Last Updated:July 30, 2025, 12:10 IST
Tsunami-earthquake news: रूस में 8.8 तीव्रता के भूकंप से पूरे प्रशांत क्षेत्र पर सुनामी का खतरा पैदा हो गया है. कुछ ऐसा ही 2004 में हुआ था. उस वक्त हिंद महासागर में 9.1-9.3 तीव्रता के भूकंप से सुनामी आई थी, जिस...और पढ़ें

हाइलाइट्स
रूस में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया.प्रशांत महासागर में सुनामी का खतरा बढ़ा.2004 में हिंद महासागर में सुनामी से 2.30 लाख मौतें हुईं.Tsunami-earthquake news: रूस में बुधवार को आए 8.8 तीव्रता वाले भूकंप से दुनिया थर्रा गई है. प्रशांत महासागर से जुड़े एक बड़े इलाके में सुनामी का खतरा पैदा हो गया है. रूस और जापान के कुछ तटों पर सुनामी का दस्तक भी हो गया है. इस आपदा ने एक बार फिर 2004 की आपदा की याद दिला दी है. 26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आए 9.1-9.3 तीव्रता के भूकंप से पैदा सुनामी ने मानवता को हिलाकर रख दिया था. इस आपदा को बॉक्सिंग डे सुनामी के नाम से जाना जाता है. इस भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के पास समुद्र तल में था जिस कारण पूरा समंदर हिल गया.
इस भूकंप से आई सुनामी के कारण समंदर में 30 मीटर ऊंची लहरें उठीं. इससे हिंद महासागर के तटीय क्षेत्र तबाह हो गए. इस त्रासदी की जद में भारत सहित 14 देश आए थे. इंडोनेशिया, श्रीलंका, भारत, थाईलैंड और मालदीव सबसे ज्यादा तबाही मची. आपदा में करीब 2.30 लाख लोगों की मौत हुई. यह आधुनिक इतिहास की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा थी.
तबाही का दायरा
सुनामी ने तटीय समुदायों को पूरी तरह नष्ट कर दिया. इंडोनेशिया के आचे प्रांत में 1.70 लाख से अधिक लोग मारे गए, जबकि श्रीलंका में 35 हजार से ज्यादा मौतें हुईं. समुद्री लहरों ने तटीय इलाकों को पूरी तरह तबाह कर दिया. सबसे अधिक नुकसान मछुआरों और पर्यटन उद्योगों को हुआ. खारे पानी ने खेतों और मिट्टी को बंजर बना दिया. इससे हमेशा-हमेशा के लिए लोगों की आजीविका छिन गई. श्रीलंका में एक ट्रेन ‘क्वीन ऑफ द सी’ लहरों में बह गई. इस कारण 2,000 लोगों की मौत हो गई. मालदीव में पूरी अर्थव्यवस्था तबाह हो गई. यह नुकसान उसकी जीडीपी का 62 फीसदी था. इस आपदा में कुल 17 लाख लोग बेघर हुए. इसके साथ पर्यावरण को भारी क्षति हुई. मूंगा की चट्टानों और मैंग्रोव का विनाश हो गया.
प्रभावित देश
सुनामी ने इंडोनेशिया, श्रीलंका, भारत, थाईलैंड, मालदीव, म्यांमार, मलेशिया, सेशेल्स, सोमालिया, तंजानिया, केन्या, मॉरीशस, मेडागास्कर और दक्षिण अफ्रीका को प्रभावित किया. इंडोनेशिया में बांदा आचे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जहां लहरें 20 मिनट में तट पर पहुंचीं. इस कारण निचले इलाके में रहने वाले लोगों के पास बचने का समय नहीं मिला. वहीं पूर्वी अफ्रीका में भूंकप के सात घंटे बाद भी लहरों ने तबाही मचाई. सोमालिया में 300 से अधिक मौतें हुईं. यह सुनामी मेक्सिको, चिली और आर्कटिक तक पहुंची थी.
आर्थिक नुकसान
सुनामी से लगभग 13 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. अकेले इंडोनेशिया में छह बिलियन डॉलर की क्षति हुई, जो आचे प्रांत की जीडीपी के बराबर थी. मालदीव में 470 मिलियन डॉलर (62% जीडीपी) का नुकसान हुआ. श्रीलंका में एक बिलियन डॉलर की प्रत्यक्ष क्षति हुई. भारत के तमिलनाडु और अंडमान-निकोबार में मछली पकड़ने और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ. वैश्विक स्तर पर पुनर्निर्माण के लिए 6.7 बिलियन डॉलर की सहायता जुटाई गई, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने अकेले एक बिलियन डॉलर का योगदान दिया.
भारत पर असर
भारत में सुनामी ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और तमिलनाडु के तटवर्ती क्षेत्रों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 10,700 से अधिक लोग मारे गए और 5,640 लापता हुए, जिनमें ज्यादातर अंडमान-निकोबार से थे. तमिलनाडु में चेन्नई और नागपट्टिनम जैसे क्षेत्रों में भारी तबाही हुई. लहरें तट से कई किलोमीटर अंदर तक घुसीं, जिससे मछुआरे समुदायों, घरों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा. अंडमान में कई द्वीप जलमग्न हो गए. हालांकि स्थानीय जनजातियों जैसे ओंगे को कम नुकसान हुआ क्योंकि उनकी मौखिक परंपराएं उन्हें ऊंचे स्थानों पर भागने के लिए प्रेरित करती थीं.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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