एक्‍सक्‍लूस‍िव: सरकार को यकीन- इंडिगो ने की गलती, बड़े एक्‍शन की तैयारी

59 minutes ago

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) में मची हालिया अफरा-तफरी पर केंद्र सरकार ने बेहद सख्त रुख अपना लिया है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Civil Aviation Ministry) के शीर्ष सूत्रों ने न्‍यूज18इंडिया से स्पष्ट तौर पर कहा क‍ि सरकार का मानना है कि इस पूरे संकट में इंडिगो की गलती है. मंत्रालय को यकीन है कि एयरलाइन ने स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया और चीजों को हल्के में लेने की भूल की है. सरकार इस पर एक्‍शन लेगी.

इस मामले में अब जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) आज ही इंडिगो के शीर्ष प्रबंधन, जिसमें सीईओ (CEO) और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) शामिल हैं, को कारण बताओ नोटिस जारी करने जा रहा है. हालांकि, सरकार किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई जल्दबाजी में नहीं करेगी, बल्कि इसके लिए मंत्रालय द्वारा गठित ‘फैक्ट फाइंडिंग कमेटी’ की रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा.

मंत्रालय का कड़ा संदेश: एयरलाइन ने स्थिति को हल्के में लिया

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, सरकार का यह दृढ़ मत है कि इंडिगो प्रबंधन परिचालन को संभालने में विफल रहा है. सूत्रों ने बताया, “मंत्रालय पूरी तरह से आश्वस्त (Convinced) है कि गलती इंडिगो की तरफ से हुई है. ऐसा लगता है कि एयरलाइन ने अपने मार्केट डोमिनेंस और सिस्टम को ‘ग्रांटेड’ ले लिया था, जिसके कारण यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा.

द‍िल्‍ली एयरपोर्ट पर यात्र‍ियों के बैगेज कुछ इस तरह बिखरे पड़े हुए हैं.

यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि डीजीसीए और मंत्रालय लगातार एयरलाइंस के साथ संपर्क (Engaging continuously) में थे. मंत्रालय पहले से ही संभावित चुनौतियों को लेकर आगाह कर रहा था, लेकिन इसके बावजूद इंडिगो का रिस्पॉन्स सिस्टम चरमरा गया. सरकार का मानना है कि जब आप देश की सबसे बड़ी एयरलाइन चलाते हैं, तो आपकी जिम्मेदारी भी सबसे बड़ी होती है, जिसे निभाने में कहीं न कहीं चूक हुई है.

DGCA का एक्शन: आज सीईओ और सीओओ को जाएगा नोटिस

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीसीए ने सीधे इंडिगो के टॉप मैनेजमेंट को तलब करने का मन बना लिया है. सूत्रों के मुताबिक, आज इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स (Pieter Elbers) और सीओओ को नोटिस भेजा जाएगा. इस नोटिस के जरिए उनसे पूछा जाएगा कि आखिर सिस्टम इतना बुरी तरह फेल क्यों हुआ और यात्रियों को हुई परेशानी के लिए क्यों न उन पर कार्रवाई की जाए?

लेकिन, सरकार केवल नोटिस तक ही सीमित नहीं रहेगी. मंत्रालय ने मामले की तह तक जाने के लिए एक विशेष ‘फैक्ट फाइंडिंग कमेटी’ का गठन किया है. सूत्रों ने साफ किया कि “बड़ी कार्रवाई” (Major Action) इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही की जाएगी. यह कमेटी इस बात की जांच कर रही है कि क्या यह केवल मौसम की मार थी या फिर इंडिगो के आंतरिक प्रबंधन (Internal Management) और रोस्टर सिस्टम में कोई बड़ी खामी थी. रिपोर्ट आते ही दोषियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.

3-4 दिन में पूरी तरह सामान्य होंगे हालात

हजारों यात्रियों के लिए राहत की खबर यह है कि इंडिगो का फ्लाइट ऑपरेशन अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. सूत्रों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, आज (वर्तमान दिन) इंडिगो की लगभग 1750 उड़ानें ऑपरेशन में हैं. हालांकि, यह अभी भी इंडिगो के सामान्य शेड्यूल से कम है. आम दिनों में इंडिगो रोजाना करीब 2250 उड़ानों का संचालन करती है. यानी अभी भी करीब 500 उड़ानें कम संचालित हो रही हैं या रद्द हैं. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अगले 3 से 4 दिनों के भीतर स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी और इंडिगो अपने फुल शेड्यूल (2250 फ्लाइट्स) पर वापस आ जाएगी.

आसमान में आने वाले हैं 500 नए विमान

मौजूदा संकट के बीच, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारतीय एविएशन सेक्टर के भविष्य को लेकर एक बहुत ही सकारात्मक तस्वीर भी पेश की है. सूत्रों ने बताया कि मौजूदा परेशानियां ‘ग्रोइंग पेन्स’ का हिस्सा हो सकती हैं, लेकिन आने वाला समय यात्रियों के लिए बेहद सुगम होने वाला है. भारतीय एयरलाइंस अपने बेड़े को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर खरीदारी कर रही हैं. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय विमानन कंपनियां कुल 500 नए विमान खरीद रही हैं, जो जल्द ही भारतीय आसमान में उड़ान भरेंगे.

इंडिगो (IndiGo): 100 नए विमान

अकासा एयर (Akasa Air): 100 नए विमान

स्पाइसजेट (SpiceJet): 50 नए विमान

अन्य एयरलाइंस: शेष 250 विमान

3-4 साल में बदल जाएगी तस्वीर

सरकार का मानना है कि अगले 3 से 4 वर्षों में और भी नई एयरलाइंस एक्शन में होंगी और मौजूदा एयरलाइंस की क्षमता भी बढ़ जाएगी. नए विमानों के आने से न केवल कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि टिकट की कीमतों में भी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी. सूत्रों का कहना है, “अभी हम जिस दबाव को देख रहे हैं, वह मांग और आपूर्ति के अंतर के कारण भी है. लेकिन जैसे-जैसे ये 500 विमान सिस्टम में जुड़ेंगे, ‘इंडियन स्काईज’ में यात्रा करना बहुत आसान और आरामदायक हो जाएगा. अकासा एयर और स्पाइसजेट जैसी कंपनियों द्वारा बेड़े का विस्तार यह सुनिश्चित करेगा कि बाजार में किसी एक कंपनी का एकाधिकार (Monopoly) न रहे, जिससे यात्रियों के पास हमेशा विकल्प मौजूद रहेंगे.

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