Mahadev Operation : तीनों आतंकियों की गन से रातभर क्यों चलाई गई गोलियां?

1 day ago

Last Updated:July 30, 2025, 12:22 IST

Mahadev Operation : महादेव ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने श्रीनगर के हरवान–दाचीगाम के घने जंगलों में छिपे तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया. तीनों आतंकवादियों की पहचान सुलेमान उर्फ फैजल, जिब्रान और हमजा ...और पढ़ें

 तीनों आतंकियों की गन से रातभर क्यों चलाई गई गोलियां?ऑपरेशन महादेव में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया...

नई दिल्ली. श्रीनगर के हरवान–दाचीगाम के घने जंगलों में सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ‘ऑपरेशन महादेव’ चलाया और तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को ढेर कर दिया. तीनों आतंकी पाकिस्तान के रहने वाले हैं. तीनों की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के ए-कैटेगरी कमांडर सुलेमान उर्फ फैजल, जिब्रान और हमजा अफगानी के रूप में हुई. तीनों आतंकवादी 22 अप्रैल को पहलगाम के बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में शामिल थे. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी. एनकाउंटर के बाद आतंकियों के पास मिली गन से पूरी रात फायरिंग क्यों की गई? स्पेशल विमान श्रीनगर से चंडीगढ़ क्यों आया? आइये जानते हैं इस ऑपरेशन महादेव से जुड़ी इनसाइट स्टोरी….

सूत्रों के मुताबिक करीब दो माह पहले से सुरक्षा बलों की ओर से ‘महादेव’ के नाम से खुफिया ऑपरेशन चलाया जा रहा था. 28 जुलाई की शाम सात बजे के करीब सुरक्षा बलों ने गृह मंत्री अमित शाह को फोन पर बताया कि तीनों आतंकी पहलगाम हमले के गुनाहगार हैं. तीनों आतंकियों के शव श्रीनगर लाए गए थे. हिरासत में लिए गए परवेज और बशीर समेत 4 लोगों ने इस बताया कि ये शव सुलेमान उर्फ फैजल, जिब्रान और हमजा अफगानी के हैं. तीनों आतंकियों के शवों का मिलान उनके स्कैच से कराया गया. ये स्कैच 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद एनआईए ने करीब एक हजार लोगों से पूछताछ के बाद बनवाए थे.

इधर, संसद में पहलगाम हमले पर बहस होनी थी. ऐसे में सरकार के सामने आतंकियों की पुख्ता पहचान करने की थी ताकि पूरे देश को संसद के जरिये ठोस जानकारी दी जा सके. गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला, वो पूरी रात जागते रहे और मंगलवार सुबह पांच बजे तक इस बारे में पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे.

तीनों आतंकियों के पास से दो AK-47 और M9 अमेरिकन राइफल बरामद हुई थी. सूत्रों के मुताबिक, स्पेशल विमान से तीनों राइफल को चंडीगढ़ साइंस लेबोरेटरी भेजा गया. यहां पर इन राइफलों से पूरी रात फायरिंग की गई. इससे निकले कारतूसों की जांच की गई. इन खोखों का मिलान पहलगाम हमले के समय मिले खोखों से किया गया. लैब की जांच में साबित हुआ कि मारे गए आतंकी ही पहलगाम हमले के गुनाहगार हैं. पूरी रात गृह मंत्री शाह अधिकारियों से लगातार संपर्क में रहे. गृह मंत्री शाह ने संसद में बताया, ‘आतंकियों के पास से पाकिस्तान में बनी चॉकलेट भी मिली हैं. दो आतंकियों के पास से पाकिस्तान वोटर नंबर भी मिले हैं.

आतंकियों को ढेर करने में 97 दिन क्यों लगे?

करीब 20 किलोमीटर के एरिया में फैला दाचीगाम का जंगल बेहद घना है. यहां पर हाइड आउट में आतंकियों की लोकेशन ट्रैस करना मुश्किल हो रहा था. आतंकियों ने चीन के अल्ट्रा सेट कम्युनिकेशन डिवाइस का जैसे ही इस्तेमाल किया तो आतंकियों की लोकेशन ट्रैस हुई. लोकेशन मिलते ही एरिया में तलाशी शुरू की गई. 97 दिन बाद 28 जुलाई को तीनों आतंकियों का पता चला. महादेव चोटी के पास जबरवान रेंज में आतंकी बारिश के बीच तिरपाल लगाकर छिपे हुए थे. फिर क्या था, भारतीय सेना ने तीनों को ढेर कर दिया.

Chaturesh Tiwari

An accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M...और पढ़ें

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