कभी मंच पर नहीं मिली थी जगह, अब दीघा में दिखे चौबे, क्या गिले-शिकवे हो गए दूर?

1 week ago

Last Updated:September 22, 2025, 17:02 IST

Battle for Brahmin Votes in Bihar Chunav 2025: बिहार चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने पुराने नेताओं को सक्रिय करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में हाशिये पर चल रहे अश्विनी चौबे एक बार फिर सार्वजनिक मंचों पर नजर आ रहे हैं. क्या बीजेपी उन्हें चुनाव में कोई बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है?

कभी मंच पर नहीं मिली थी जगह, अब दीघा में दिखे चौबे, क्या गिले-शिकवे हो गए दूर?क्या अश्विनी चौबे को बीजेपी देगी बड़ी जिम्मेदारी?

Ashwini Chobey@बिहार चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने अपने पुराने और हाशिये पर चल रहे नेताओं को भी मैदान में उतार दिया है. बिहार बीजेपी के दिग्गज नेता अश्विनी चौबे भी एक बार फिर से सार्वजनिक मंचों पर नजर आने लगे हैं. अश्विनी चौबे वैसे तो साल 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से कम ही पार्टी की गतिविधियों में शामिल हो रहे थे. हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में चौबे तब चर्चा में आए थे, जब पटना में आयोजित बीजेपी कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच पर अपना सीट ढूंढ रहे थे. मंच पर सीट नहीं मिलने से वह कार्यकर्ता सम्मेलन के बीच से ही निकल कर बाहर चले गए थे. उन्होंने पत्रकारों को तब कहा था कि उनका कार्यक्रम पहले से लगा है. वह राजनाथ सिंह से शिष्टाचार मिलने आए थे. इस घटना के बाद अश्विनी चौबे पार्टी की कई मीटिंग से नदारद दिखे. लेकिन पटना के दीघा विधानसभा में आयोजित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन में अश्विनी चौबे भी नजर आए. ऐसे में बड़ा सवाल क्या बीजेपी को ‘पीके फैक्टर’ ने अश्विनी चौबे को बुलाने के लिए मजबूर कर दिया? क्या ब्राह्मण वोटर के खातिर चौबे को बीजेपी ने याद किया है?

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सत्ताधारी एनडीए गठबंधन के भीतर भी रणनीतिक तौर पर बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के एक समय के कद्दावर नेता रहे अश्विनी चौबे की वापसी ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. हाशिये पर चले गए चौबे एक बार फिर सार्वजनिक मंचों पर नजर आने लगे हैं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी उन्हें बिहार चुनाव में कोई बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है?

बीजेपी के मंच पर दिखने लगे अश्विनी चौबे

बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद अश्विनी चौबे पार्टी की गतिविधियों से लगभग दूर हो गए थे. हाल ही में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में पटना में आयोजित एक कार्यकर्ता सम्मेलन में चौबे को मंच पर जगह नहीं मिली थी तो यह मुद्दा काफी चर्चा में रहा था. चौबे ने तब कहा था कि उनका कार्यक्रम पहले से तय था, इसलिए वे सिर्फ शिष्टाचारवश भेंट करने के लिए आए थे. लेकिन उसके बाद भी वे कई बैठकों से गायब रहे थे, जिससे यह साफ हो गया था कि पार्टी में उनकी भूमिका कम हो गई है.

चौबे की वापसी क्यों है अहम?

अश्विनी चौबे की अचानक वापसी को एक बड़ी रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है. इसके पीछे कई कारण हैं. पहला, अश्विनी चौबे बिहार में बीजेपी का एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरा हैं. उनकी सक्रियता से पार्टी को सवर्ण वोटों को एकजुट करने में मदद मिलेगी, जो बिहार की राजनीति में एक बड़ा वोट बैंक है. प्रशांत किशोर की वजह से बीजेपी का यह कोर वोटर्स छिटक न जाए इस वजह से चौबे को फिर से पार्टी की गतिविधियों में निमंत्रण मिलना शुरू हो गया है. दूसरा. चौबे का दशकों का राजनीतिक अनुभव है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ है. बीजेपी इस अनुभव का लाभ लेना चाहती है.

विवादित बयानों की राजनीति

अश्विनी चौबे अपनी बेबाकी और कई बार विवादित बयानों के लिए भी जाने जाते रहे हैं. बिहार चुनाव में जहां मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है, वहां उनकी आक्रामक शैली बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. हाल ही में पटना के दीघा विधानसभा में आयोजित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन में अश्विनी चौबे की उपस्थिति को एक बड़ा संकेत माना जा रहा है. यह स्पष्ट है कि पार्टी उन्हें अब किनारे रखने के बजाय मैदान में उतारना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक, उन्हें चुनाव संचालन समिति में अहम पद दिया जा सकता है या फिर उन्हें ‘स्टार प्रचारक’ के रूप में पूरे बिहार में लगाया जा सकता है.

कुलमिलाकर अश्विनी चौबे का राजनीतिक ‘वनवास’ खत्म होता दिख रहा है. बीजेपी जानती है कि बिहार में जीत हासिल करने के लिए उसे हर अनुभवी नेता की जरूरत है, भले ही उनका अतीत कितना भी विवादित क्यों न रहा हो. चौबे की वापसी से यह साफ है कि बीजेपी बिहार चुनाव को लेकर कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहती और वह हर हाल में सत्ता में बने रहना चाहती है.

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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First Published :

September 22, 2025, 17:02 IST

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