H1B वीजा के नियम से किसे मिलेगी छूट, नैसकॉम ने कहा-दूर हो गई चिंता

3 weeks ago

Last Updated:September 22, 2025, 13:49 IST

New Fee in H1B Visa : अमेरिका ने भारत सहित तमाम देशों के लोगों को अपने यहां आकर काम करने के लिए जरूरी एच1बी वीजा की फीस को एक झटके में 20 गुना बढ़ा दिया है. हालांकि, इसमें कुछ लोगों को छूट भी दी गई है, जिसका आईटी सेक्‍टर के संगठन नैसकॉम ने स्‍वागत किया है.

H1B वीजा के नियम से किसे मिलेगी छूट, नैसकॉम ने कहा-दूर हो गई चिंताअमेरिका ने एच1बी वीजा की फीस 20 गुना बढ़ा दी है.

नई दिल्‍ली. अमेरिका ने बाहरी लोगों के लिए अपने देश में काम करना बेहद महंगा कर दिया है. भारत सहित अन्‍य देशों के लोगों को अमेरिका में जाकर काम करने के लिए एच1बी वीजा लेना पड़ता है, जिसकी फीस कई गुना बढ़ाकर अब 88 लाख रुपये कर दी गई है. अमेरिका के इस ऐलान से भारतीय आईटी कंपनियां सकते में आ गईं थी, लेकिन आईटी कंपनियों के संगठन नैसकॉम ने कहा है कि इस नए नियम से ज्‍यादा चिंता करने की बात नहीं है. नैसकॉम ने सोमवार को कहा कि अमेरिका ने वीजा नियमों को स्‍पष्‍ट कर दिया है, जिसके बाद चिंताएं खत्‍म हो गईं.

नैसकॉम ने कहा कि अमेरिकी सरकार के एच1बी वीजा शुल्क बढ़ोतरी के फैसले मौजूदा वीजा धारकों पर लागू नहीं होने को लेकर स्पष्ट जानकारी देने से इसकी पात्रता और समय सीमा से संबंधित चिंताएं दूर हो गई हैं. संगठन ने कहा कि इस स्पष्टता से अमेरिका से बाहर रहने वाले एच-1बी धारकों की अनिश्चितता संबंधी चिंताएं दूर होंगी और कंपनियों को भी इससे जरूर राहत मिलेगी.

क्‍या हैं नए वीजा नियम के मायने
अमेरिकी सरकार ने कहा है कि 21 सितंबर, 2025 को पूर्वी डेलाइट समयानुसार रात 12:01 बजे के बाद जमा किए जाने वाले किसी भी नए एच1बी वीजा आवेदन के साथ एक लाख डॉलर का भुगतान करना अनिवार्य है. इसका मतलब है कि इससे पहले किए गए आवेदनों पर यह फीस लागू नहीं होगी. एक बयान में कहा गया कि अमेरिका में काम कर रहे भारतीय और भारत से संबंधित कंपनियों ने एच1बी वीजा पर अपनी निर्भरता काफी कम कर दी है और वे स्थानीय लोगों की भर्ती बढ़ा रही हैं.

कंपनियों ने घटाई बाहरी भर्ती
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख भारतीय और भारत से जुड़ी कंपनियों को जारी किए गए एच1बी वीजा की संख्या साल 2015 के 14,792 से घटकर 2024 में 10,162 रह गई हैं. इन बातों को देखते हुए हम इस क्षेत्र पर मामूली असर की ही उम्मीद करते हैं. नैसकॉम (नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो भारत के सूचना प्रौद्योगिकी और ‘बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट’ उद्योग का प्रतिनिधित्व करता है.

नैसकॉम का क्‍या कहना
आईटी सेक्‍टर के शीर्ष उद्योग संगठन ने कहा कि यह शुल्क साल 2026 से लागू होगा जिससे कंपनियों को अमेरिका में कौशल कार्यक्रम को और बेहतर बनाने एवं स्थानीय स्तर पर अधिक कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा. भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग ने रविवार को उस समय राहत की सांस ली जब अमेरिकी सरकार ने स्पष्ट किया कि एच1बी वीजा आवेदन का एक लाख रुपये का नया शुल्क केवल नए आवेदकों पर लागू होगा और मौजूदा वीजा धारकों अथवा वीजा नवीनीकरण पर इसका कोई असर नहीं होगा.

अभी कितना लगता है शुल्‍क
अभी एच1बी वीजा शुल्क करीब 2,000 डॉलर से 5,000 डॉलर के बीच होता है, जो नियोक्ता के आकार और अन्य खर्चों पर निर्भर करता है. इस बीच, अमेरिका की सरकार ने कहा है कि 21 सितंबर के बाद जमा किए गए सभी नए एच1बी वीजा आवेदनों के लिए एक लाख अमेरिकी डॉलर का शुल्क देना होगा जिसकी घोषणा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में की थी. इस तरह, फीस में अचानक 20 गुना की बढ़ोतरी कर दी गई. जाहिर है कि इसका असर अमेरिका में जाकर काम करने की ख्‍वाहिश रखने वालों पर दिखेगा.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 22, 2025, 13:49 IST

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