Last Updated:October 27, 2025, 15:13 IST
अमेरिका से डिपोर्ट हुए 50 भारतीयों में करनाल के 16 युवक शामिल हैं, जिनमें रजत भी है. परिवार ने दुकान और प्लॉट बेचकर 60 लाख खर्च किए, लेकिन केस रिजेक्ट हो गया.
रजत के परिवार ने उसे विदेश भेजने के लिए अपनी दुकान और प्लॉट बेच दिए थे.करनाल. अमेरिका से 50 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया गया है. इनमें हरियाणा के करनाल जिले के 16 युवक शामिल हैं. करनाल के सगोही गांव का रहने वाला रजत भी इन्हीं में से एक है. रजत रविवार देर शाम अपने गांव पहुंचा, जहां उसने अपने अनुभव साझा किए. रजत के परिवार ने उसे विदेश भेजने के लिए अपनी दुकान और प्लॉट बेच दिए थे तथा लाखों रुपए खर्च किए थे. रजत ने बताया कि वह 26 मई 2023 को अमेरिका के लिए निकला था, ताकि अपने और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सके. उसने कहा कि वह 12-13 लड़कों के समूह के साथ पनामा के जंगलों से होकर गया था और करीब 45 लाख रुपये खर्च हुए थे.
रजत ने बताया कि उसके पिता हलवाई का काम करते हैं. अब वापस लौटकर वह अपने पिता की दुकान पर उनका हाथ बटाएगा. उसने बताया कि जंगलों के रास्ते कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा — जहां लोग मिलते थे, वहीं रुकना पड़ता था. गाड़ियों में भी लोगों के समूह के साथ यात्रा करनी पड़ती थी.
रजत ने कहा कि वह 2 दिसंबर को बॉर्डर क्रॉस कर चुका था. इसके बाद 12-13 दिन उसे वहां रखा गया और फिर दूसरी जगह ले जाया गया. 20 अक्टूबर को उन्हें जानकारी दी गई कि उन्हें भारत वापस भेजा जाएगा. उसने कहा कि उसके साथ किसी तरह का गलत सलूक नहीं हुआ, लेकिन परेशानियां बहुत रहीं. रजत ने कहा कि एजेंट ने कहा कि वह अमेरिका तक फ्लाइट में भेजेंगे, लेकिन बीच में पैदल चलना पड़ा. 2 दिसंबर को मैक्सिक की दिवार क्रॉस की. वह 26 मई 2024 को घर से निकल थे. सात महीने की यात्रा के बाद अमेरिका पहुंचे थे.
रजत ने बताया कि गांव की ही एक एजेंट ने उसे भेजा था. परिवार अब एजेंट से बातचीत करेगा और अगर समाधान नहीं निकला तो कानूनी कार्रवाई पर विचार करेगा. रजत के भाई विशाल ने बताया कि पूरे सफर में 60 लाख रुपये से ज्यादा खर्च हुए. इसमें से करीब 45 लाख रुपये एजेंट को दिए गए, जबकि बॉर्डर क्रॉस करने और बांड अपील के लिए भी भारी रकम खर्च करनी पड़ी.
भाई का केस रिजेक्ट हो गया
विशाल ने कहा कि उन्होंने पूरी कोशिश की थी कि उनका भाई अमेरिका में सेट हो जाए, लेकिन केस रिजेक्ट हो गया और उसे वापस भारत भेज दिया गया. उन्होंने बताया कि परिवार ने मकान, प्लॉट और दुकान बेचकर रजत को विदेश भेजा था ताकि परिवार के सपने पूरे हो सकें, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.विशाल ने अन्य युवाओं से अपील की कि वे विदेश जाने के लिए गलत रास्ता न अपनाएं, बल्कि वैध तरीके से ही जाएं.
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...
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Location :
Karnal,Karnal,Haryana
First Published :
October 27, 2025, 15:13 IST

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