Last Updated:May 11, 2025, 22:00 IST
Bharat Pakistan News, Indian Army DGMO, India Pakistan : भारतीय सेना के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताया और पाक के झूठ का पर्दाफाश किया. उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन आत...और पढ़ें

Bharat Pakistan News, Indian Army DGMO: कौन हैं डीजीएमओ राजीव घई?
हाइलाइट्स
राजीव घई ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी.राजीव घई ने पाक के झूठ का पर्दाफाश किया.राजीव घई ने 25 अक्टूबर 2024 को DGMO का पद संभाला.Bharat Pakistan News, Indian Army DGMO, India Pakistan : भारत पाकिस्तान के सीजफायर के बाद आज शाम तीनों सेनाओं भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना की ओर से एक प्रेस ब्रीफिंग की गई, जिसमें भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने पाकिस्तान के कई झूठ से न केवल पर्दा उठाया, बल्कि यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. राजीव घई ने यह भी कहा कि यह ऑपरेशन सिर्फ आतंक के अंत के लिए था और आतंक के खात्मे तक यह जंग जारी रहेगी. यह वही डीजीएमओ राजीव घई हैं, जिनके पास कल पाकिस्तान के डीजीएमओ ने फोन करके सीजफायर की पहल की थी, उसके बाद से भारतीय सेना के डीजीएमओ सुर्खियों में हैं. आइए आपको बताते हैं कि DGMO राजीव घई हैं कौन?
Indian Army DGMO: भारतीय सेना में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO)का पद काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. वर्तमान में लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई (DGMO Rajiv Ghai) DGMO हैं. राजीव घई, इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) देहरादून के पूर्व छात्र हैं, जहां उन्होंने अपनी मिलिट्री शिक्षा पूरी की. राजीव घई को दिसंबर 1989 में कुमाऊं रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त हुआ. बता दें कि इस रेजिमेंट का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है. लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 25 अक्टूबर 2024 को लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को डीजीएमओ का पद संभाला. इससे पहले घई जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में अहम भूमिका निभाई है. वह लगभग डेढ़ साल तक श्रीनगर में चिनार कॉर्प्स 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC)भी रहे. इस दौरान उन्होंने नियंत्रण रेखा (LOC) की सुरक्षा और घाटी में आतंकी नेटवर्क को नष्ट करने में अहम योगदान दिया. पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति बनाने और लागू करने में लेफ्टिनेंट जनरल घई की अहम भूमिका रही. इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए.
कौन बनता है DGMO
डीजीएमओ का चयन भारतीय सेना में एक कठिन और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से होता है. डीजीएमओ का पद एक थ्री-स्टार लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी का पद है.भारतीय सेना में डीजीएमओ का सेलेक्शन सेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय की ओर से संयुक्त रूप से किया जाता है. इस प्रक्रिया में उम्मीदवार के सैन्य रिकॉर्ड,नेतृत्व क्षमता के अनुभव का मूल्यांकन किया जाता है.इस पद पर सेलेक्शन के बाद अधिकारी को सेना मुख्यालय में डीजीएमओ के रूप में नियुक्त किया जाता है, जहां वह सीधे सेना प्रमुख को रिपोर्ट करता है. राजीव घई की नियुक्ति उनके चिनार कॉर्प्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन और आतंकवाद विरोधी अभियानों में अनुभव के आधार पर की गई.
क्या होता है DGMO का काम?
डीजीएमओ भारतीय सेना का एक वरिष्ठ अधिकारी होता है, जो सैन्य अभियानों की योजना और निगरानी करता है.वह तीनों सेनाओं थल सेना,वायु सेना और नौसेना के बीच समन्वय स्थापित करता है.डीजीएमओ RAW, IB और NIA जैसी खुफिया एजेंसियों के साथ भी संपर्क में रहना होता है. युद्ध या तनाव की स्थिति में डीजीएमओ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार,रक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ समन्वय करता है.
DGMO ने किया था संपर्क
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच उपजे तनाव के बाद दोनों देशों के डीजीएमओ ने एक दूसरे से बातचीत की.पाकिस्तानी डीजीएमओ मेजर जनरल कासिफ अब्दुल्ला ने लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई से हॉटलाइन पर संपर्क कर सीजफायर की अपील की जिसके बाद 10 मई 2025 को शाम 5 बजे से सीजफायर लागू हुआ.11 मई को घई ने तीनों सेनाओं के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर ऑपरेशन सिंदूर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पाकिस्तान की ओर से भारतीय सेना और भारत को लेकर फैलाए जा रहे झूठ से पर्दा उठाया.
Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...और पढ़ें
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...
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