Last Updated:May 11, 2025, 14:53 IST
Bharat Pakistan Ceasefire: 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत ने जो पाया, वो काफी था या अधूरा? ट्रंप के बयान ने एक बार फिर भारत-पाक रिश्तों की समझ को उलझाया है. लेकिन हर देशभक्त को आज ये समझना होगा कि हर लड़ाई बॉर्डर ...और पढ़ें

भारत के विदेश नीति के वर्षों की मेहनत पर पानी फेरने की कोशिश. (फोटो AP)
हाइलाइट्स
भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में आतंकी ठिकानों पर हमला किया.ट्रंप ने भारत-पाक को एक तराजू में तौलकर विवाद बढ़ाया.भारत ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को नाकाम साबित किया.Bharat Pakistan Ceasefire: 7 मई को जब भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हमला किया, तब पूरा देश एक सुर में बोल रहा था… अबकी बार सबक सिखाओ. लोग मान रहे थे कि ये सिर्फ जवाबी हमला नहीं बल्कि निर्णायक मोर्चा होगा. सीमा पार बैठे दुश्मनों को उनके घर में घुसकर मारने की रणनीति से भारत ने फिर साबित कर दिया कि अब वह सिर्फ सहने वाला देश नहीं है.
लेकिन जैसे ही 10 मई को सीजफायर की घोषणा हुई कई तरह के सवाल उठने लगे. क्या भारत ने वक्त से पहले ब्रेक लगा दिया? क्या ये एक मौका था जिसे पूरी तरह भुनाया जा सकता था? क्या मोदी सरकार ने दबाव में आकर कदम पीछे खींचा? सोशल मीडिया से लेकर टीवी डिबेट तक और चाय की दुकानों से लेकर एक्स सर्विसमैन की बैठकों तक हर जगह चर्चा है कि अगर हम PoK नहीं ले सके, IMF से पाकिस्तान को ब्लॉक नहीं कर पाए, तो आखिर इस ऑपरेशन का फायदा क्या हुआ?
क्या यही था मकसद?
लेकिन सवाल ये है कि क्या यही मकसद था भारत का? जब 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू हुआ तो भारत ने अपने इरादे साफ कर दिए थे:
पहले दो मकसद भारत ने हासिल किए. बाकी दो में अमेरिका और IMF की भूमिका थी जो भारत के काबू में नहीं थी. वहीं पाकिस्तान सिर्फ ‘बदला’ लेना चाहता था. ना कोई साफ रणनीति ना ही अंतरराष्ट्रीय समर्थन. लेकिन फिर भी अमेरिका उसके झांसे में आ गया. ट्रंप की चुप्पी और फिर अचानक की गई बयानबाज़ी ने सब कुछ बदल दिया.
आग में घी डालने का काम किया ट्रंप ने?
इस आग में घी डालने का काम किया अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने. उन्होंने एक विवादित पोस्ट में भारत और पाकिस्तान को एक ही श्रेणी में रख दिया जैसे दोनों बराबर हों. इसने सिर्फ भारत के विदेश नीति के वर्षों की मेहनत पर पानी फेरने की कोशिश की बल्कि मोदी सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर दिया. लेकिन अब जरूरी है कि हम इस पूरे घटनाक्रम को भावनाओं से नहीं, तथ्यों से देखें.
10 मई को डोनाल्ड ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट डाली. उसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान को राजनीतिक, आर्थिक और नैतिक तौर पर एक ही तराजू में तोल दिया. ये वही ट्रंप हैं जिन्होंने इतिहास को नजरअंदाज कर दिया.
भारत-पाक एक जैसे नहीं हैं, ये दुनिया को मालूम
पिछले दो दशकों में भारत ने जो कमाया वो पाकिस्तान ने गंवाया. अमेरिका को समझाने में भारत को सालों लग गए कि पाकिस्तान आतंक का पोषक है और भारत उसका शिकार.
भारत आज आत्मनिर्भर है, लोकतांत्रिक है और वैश्विक स्तर पर अहम खिलाड़ी है. पाकिस्तान सिर्फ चीन की गोद में बैठा है. ट्रंप अगर चीन से सख्ती से निपटना चाहते हैं तो भारत की दोस्ती जरूरी है. हर देशभक्त को आज ये समझना होगा कि हर लड़ाई बॉर्डर पर नहीं लड़ी जाती. कूटनीति बातचीत और वैश्विक मंचों पर भारत के हितों की रक्षा करना भी युद्ध ही है. विदेश सचिव, मंत्री और राजदूतों को भी आपकी नैतिक समर्थन की जरूरत है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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