Vehicle-Borne IED क्‍या है, ज‍िससे उमर ने क‍िया द‍िल्‍ली में ब्‍लास्‍ट

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Last Updated:November 16, 2025, 21:04 IST

दिल्‍ली धमाके में क‍िस बम का इस्‍तेमाल क‍िया गया, अब उसका जवाब मिल गया है. एनआईए ने पहली बार बताया क‍ि ब्‍लास्‍ट में vehicle-borne IED का इस्‍तेमाल क‍िया गया. 1993 मुंबई बम धमाके, 2008 काबुल इंडियन एम्बेसी अटैक, 1995 ओक्लाहोमा सिटी ब्लास्ट (यूएस) में इसी के जर‍िये विस्‍फोट क‍िया गया था.

Vehicle-Borne IED क्‍या है, ज‍िससे उमर ने क‍िया द‍िल्‍ली में ब्‍लास्‍टद‍िल्‍ली ब्‍लास्‍ट में vehicle-borne IED का इस्‍तेमाल हुआ. (PTI)

दिल्ली लाल क‍िला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुआ धमाका अब तक कई सवालों के घेरे में था. आखिर ये धमाका कैसे हुआ? क्या ये किसी गैस सिलेंडर या तकनीकी खराबी का नतीजा था या फिर इसमें किसी आतंकी मॉड्यूल का हाथ है? अब NIA की जांच से साफ हो गया है कि यह कोई साधारण विस्फोट नहीं, बल्कि एक vehicle-borne IED यानी गाड़ी में लगाई गई बम से हुआ सुसाइड ब्लास्ट था. इस हमले को अंजाम देने वाला शख्स था उमर उन नबी, जो पेशे से डॉक्टर था और हर किसी को चौंकाते हुए उसने आतंक का रास्ता चुना. आख‍िर vehicle-borne IED होता क्या है, इसे कैसे तैयार किया जाता है, यह इतना खतरनाक क्यों है, और NIA की तफ्तीश में अब तक क्या-क्या सामने आया है.

सीधे शब्दों में समझें IED मतलब इंप्रोवाइज्‍ड एक्‍सप्‍लोस‍िव डिवाइस, यानी घर या बाजार में मिलने वाले सामान से बनाया गया बम. और vehicle-borne IED (VBIED) वही बम है, जिसे कार, बाइक, ऑटो, स्कूटर, ट्रक या किसी भी गाड़ी में फिट किया जाता है. आतंकी इसे इसलिए इस्तेमाल करते हैं क्योंकि गाड़ी बड़ी जगह देती है, इसलिए ज्यादा विस्फोटक भरा जा सकता है. सुरक्षा चेकपॉइंट्स से गुजरना आसान हो जाता है. ब्लास्ट का असर बहुत ज्यादा होता है क्योंकि गाड़ी के पार्ट्स भी इसका पार्ट बन जाते हैं. यह एक झटके में दर्जनों जिंदगियां ले सकता है.

VBIED इतना खतरनाक क्यों माना जाता है?

इसे पहचानना मुश्किल होता है. एक साथ बड़ा धमाका कर सकता है. भीड़ वाले इलाकों में भारी मौतें होती हैं. मेटल के पार्ट्स गोलियों की तरह फैलते हैं. सुसाइड अटैक में कंट्रोल का कोई तरीका नहीं. इसी तरह के हमले दुनिया में कई बार हो चुके हैं. 1993 मुंबई बम धमाके, 2008 काबुल इंडियन एम्बेसी अटैक, 1995 ओक्लाहोमा सिटी ब्लास्ट (यूएस) में इसका इस्‍तेमाल क‍िया जा चुका है. आतंकी संगठन IED का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. लो-कॉस्ट और हाई-इम्पैक्ट हथियार होने के कारण इसे पसंद किया जाता है. उग्रवाद क्षेत्रों में पहले यह पैदल IED होता था, अब गाड़ियों में लगाया जा रहा है. NIA, NSG, IB और अन्य एजेंसियों ने कई बार ऐसी चेतावनी जारी की है कि VBIED भविष्य के हमलों का बड़ा खतरा है.

लाल क‍िला ब्लास्ट कैसे हुआ?

NIA की जांच के मुताबिक, धमाका हुडई i20 कार से हुआ, जिसे उमर उन नबी खुद चला रहा था. जांच में सामने आया है कि यह एक सुसाइड अटैक था यानी मुख्‍य आरोपी उमर खुद इस धमाके में मारा गया. एनआईए की जांच साफ बता रही क‍ि धमाका vehicle-borne IED से किया गया. कार चलाने वाला उमर उन नबी ही आत्मघाती बॉम्बर था. कार अमीर राशिद अली के नाम पर रजिस्टर्ड थी. धमाके से पहले कार तीन घंटे पार्किंग में खड़ी थी. उड़ा देने के लिए टाइमर या डिटोनेटर इस्तेमाल किया गया होने की आशंका है. NIA का दावा है कि यह हमला किसी छोटी साजिश का हिस्सा नहीं था, बल्कि एक संगठित आतंकी योजना थी जिसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं.

उमर कौन था, और कैसे बना ‘सुसाइड बॉम्बर’?

ये जानकारी सबसे चौंकानी वाली है. उमर उन नबी फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था. वह MBBS डॉक्टर था और कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला था. कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि एक डॉक्टर, जो लोगों की जान बचाता है, खुद ऐसा हमला करेगा. NIA को जांच में यह भी मिला है कि उमर के पास एक और कार थी, जिसे एजेंसी ने सील कर दिया है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं दूसरे हमलों की साजिश तो नहीं थी.

कौन है अमीर राशिद अली?

NIA ने इस केस में अब तक सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए अमीर राशिद अली को गिरफ्तार किया है. जम्मू-कश्मीर के पंपोर का रहने वाला है. कार उसके नाम पर रजिस्टर थी. उमर के साथ मिलकर दिल्ली आया था. कार खरीदने में मदद की. शक है कि उसने विस्फोटक जुटाए या लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया. शुरुआती कार्रवाई में NIA ने 4 लोगों को हिरासत में लिया था. इनमें 3 डॉक्टर और एक फर्टिलाइजर डीलर था. इनसे पूछताछ के बाद NIA को इनका कोई सीधा लिंक नहीं मिला, और उन्हें रिहा कर दिया गया. ये सभी उमर के संपर्क में थे और यूनिवर्सिटी से जुड़े थे, इसलिए जांच का हिस्सा बने.

NIA की जांच कितनी आगे बढ़ी है?

NIA की जांच में अब तक 73 गवाहों के बयान ल‍िए गए. दिल्ली, यूपी, हरियाणा, J&K में छापेमारी की गई. कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त की गई. विस्फोटक के सोर्स की तलाश जारी है. आतंक‍ियों को फंड‍िंग कहां से हुई, इसकी जांच भी की जा रही है. एजेंसी को शक है कि कुछ और लोग इस साजिश में शामिल हैं, जिनकी पहचान और तलाश जारी है.

Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें

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Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

November 16, 2025, 21:03 IST

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