Last Updated:May 14, 2025, 22:29 IST
Pakistan News Today: बीएसएफ जवान पुरनम कुमार शाह की पाक में गिरफ्तारी पर यासीन मलिक की पत्नी ने जवान की रिहाई के बदले यासीन की रिहाई की मांग की. यह पाक की आतंकी मानसिकता का प्रमाण है. यासीन मलिक घोषित आतंकी है.

यासिन मलिक की पत्नी की मांग सुन हर कोई रह गया. (News18)
हाइलाइट्स
पाक में गिरफ्तार BSF जवान की रिहाई के बदले यासीन मलिक की रिहाई की मांग.यासीन मलिक की पत्नी का बयान पाक की आतंकी मानसिकता का प्रमाण.पाक ने पहले भी आतंकियों की वापसी के लिए दबाव की राजनीति की है.Pakistan News Today: भारत और पाकिस्तान के बीच जब पहलागाम आतंकी हमले के बाद तनाव अपने चरम पर था, तभी पंजाब के फिरोजपुर में यह खबर सामने आई कि बीएसएफ का एक जवान गलती से सरहद पार कर गया है. पाकिस्तान में इस जवान को अरेस्ट कर लिया गया. 23 अप्रैल को पकड़ा गया बीएसएफ का जवान आज अमृतसर बॉर्डर से वापस स्देश लौट आया है. इसी बीच दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के कुख्यात आतंकी यासीन मलिक की पत्नी का एक ऐसा बयान सामने आया, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया. पाकिस्तान में बैठी यासीन की पत्नी मुशाला हुसैन मलिक ने पाकिस्तान सरकार से गुहार लगाई कि कांस्टेबल पुरनम कुमार शाह को तबतक ना छोड़ा जाए जबतक भारत उनके पति यासीन मलिक को नहीं छोड़ता.
रणनीतिक आतंकी मानसिकता बेनकाब
कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक का यह बयान सिर्फ असंवेदनशील ही नहीं बल्कि पाकिस्तान की रणनीतिक आतंकी मानसिकता का एक और प्रमाण है. यह साफ तौर पर दर्शाता है कि पाकिस्तान कैसे अपने देश में आतंकवाद को रणनीति की तरफ इस्तेमाल करता है. वो गलती से बॉर्डर पार करने वाले बेकसूर जवान के बदले हजारों लोगों की जान लेने वाले अपने आतंकी पत्नी को छुड़वाने के लिए मोलभाव करना चाहती है.
पाक की टेरर वाली रणनीति
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने आतंकवादियों की वापसी के लिए इस तरह के दबाव की राजनीति की हो. चाहे कुलभूषण जाधव का मामला हो या फिर हाफिज सईद जैसे लोगों की खुली पैरवी, पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकियों को राजनीतिक बंदी बताने की कोशिश करता रहा है. लेकिन यासीन मलिक कोई नेता नहीं बल्कि एक घोषित आतंकी है, जिसने खुलेआम 1990 में चार वायुसेना अधिकारियों की हत्या की बात कबूली थी.
यासीन ISI के लिए अहम मोहरा
मुशाल मलिक का यह बयान न केवल भारतीय जवानों के बलिदान का अपमान है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि पाकिस्तान सेना और ISI अभी भी यासीन मलिक जैसे आतंकियों को अपनी संपत्ति मानते हैं. यह बयान ऐसे समय पर आया है जब यासीन मलिक पर टेरर फंडिंग और देशद्रोह के मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है और भारत में उसके खिलाफ जन आक्रोश चरम पर है. इस पूरे प्रकरण में भारत के लिए जरूरी है कि वह पाकिस्तान की इस तरह की मनोवैज्ञानिक और कूटनीतिक चालों का दृढ़ता से जवाब दे.
जैश आतंकी अब रिटायर हो चुके हैं!
पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को पाकिस्तान ने राजकीय सम्मान दिया. खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बीसीसी से बातचीत के दौरान कहा कि ये लोग किसी जमाने में आतंक के रास्ते पर थे. अब यह आम लोगों का जीवन जी रहे हैं. भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मुद्दा उठाना चाहिए कि किस तरह पाकिस्तान आतंकियों को नायक की तरह पेश करने की कोशिश करता है. सैनिक के बदले यासीन मलिक जैसे घोषित आतंकी की रिहाई की मांग ने यह साफ कर दिया कि पाकिस्तान अपनी स्टेट स्पॉन्सर्ड टेरर पॉलिसी को आगे भी चलता रहेगा.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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