Last Updated:November 16, 2025, 22:39 IST
Indian Navy ASW Sship: भारतीय नौसेना 24 नवंबर को INS माहे को मुंबई में कमीशन करने जा रही है. यह स्वदेशी उथले समुद्री युद्धक पोत टारपीडो, पनडुब्बी-रोधी रॉकेट और आधुनिक सोनार प्रणाली से लैस है. कम गहराई वाले पानी में दुश्मन पनडुब्बियों का शिकार करने के लिए इसे खास तौर पर डिजाइन किया गया है.
यह जहाज पूरी तरह से भारतीय विशेषज्ञता, डिज़ाइन और तकनीक का प्रमाण है. (IANS)Indian Navy ASW Ship: भारतीय नौसेना 24 नवंबर को अपने सबसे आधुनिक और खतरनाक एंटी-सबमरीन वारफेयर जहाजों में से एक INS माहे को मुंबई में कमीशन करने जा रही है. यह नया युद्धपोत केवल तटीय सुरक्षा बढ़ाने वाला प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि वह ताकत है जो दुश्मन की पनडुब्बियों के लिए पानी के भीतर “अदृश्य शिकारी” साबित हो सकता है.
इसकी क्षमताएं, डिजाइन और पूरी तरह स्वदेशी निर्माण इसे भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति का प्रतिनिधि बनाती हैं. टारपीडो, रॉकेट और एडवांस सेंसर सिस्टम से लैस “माहे” भारतीय तटों की सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाने वाला है. और यही वजह है कि इसे पनडुब्बियों का काल कहा जा रहा है.
INS माहे क्या है?
INS माहे एक अत्याधुनिक पनडुब्बी-रोधी उथले पानी में चलने वाली युद्धपोत है. इसे खास तौर पर कम गहराई वाले समुद्री इलाकों में काम करने के लिए बनाया गया है. यह जहाज आकार में कॉम्पैक्ट लेकिन युद्धक क्षमताओं में बेहद शक्तिशाली है. इसका डिज़ाइन इसे पानी की सतह के बिल्कुल पास तेज़ गति से चलने-फिरने (दिशा बदलने) की ताकत देता है. इससे यह दुश्मन की पनडुब्बी को तुरंत लोकेट कर सकता है.
देश की नौसेना में ऐसे 8 जहाज शामिल किए जाने हैं. (फोटो PTI)
INS माहे क्यों है खास?
लंबाई लगभग 78 मीटर उच्च मनूवेबिलिटी के लिए उन्नत प्रपल्शन सिस्टम 25 नॉट्स तक की अधिकतम गति टॉरपीडो और एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से लैस आधुनिक सोनार और रडार सिस्टम तटीय गश्त, पनडुब्बी-शिकार, माइन-लेइंग और SAR ऑपरेशन की क्षमता 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ पूरी तरह भारत में निर्मितINS माहे की रणनीतिक भूमिका
भारत का तटीय इलाका दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री मार्गों में शामिल है. इन जल क्षेत्रों में पनडुब्बियों की गतिविधि का खतरा हमेशा रहता है. INS माहे इसी चुनौती का जवाब है एक ऐसा प्लेटफॉर्म जो कम गहराई वाले पानी में भी बेधड़क घुसकर दुश्मन की पनडुब्बी को निशाने पर ले सकता है. यह जहाज तटीय सुरक्षा के “फॉरवर्ड शील्ड” के रूप में काम करेगा और निगरानी, एस्कॉर्टिंग, गश्त और एंटी-सबमरीन ऑपरेशन जैसे मिशनों में बड़ी भूमिका निभाएगा.
इन जहाजों का बेड़े में शामिल होना भारतीय नौसेना की एंटी-सबमरीन क्षमता को नई पीढ़ी के स्तर पर पहुंचाएगा. (फोटो PTI)
INS माहे की क्षमताओं की तुलना
| पानी की कम गहराई में संचालन | उत्कृष्ट | सीमित |
| अधिकतम गति | 25 नॉट्स | 18–22 नॉट्स |
| पनडुब्बी-खोज क्षमता | उन्नत सोनार सिस्टम | सामान्य सोनार |
| हथियार प्रणाली | टारपीडो + ASW रॉकेट | रॉकेट या टारपीडो में से एक |
| संचालन लागत | कम और कुशल | अधिक |
आत्मनिर्भर भारत का मजबूत संदेश
INS माहे भारत के शिपबिल्डिंग सेक्टर का भी महत्वपूर्ण संकेत है. यह जहाज पूरी तरह से भारतीय विशेषज्ञता, डिज़ाइन और तकनीक का प्रमाण है. देश की नौसेना में ऐसे 8 जहाज शामिल किए जाने हैं, और INS माहे इस श्रृंखला का पहला जहाज होगा. इन जहाजों का बेड़े में शामिल होना भारतीय नौसेना की एंटी-सबमरीन क्षमता को नई पीढ़ी के स्तर पर पहुंचाएगा.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
November 16, 2025, 22:37 IST

2 hours ago
