ली (KVS Morning Assembly). भारत के किसी भी कोने में चले जाइए, अगर सुबह कहीं से ‘दया कर दान विद्या का’ की गूंज सुनाई दे तो समझ जाइए कि पास ही कोई केंद्रीय विद्यालय (KVS) है. केवीएस की सुबह की सभा केवल एक प्रार्थना सभा नहीं, बल्कि अनुशासन, संस्कृति और राष्ट्रीय एकता का जीवंत उदाहरण है. कश्मीर से कन्याकुमारी और सिलचर से ओखा तक, हजारों केंद्रीय विद्यालयों में एक ही समय पर, एक ही सुर में होने वाली यह असेंबली ‘मिनी इंडिया’ की सच्ची तस्वीर पेश करती है.

यह वह वक्त होता है जब अलग-अलग राज्यों और भाषाओं के बच्चे एक साथ खड़े होकर भारत की अखंडता का संकल्प लेते हैं. केवीएस असेंबली की सबसे खास बात इसकी एकरूपता है. चाहे स्कूल दिल्ली के पॉश इलाके में हो या लद्दाख की दुर्गम पहाड़ियों में, असेंबली का क्रम और प्रार्थना के शब्द समान रहते हैं. यह अनुशासन ही केंद्रीय विद्यालय के छात्रों की पहचान बनता है, जो उन्हें जीवनभर व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करना सिखाता है. जानिए केंद्रीय विद्यालय की मॉर्निंग असेंबली इतनी खास क्यों है.

केवीएस असेंबली: अनुशासन और संस्कार का अनूठा संगम

सुबह की असेंबली हर मॉर्निंग स्कूल में होती है. सबकी अपनी प्रार्थना होती है, अपना रूटीन होता है. कुछ स्कूलों में बच्चे आज की ताजा खबर पढ़कर सुनाते हैं तो कुछ में अन्य एक्टिविटीज होती हैं. जानिए केंद्रीय विद्यालय की सुबह कैसी होती है.

मंत्रोच्चार से शुरुआत: आध्यात्मिक ऊर्जा

केंद्रीय विद्यालय में सभा की शुरुआत ‘सावधान’ और ‘विश्राम’ के निर्देशों के साथ होती है. इसके तुरंत बाद संस्कृत के पावन मंत्रों का उच्चारण किया जाता है. इसमें मुख्य रूप से “ऊं असतो मा सद्गमय” और “ऊं सह नाववतु” का पाठ होता है. ये मंत्र छात्रों का मन शांत करने और एकाग्रता बढ़ाने के उद्देश्य से शामिल किए गए हैं. यह प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति की याद दिलाता है.

मुख्य प्रार्थना: ‘दया कर दान विद्या का’

मंत्रों के बाद स्कूल बैंड की धुनों पर सामूहिक प्रार्थना “दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना” गाई जाती है. यह गीत केवीएस की आत्मा है. इसमें ईश्वर से केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि शुद्धता, मर्यादा और दूसरों की सेवा करने की शक्ति मांगी जाती है. इस प्रार्थना की धुन इतनी प्रभावी होती है कि स्कूल छोड़ने के दशकों बाद भी पूर्व छात्रों की आंखों में इसे सुनकर चमक आ जाती है.

निष्ठा की शपथ: भारत की प्रतिज्ञा

प्रार्थना के बाद सभी स्टूडेंट्स अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाकर ‘राष्ट्रीय प्रतिज्ञा’ ( Pledge) लेते हैं- “भारत मेरा देश है, हम सब भारतवासी भाई-बहन हैं…”. यह पल छात्रों में देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी का भाव जगाता है. इसके बाद केवीएस की विशेष प्रतिज्ञा भी दोहराई जाती है जो छात्रों को सत्य और निष्ठा के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है.

ज्ञान का विस्तार: विचार और समाचार

असेंबली के इस भाग में स्टूडेंट्स मंच पर आकर ‘आज का विचार’ (Thought of the Day) प्रेजेंट करते हैं. इसके बाद देश-दुनिया की मुख्य खबरें पढ़ी जाती हैं. कई स्कूलों में इस दौरान ‘स्पेशल टॉक’ भी होती है, जहां छात्र किसी वैज्ञानिक, ऐतिहासिक या समसामयिक विषय पर संक्षिप्त भाषण देते हैं. इससे कॉन्फिडेंस और पब्लिक स्पीकिंग स्किल्स बेहतर होती हैं.

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Deepali Porwal

With more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academic sys...और पढ़ें

First Published :

December 29, 2025, 11:54 IST

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कश्मीर से कन्याकुमारी तक, हर केंद्रीय विद्यालय में सुबह गूंजती है बस यही धुन

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