Last Updated:July 15, 2025, 23:24 IST
MADE IN INDIA AK-203 AK सीरीज के राइफल के बारे में बात कही जाती है कि लंबे समय तक जमीन के नीचे या पानी के अंदर रख दो. जब भी बाहर निकालो फायर के लिए तैयार होती है. पाकिस्तान आतंकियों को AK-47 के साथ घुसबैठ कराता...और पढ़ें

जल्द मिलेगी सेना को 100 % मेड इन इंडिया AK-203
हाइलाइट्स
भारत में AK-203 का निर्माण हो रहा है.पहली खेप के बाद 100% स्वदेशी AK-203 मिलेगी.AK-203, AK-47 का सुपर एडवांस वर्जन है.MADE IN INDIA AK-203: 1990 के दशक की INSAS 5.56mm असॉल्ट राइफल को बदलने का समय आ गया है. तेजी से इन्हें बदला भी जा रहा है. अभी तक INSAS 3 दशक से सेना की ताकत बनी हुई थी, अब यह इतिहास का हिस्सा बनने जा रही है. INSAS की जगह अब भारतीय सेना के हाथों में दुनिया की सबसे खतरनाक राइफल थमा दी गई है. पहले भारतीय सेना के जवानों को INSAS राइफल इशू वेपन होती थी. अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से AK-47 की भी खरीद की गई थी. अब सेना का इशू वेपन सिगसौर और AK-203 हो गई है. फिलहाल 50,000 के करीब AK-203 सेना को मिल चुकी है.
100 फीसदी मेड इन इंडिया गन को लगेगा समय
डील के मुताबिक पहले 70,000 राइफल में रूसी कंटेंट वाली होंगी. उसके बाद की सभी राइफल पूरी तरह से मेड इन इंडिया होंगी. सेना के सूत्रों के मुताबिक अभी तक मिली AK-203 में से 35,000 राइफल में 5 फीसदी स्वदेशी कंटेंट है. अगली 20,000 राइफल में 12,000 के करीब में 15 फीसदी और 8,000 में 30 फीसदी कंटेंट स्वदेशी है. इसके बाद की बची राइफल में 70 फीसदी इंडियन कंटेंट वाली AK-203 सेना को मिलेगी. पहली खेप पूरी होने के बाद मिलना शुरू होगी 100 पर्सेंट स्वदेशी इंडियन AK-203 राइफल. सूत्रों के मुताबिक पहली 10 स्वदेशी AK-203 सेना को ट्रायल के लिए दी जाएगी.
भारत में हो रहा है AK-203 का निर्माण
भारत और रूस मिलकर AK-203 का निर्माण भारत में ही कर रहे हैं. पिछले साल से सेना को AK-203 मिलनी शुरू हो चुकी है. भारत और रूस के बीच AK-203 राइफल को लेकर डील 2021 में साइन की गई थी. तकरीबन 5,100 करोड़ रुपये की इस डिफेंस डील के तहत 6.1 लाख असॉल्ट राइफल की खरीद सेना ने की. इसकी फैक्ट्री उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थापित की गई. भारत और रूस के ज्वाइंट वेंचर इंडो रशियन राइफल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इस घातक हथियार का निर्माण कर रही है.
AK-47 का सुपर एडवांस वर्जन AK-203
7.62 X 39mm कैलिबर AK-203 AK सीरीज की अत्याधुनिक असॉल्ट राइफल है. AK-203 असॉल्ट राइफल की रेंज 400 से 800 मीटर है, जबकि AK-47 की 300 मीटर की प्रभावी रेंज है. AK-47 और AK-203 दोनों ही लाइट वेट राइफल कैटेगरी में आती हैं. बिना मैगजीन के AK-203 का वजन 3.8 किलो और AK-47 का वजन 4.3 किलो है. इसमें रिकॉयल भी कम है. बेहतर साइटिंग रेंज कैपेबिलिटी है. इसमें खास तौर पर टेलिस्कोपिक पोजिशन दिए गए हैं. दोनों के रेट ऑफ फायर एक जैसी ही है. एक मिनट में 600 राउंड इससे फायर किया जा सकता है. AK-47 की एक मैगजीन में 20 या 30 गोलियां आती हैं। AK-203 में 30 राउंड आती हैं.