Last Updated:May 11, 2025, 16:08 IST
MLA Kanwarlal Meena : बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. चुनाव अधिकारी पर पिस्टल तानने के मामले में सु्प्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद अब उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारं...और पढ़ें

विधायक कंवरलाल मीणा से जुड़ा यह केस करीब 20 साल पुराना है.
हाइलाइट्स
बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा पर गिरफ्तारी वारंट जारी.चुनाव अधिकारी पर पिस्टल तानने के मामले में वारंट जारी.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मीणा ने सरेंडर नहीं किया.झालावाड़. बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. चुनाव अधिकारी पर पिस्टल तानने के 20 साल पुराने मामले में उनके खिलाफ गिरफ्तार वारंट जारी कर दिया गया है. मनोहरथाना एसीजेएम ट्रायल कोर्ट ने मीणा का गिरफ्तारी वारंट तामील कराने के आदेश पुलिस को दिए हैं. अब मीणा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. मीणा को इस केस में निचली अदालत से तीन साल की सजा सुनाई गई थी. लेकिन बाद वे उसके खिलाफ पहले राजस्थान हाईकोर्ट और बाद में सु्प्रीम कोर्ट भी गए थे.
दोनों ही कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. सुप्रीम कोर्ट ने उनको सरेंडर करने का निर्देश दिया था लेकिन मीणा ने ऐसा नहीं किया. कंवरलाल मीणा फिलहाल बारां जिले की अंता विधानसभा सीट से विधायक हैं. मीणा ने पहली बार झालावाड़ के मनोहरपुर विधानसभा सीट से विधायक बने थे. यह मामला उनके विधायक बनने से पहले का है. मीणा ने साल 2005 में मनोहरथाना विधानसभा इलाके के खातोहेड़ी ग्राम पंचायत के उपसरपंच के चुनाव में पुर्नमतदान की मांग को लेकर तत्कालीन चुनाव अधिकारी एसडीएम रामनिवास पर पिस्टल तान दी थी. बाद में यह मामला गरमा गया था.
मीणा को 2020 तीन साल की सजा सुनाई गई थी
फिर इसका केस स्थानीय पुलिस थाने में दर्ज हुआ था. पुलिस ने जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. करीब 15 साल बाद अकलेरा की एडीजे कोर्ट ने दिसंबर 2020 मीणा को दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी. मीणा ने इस सजा के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में अपील की. लेकिन पिछले दिनों हाईकोर्ट ने मामले में उनकी अपील खारिज कर निचली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था.
सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का निर्देश दिया था
मीणा ने उसके बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट ने एक बार तो मीणा को राहत दे दी थी. लेकिन दो दिन बाद उनकी याचिका खारिज कर निचली अदालत और हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रख दिया. इसके साथ ही सु्प्रीम कोर्ट ने मीणा को निर्देश दिए कि वे दो सप्ताह के भीतर सरेंडर करें. मीणा के सरेंडर नहीं करने पर अब ट्रायल कोर्ट ने उनका गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.
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Jhalawar,Jhalawar,Rajasthan