INS निस्तार का इंडोनेशिया के साथ पहला सबमरीन रेस्क्यू अभ्यास

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Last Updated:September 12, 2025, 16:59 IST

INDIAN NAVAL SHIP NISTAR: INS निस्तार के नाम से ही पाकिस्तान के पुराने जख्म हरे हो जाते हैं. इसके पीछे की वजह है 1971 की जंग के दौरान भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी सबमरीन PNS गाजी को डुबो दिया था. INS निस्तार नाम के डाइविंग सपोर्ट वेसल ने गाजी की कब्र ढूंढने के लिए डाइविंग ऑपरेशन को अंजाम दिया था. इस सपोर्ट वेसल का नाम डिकमीशन हो चुके INS निस्तार पर रखा गया है. दुनिया के कुछ ही देशों के पास इस तरह के स्पेशल सबमरीन रेस्क्यू सपोर्ट वेसल मौजूद हैं.

INS निस्तार का इंडोनेशिया के साथ पहला सबमरीन रेस्क्यू अभ्यासINS निस्तार का पहला नौसैन्य अभ्यास

INDIAN NAVAL SHIP NISTAR: 18 जुलाई को नौसेना में शामिल हुआ INS निस्तार अपने पहले अभ्यास के लिए इंडोनेशिया पहुंच रहा है. इस अभ्यास का नाम एक्सरसाइज पैसेफिक रीच है. 14 से 29 सितंबर तक चलने वाले इस अभ्यास में डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा. नेवी में पहला स्वदेशी डायविंग सपोर्ट वेसल के तौर पर INS निस्तार को शामिल किया गया है. इस अभ्यास में डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) को ले जाया गया है, जो गहरे समुद्र में गोता लगाकर सबमरीन से रेस्क्यू ऑपरेशन का अभ्यास करेगा.

निस्तार की कहानी
निस्तार क्लास प्रोजेक्ट के तहत कुल 2 डाइविंग सपोर्ट वेसल तैयार किए जाने है. भारत की हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के साथ नौसेना ने साल 2018 में डील साइन की थी.
– डील साइन होने के 36 महीने के भीतर इन दोनों वेसल को नौसेना को सौंपना था.

– कोविड के चलते थोड़ी देरी हुई.

– मई 2024 में इस शिप को समुद्री ट्रायल के लिए उतारा गया था.

– सबमरीन इमरजेंसी के दौरान गहराई में जाकर रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देगा.

– यह शिप 120 मीटर लंबा है और इसका वजन लगभग 10,000 टन है.

– इसमें आधुनिक डाइविंग उपकरण लगे हुए हैं.

– यह जहाज 80% मेड इन इंडिया है.

– यह 18 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ्तार से समुद्र में मूव कर सकता है.

– इस वेसल के जरिए डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) को ले जाया जाता है.

– भारतीय नौसेना के पास फिलहाल एक डाइविंग सपोर्ट वेसल है जिसका नाम निस्तार है.

– 8 जुलाई को पहला डाइविंग सपोर्ट वेसल निस्तार नौसेना को सौंपा गया. दूसरा स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल निपुण जल्द ही शामिल होगा.

कैसे करेगा सबमरीन रेस्क्यू ऑपरेशन को सपोर्ट?
इससे डीप वॉटर ऑपरेशन में भारतीय नौसेना की ताकत को जबरदस्त तरीके से इजाफा हुआ है. अब अगर इन दोनों वेसल की जरूरत पर नजर डालें तो कभी समुद्र में सबमरीन में किसी भी तरह की कोई दिक्कत होती है या वह डूब जाती है और ऐसी स्थिति में उस सबमरीन में फंसे नौसेनिकों के रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया जाना होता है, उस वक्त ये वेसल काम आएगी. इन वेसल के जरिए डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) को ले जाया जाएगा और उन्हें गहरे समुद्र में गोता लगाकर सबमरीन से रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा. चूंकि इस वेसल पर हेलिकॉप्टर ऑपरेशन को भी अंजाम दिया जाएगा ताकि रेस्क्यू किए गए लोगों को बेहतर चिकित्सा के लिए किनारे तक लाया जा सके. फिलहाल अभी ऐसे किसी भी ऑपरेशन के लिए ओएनजीसी से मदद ली जाती है. इनके नौसेना में शामिल होने के बाद भारतीय नौसेना की डीप वाटर ऑपरेशन क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा.

हिंद महासागर क्षेत्र में सिर्फ भारत के पास है DSRV
दुनिया भर में लगभग 13 से 15 देशों की नौसेनाओं के पास डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (DSRV) और डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) की क्षमता मौजूद है. पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत ही इकलौता देश है जिसके पास डाइविंग सपोर्ट वेसल और DSRV मौजूद है. भारत के अलावा अमेरिका, रूस, चीन, सिंगापुर, यूके, फ्रांस, नॉर्वे, इटली, स्वीडन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और स्पेन के पास यह क्षमता है.

4 साल बाद फिर पहुंचेगा भारतीय DSRV
साल 2021 में इंडोनेशिया नेवी की सबमरीन हादसे के दौरान DSRV रेस्क्यू के लिए भेजी गई थी. इंडोनेशियन नेवी की पनडुब्बी KRI Nanggala (402) बाली सागर में एक टॉरपीडो ड्रिल के दौरान लापता हो गई थी. इस पनडुब्बी पर 53 क्रू मेंबर्स सवार थे. इस हादसे में सभी क्रू की मौत हो गई थी. यह सबमरीन 838 मीटर की गहराई पर डूब गई थी. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सिंगापुर और भारतीय नौसेना ने अपनी DSRV को भेजा था.

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First Published :

September 12, 2025, 16:59 IST

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