अगर पिघल जाए धरती की सारी बर्फ तो? पानी में समा जाएंगा इन राज्यों का वजूद!

1 hour ago

Climate Change Impact: धरती की सारी बर्फ पिघलने की कहानी कोई सपना या कल्पना नहीं है, बल्कि आने वाले खतरे की घंटी हमारे कानों में गूंज रही है और ये सब बहुत धीमी गति से लगातार हो रहा है. अगर हम अपने देश भारत की बात करें तो वे कौन से इलाके हैं जो बर्फ पिघलने पर डूब सकते हैं.

पानी में समा जाएंगे तटीय इलाके
जरा कुछ पल के लिए सोचकर देखिए. यदि दुनिया की सारी बर्फ पिघल जाए तो क्या कोई समुद्री किनारा बचेगा? धरती और सीमाएं वहीं रहेंगी, लेकिन समुद्र का जलस्तर इतना बढ़ जाएगा कि कई सारे देश और सभ्यताएं इतिहास के पन्नों में समा जाएंगी. वैज्ञानिकों की मानें तो यदि धरती की सारी बर्फ पिघल जाए तो पृथ्वी का नक्शा पूरी तरह बदल जाएगा. इसके बाद पृथ्वी ऐसी नहीं दिखेगी जैसी अभी दिखती है. भारत जैसे देशों के तटीय इलाके पूरी तरह डूब जाएंगे. दक्षिण भारत के बहुत सारे शहर हमेशा के लिए समुद्र में समा जाएंगे. ऐसे में सवाल यही है कि ये सिर्फ कल्पना है या आने वाले समय का सच है. कहीं हम इस सच की ओर तो नहीं बढ़ रहे हैं. चलिए जानते हैं अगर ऐसा हुआ तो भारत के कौन से राज्य पानी में समा जाएंगे.

230 फीट बढ़ सकता है जलस्तर
पृथ्वी पर मौजूद, ग्लेशियरों, ध्रुवीय बर्फ और हिमखंडों में इतना बर्फ जमा है कि अगर एक साथ पिघल जाए जो समुद्र और धरती की सीमाएं पूरी तरह बदल जाएंगी. अनुमान के मुताबिक यदि दुनिया की सारी बर्फ पिघल जाए तो समुद्र का जलस्तर करीब 70 मीटर यानी 230 फीट तक बढ़ जाएगा. वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा होने में सैकड़ों साल लग सकते हैं, लेकिन जिस तेजी से लगातार बर्फ पिघल रही है और लगातार बदलती जलवायु इस खतरे की घंटी बजा रही है. ग्लोबल वार्मिंग लगातार इस खतरे की घंटी बजा रही है.

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भारत के कौन से हिस्से डूब जाएंगे?
अगर धरती की सारी बर्फ पिघल गई तो भारत का नक्शा वैसा नहीं दिखेगा जैसा आज दिखता है. खासतौर से दक्षिण भारत  की सीमाएं पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगी. भारत का तटीय नक्शा सबसे पहले बदल जाएगा. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव उन भारत के उन राज्यों पर पड़ेगा जो लंबी समुद्र सीमा बनाते हैं. जैसे  पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल. इन राज्यों की सीमाएं देखते देखते समुद्र में समा जाएंगी. अगर शहरों की बात करें तो कोलकाता, चेन्नई, विशाखापट्टनम, कोच्चि और कटक जैसे बड़े शहर पूरी तरह समुद्र में समा जाएंगे. इसी के साथ गुजरात का कच्छ भी समुद्र की गर्त में चला जाएगा, जो पहले से ही समुद्र के नजदीक है.
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दुनिया के इन हिस्सों को खतरा
यदि धरती की सारी बर्फ पिघल गई तो दुनिया के कई चकाचौंध वाले शहर पल भर में पानी में समा जाएंगे. न्यूयॉर्क, फ्लोरिडा, एम्स्टर्डम, सैन फ्रांसिस्को और शंघाई भी डूब जाएंगे. इतना ही नहीं समुद्र के बीच में स्थित छोटे द्वीप भी लहरों की चपेट में आ जाएंगे और इनका वजूद पानी के नीचे समा जाएगा. इसी के साथ समुद्र किनारे बसे देशों की सीमाएं बदल जाएंगी और धरती का नक्शा पूरी तरह बदल जाएगा. ये सिर्फ शहरों या इंसानी बस्तियों के लिए खतरा नहीं है बल्कि बढ़ता तापमान और समुद्र का बढ़ता खारापन समुद्री जीवों की प्रजातियों को नष्ट कर सकता है. समुद्री जीवों की फूड चेन पूरी तरह प्रभावित हो सकती है. कोरल रीफ, जो कि समुद्र का सबसे महत्वपूर्ण  पारिस्थितिक ढांचा हैं, नष्ट हो जाएंगे. इसमें मछलियों के साथ अन्य समुद्री जीवों की संख्या में तेजी से गिरावट आएगी. 

सूखी जमीन पर क्या असर होगा?
सारी बर्फ पिघलने पर दुनिया के कई हिस्से तो पानी में समा जाएंगे और जो बच जाएंगे वो बढ़ते तापमान में झुलस जाएंगे. धरती पर तापमान इतना बढ़ जाएगा कि जंगलों में खुद आग लगने लगेगी. बाढ़, सूखा, तूफान और भीषण गर्म का सामना करना पड़ेगा. मानव सभ्यता के लिए ये काफी विनाशकारी होगा. करोड़ों लोग बेघर हो जाएंगे. बड़े पैमाने पर दुनियाभर में क्लाइमेट माइग्रेशन देखने को मिल सकता है. 

Disclaimer प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है

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