2025 भारतीय नौसेना के लिए अभूतपूर्व विस्तार और आधुनिकीकरण का वर्ष साबित हुआ है. जनवरी से दिसंबर तक नौसेना ने ऐसे कई अत्याधुनिक युद्धपोत, पनडुब्बियाँ और विशेष‑उद्देश्य वाले पोत कमीशन किए, जिन्होंने भारत की समुद्री शक्ति को नई दिशा और गहराई दी है. ये सभी प्लेटफॉर्म न केवल युद्धक क्षमता बढ़ाते हैं, बल्कि स्वदेशी निर्माण, स्टेल्थ तकनीक, एंटी‑सबमरीन युद्ध, गहरे समुद्र में रेस्क्यू और मल्टी‑मिशन ऑपरेशन्स जैसे क्षेत्रों में नौसेना को एक मजबूत और आत्मनिर्भर बल में बदलते हैं. 2025 के ये नए जहाज़ भारतीय नौसेना को हिंद‑प्रशांत क्षेत्र में मजबूत स्थिति और बड़ी रणनीतिक बढ़त प्रदान करते हैं.
1. INS Nilgiri (Project 17A Stealth Frigate)
कमीशन: 15 जनवरी 2025
भूमिका: मल्टी‑मिशन, सतही युद्ध, वायु रक्षा, एंटी‑सबमरीन ऑपरेशन
मुख्य विशेषताएँ: भारत की नई पीढ़ी की Nilgiri‑class फ्रिगेट, 6,700 टन वज़न, स्टेल्थ डिज़ाइन — रडार, इंफ्रारेड और साउंड सिग्नेचर बहुत कम, BrahMos सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल, Barak‑8 एयर डिफेंस सिस्टम, उन्नत सेंसर और मल्टी‑फंक्शन रडार, हेलीकॉप्टर ऑपरेशन के लिए बड़ा डेक.
रणनीतिक महत्व: INS Nilgiri नौसेना के फ्रिगेट कार्यक्रम का चेहरा है — भविष्य के सतही युद्ध और इंडो‑पैसिफिक तैनाती में इसकी भूमिका प्रमुख होगी.
2. INS Surat (Project 15B Guided Missile Destroyer)
कमीशन: 15 जनवरी 2025
टाइप: भारत का सबसे शक्तिशाली स्वदेशी डिस्ट्रॉयर
मुख्य विशेषताएँ: लगभग 7,400–7,500 टन वज़न, Project 15B का चौथा और अंतिम जहाज़, अत्याधुनिक स्टेल्थ तकनीक, लम्बी दूरी के हमले में सक्षम, Barak‑8 और BrahMos ब्लॉक‑II एयर डिफेन्स, Electronic Warfare Suites, Integrated Platform Management System
रणनीतिक महत्व: INS Surat नौसेना की ‘Blue‑Water’ क्षमता का प्रतीक है — यह कैरियर बैटल ग्रुप का मुख्य एस्कॉर्ट बनकर भारत की समुद्री शक्ति का विस्तार करता है.
आईएनएस सूरत
3. INS Vaghsheer (Kalvari‑Class Scorpene Submarine)
कमीशन: 15 जनवरी 2025
टाइप: Diesel‑Electric Attack Submarine (SSK)
विशेषताएँ: Project 75 की छठी और अंतिम सबमरीन, उन्नत स्टेल्थ और कम शोर करना प्रोफ़ाइल, Black Shark / Varunastra टॉरपीडो, Anti‑Ship Missile Capability, 300 मीटर से अधिक डाइविंग गहराई
उन्नत सोनार और सेंसर.
रणनीतिक महत्व: INS Vaghsheer नौसेना की Underwater Deterrence और सबमरीन फ्लेट की रीढ़ को और मजबूत करती है.
4. INS Arnala (ASW-SWC – Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft)
कमीशन: 18 जून 2025
प्रकार: तटीय सुरक्षा के लिए एंटी‑सबमरीन जहाज़
मुख्य विशेषताएँ: Arnala‑class का पहला जहाज़, 78 मीटर लंबाई, Water‑jet propulsion, 80% से अधिक स्वदेशी, हल्के टॉरपीडो, एंटी‑सबमरीन रॉकेट, सोनार, रडार.
रणनीतिक महत्व:INS Arnala से नौसेना की तटीय / littoral zone में submarine threat से निपटने की क्षमता काफी मजबूत हुई — यह दिखाता है कि नौसेना अब सिर्फ “blue-water navy” नहीं, बल्कि “coastal defense + shallow-water ASW” पर भी फोकस कर रही है.
आईएनएस अर्नाला
5. INS Tamal (Advanced Stealth Frigate / Russian‑built)
कमीशन: 1 जुलाई 2025
टाइप: मल्टी‑मिशन फ्रिगेट
टाइप: Yantar Shipyard (रूस) में बना, भारतीय स्पेसिफिकेशंस के अनुसार मॉडिफाइड, Stealth Shaping, BrahMos Capable, उन्नत रडार, सेंसर और ASW क्षमता.
रणनीतिक महत्व: यह भारत‑रूस नौसैनिक साझेदारी का एक नया अध्याय है, खासकर जब P‑17A डिलीवरी के समानांतर तीसरे‑देश निर्माण भी शुरू है.
6. INS Nistar (Diving Support Vessel – DSV)
कमीशन: 18 जुलाई 2025
प्रकार: गहरे समुद्र में डाइविंग, सबमरीन रेस्क्यू, Salvage Operations
विशेषताएँ: 118+ मीटर लंबाई, 10,000 टन से अधिक वज़न, Saturation diving systems, Remotely Operated Vehicles (ROV), Helideck, Hyperbaric Rescue Facility
रणनीतिक महत्व: INS Nistar के आने से भारत उन चुनिंदा बड़े समुद्री देशों में शामिल हो गया है जिनके पास deep‑sea rescue और advanced underwater repair capability है.
आईएनएस निस्तार
7. INS Udaygiri (Project 17A Stealth Frigate)
कमीशन: 26 अगस्त 2025
निर्माता: Mazagon Dock Shipbuilders (MDL)
मुख्य विशेषताएँ: 6,700 टन, Stealth डिज़ाइन, BrahMos मिसाइलें, Barak‑8 एयर डिफेंस, Torpedo launchers, rocket launchers, Advanced electronic warfare systems
रणनीतिक महत्व: यह फ्रिगेट भारतीय नौसेना की सबसे उन्नत surface combat capabilities में से एक है और Carrier Battle Groups को मजबूत करती है. भारतीय नौसेना की सतही युद्ध‑शक्ति को अगले स्तर पर ले जाना — multi‑role threats (surface, air, sub‑surface) से निपटने की क्षमता. उद्धारण के लिए, यह Eastern Fleet की ताकत बढ़ाता है. इसे 100वीं शिप माना गया है जिसे नौसेना के Warship Design Bureau ने डिज़ाइन किया. यह “आत्मनिर्भर भारत / Make in India” की दिशा में एक बड़ा कदम है.
8. INS Himgiri (Project 17A Stealth Frigate)
कमीशन: 26 अगस्त 2025
निर्माता: GRSE, कोलकाता
मुख्य विशेषताएँ: P17A का पहला जहाज़ जिसे GRSE ने बनाया, उन्नत स्टेल्थ, मल्टी‑मिशन क्षमता, लंबी रेंज की मिसाइलें, Integrated Combat Management System.
रणनीतिक महत्व: यह जहाज़ पूर्वी समुद्री सीमा पर नौसेना की तैनाती और शक्ति‑प्रदर्शन को मज़बूती देता है.
आईएनएस हिमगिरि
9. INS Ikshak (Survey Vessel – Large)
कमीशन: 6 नवंबर 2025
प्रकार: Hydrographic Survey, Sea‑Bed Mapping
विशेषताएँ: 110 मीटर लंबा, 4 Survey Boats, आधुनिक hydrographic उपकरण, समुद्र की गहराई, Seabed obstacles, shipping routes की माप.
रणनीतिक महत्व: भारत के समुद्री मानचित्रण, नेविगेशन सुरक्षा और समुद्री डोमेन अवेयरनेस को मजबूत करता है.
10. INS Mahe (ASW‑SWC)
कमीशन: 24 नवंबर 2025
प्रकार: Anti‑Submarine Warfare Shallow Water Craft
विशेषताएँ: Arnala‑class की दूसरी यूनिट, 80% स्वदेशी, Low‑draught design, Coastal ASW ऑपरेशन के लिए विशेष
रणनीतिक महत्व: भारत की तटीय सुरक्षा और समुद्री निगरानी को और मजबूत करता है, खासकर LAC‑संवेदनशील जलक्षेत्रों में.

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