Yoon Suk-yeol verdict: दक्षिण कोरिया में महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक योल के जिंदगी का बहुत बड़ा फैसला होना है. इसके लिए पूरे देश में दक्षिण कोरियाई पुलिस अभी से तैयारी कर रही है. शुक्रवार को महाभियोग लगाए गए राष्ट्रपति सुक योल के भाग्य पर फैसला सुनाए जाने के समय हिंसा हो सकती है, इसको लेकर पूरी आशंका है. इसी बीच चीन के बाद अब अमेरिका ने अपने नागरिकों को प्रदर्शनों या भीड़ से दूर रहने की हिदायत दी है. सोल स्थित यूएस दूतावास ने बुधवार को दक्षिण कोरिया में रहने वाले अमेरिकी नागरिकों को सलाह दी कि वे राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर फैसले से पहले प्रदर्शनों या भीड़ से दूर रहें.
4 अप्रैल को आएगा फैसला
संवैधानिक न्यायालय ने कहा कि वह शुक्रवार (4 अप्रैल) सुबह 11 बजे राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर अपना फैसला सुनाएगा.
अमेरिका को खौफ
अमेरिकी दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति यून के महाभियोग पर संवैधानिक न्यायालय के फैसले के बाद बड़े प्रदर्शनों और पुलिस की ज्यादा मौजूदगी की आशंका होगी. ऐसी जगहों से बचें जहां प्रदर्शन हो रहे हों, किसी भी बड़ी भीड़, सभा, विरोध प्रदर्शन या रैली के पास जाने से बचें.
चीन ने भी दिया निर्देश
अमेरिकी हिदायत के पहले पिछले दिन सोल स्थित चीनी दूतावास की ओर से जारी एक नोटिस में अपने नागरिकों को सतर्क रहने की बात कही गई थी. चीनी दूतावास ने 'संभावित हिंसक घटनाओं' की चेतावनी दी और अपने लोगों को सलाह दी कि वे सोल में अदालत और अन्य क्षेत्रों के पास राजनीतिक प्रदर्शनों से 'दूरी बनाए रखें' और 'उनमें भाग न लें.'
दक्षिण कोरिया में 14,000 कर्मियों को किया गया तैनात
इस बीच दक्षिण कोरियाई पुलिस ने सोल में लगभग 14,000 कर्मियों को तैनात करने का फैसला किया. राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने पुलिस बलों को 'गैफो' अलर्ट पर रखा है, जो उच्चतम स्तर है और सभी उपलब्ध पुलिस बलों को आपातकालीन स्टैंडबाय पर रखता है.
सभी जजों की बढ़ाई गई सुरक्षा
सभी संवैधानिक न्यायालय के जजों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस संवैधानिक न्यायालय परिसर में घुसने का प्रयास करने वालों को तुरंत गिरफ्तार कर लेगी. न्यायालय यदि महाभियोग प्रस्ताव को बरकरार रखता है, तो यून को पद से हटा दिया जाएगा. अगर इसे खारिज कर दिया जाता है, तो उन्हें मई 2027 तक अपने शेष कार्यकाल को पूरा करने के लिए बहाल कर दिया जाएगा.
क्या है मामला?
आपको बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया. मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा लेकिन इसने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया. नेशनल असेंबली ने राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया. प्रधानमंत्री हान डक-सू ने उनकी जगह ली लेकिन उनके खिलाफ भी महाभियोग पारित हुआ. इसके बाद उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभालने लगे. हालांकि 24 मार्च को संवैधानिक न्यायालय ने प्रधानमंत्री हान डक-सू के महाभियोग को खारिज कर दिया और उन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में बहाल कर दिया. (इनपुट आईएएनएस से)