What are Special Features of Orshenik Missile: जिसे रूस का सबसे बड़ा बाहुबली कहा जाता है. उसका नाम है ओरशेनिक मिसाइल. वह मिसाइल, जिसने यूक्रेन की हवा निकाल दी और नाटो के 32 देशों की बोलती बंद कर दी. पुतिन के उस सीक्रेट वेपन पर अब हिंदुस्तान की नज़र है. यानी भारत के तरकश में एक और घातक तीर जुड़ सकता है. जिससे पाकिस्तान तो क्या उसे पालने-पोसने वाला चीन भी पार नहीं पा सकता.
नाटो भी नहीं ढूंढ पाया है 'ओरशेनिक' का जवाब
आपको बता दें, ये वही हाइपरसोनिक मिसाइल है, जिसका रूस ने सबसे पहले यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल किया था. ऐसा हथियार जिसका तोड़ ढूंढना तो दूर. उससे बचना भी यूक्रेन के लिए नामुमकिन हो गया था. यहां तक कि नाटो ग्रुप के 32 देश भी पुतिन के इस रहस्यमयी मिसाइल की मार से बचने के उपाय नहीं ढूंढ पाए थे. अब वही ब्रह्मास्त्र हिंदुस्तान के सुरक्षा बेड़े में शामिल हो सकता है.
दरअसल रूस के प्रेसिडेंट पुतिन इस साल हिंदुस्तान के दौरे पर आ रहे हैं. यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद ये पहला मौका है, जब पुतिन भारत की यात्रा पर आ रहे हैं. ये मौका और भी खास इसीलिए है क्योंकि पुतिन की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच बड़ी डिफेंस डील हो सकती है.
भारत को ऑफर कर सकते हैं पुतिन
खबरों की मानें तो पुतिन के भारत दौरे पर ओरेशनिक मिसाइल की खरीद या इसके सहयोग पर चर्चा हो सकती है. जिससे भारत और रूस के बीच डिफेंस पार्टनरशिप और भी मजबूत हो सकती है. रक्षा क्षेत्र में भारत और रूस की इस जुगलबंदी से पाकिस्तान ही नहीं बल्कि चीन और अमेरिका भी सदमे में हैं क्योंकि भारत और रूस की करीबी जितनी खास है, उतनी ही खास ओरशेनिक मिसाइल भी है.
ऑरशेनिक एक बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी रफ्तार 10 मैक से भी ज़्यादा है. इसमें 6 अलग-अलग वॉरहेड लगे हैं, जिसकी बदौलत ये एक साथ कई लक्ष्य भेद सकती है.
दुनिया का सबसे ताकतवर मिसाइल सिस्टम
कुल मिलाकर, ओरशेनिक एक ऐसा ताकतवर मिसाइल सिस्टम है, जो अपनी रफ्तार, सटीक निशाने और विनाशकारी क्षमता के लिए जानी जाती है. अगर हिंदुस्तान के रक्षा बेड़े में इसकी एंट्री हो गई तो पाकिस्तान अगली बार पहलगाम जैसे हमले करने से पहले सौ बार सोचेगा.
पाकिस्तान ने 22 अप्रैल को जो कायराना करतूत की. उसका भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए रूसी डिफेंस सिस्टम S-400 की मदद से ऐसा जवाब दिया था कि पाकिस्तान अपने घुटनों पर आ गया था. लिहाज़ा पाकिस्तान को भी अच्छी तरह पता है कि अगर भारत और रूस के बीच ये डिफेंस डील सक्सेसफुल रहा तो अगली बार उसके आका भी उसे बचा नहीं पाएंगे.