हमास की तरह ड्रोन अटैक का था प्लान, दिल्ली ब्लास्ट केस में नया खुलासा

2 hours ago

Last Updated:November 18, 2025, 05:48 IST

Delhi Blast Latest Updates: दिल्ली कार ब्लास्ट केस में एनआईए ने एक और बड़ी गिरफ्तारी की है. जम्मू-कश्मीर से आतंकी जसीर बिलाल वानी को गिरफ्तार किया गया है. एनआईए की जांच में यह बात सामने आई है कि आतंकियों ने हमास की तरह ड्रोन से अटैक की योजना बनाई थी.

हमास की तरह ड्रोन अटैक का था प्लान, दिल्ली ब्लास्ट केस में नया खुलासादिल्ली ब्लास्ट केस में नया खुलासा हुआ है.

Delhi Car Blast News: दिल्ली कार ब्लास्ट केस में नया खुलासा हुआ है. एनआईए की जांच में यह बात सामने आई है कि आतंकियों ने हमास की तरह ड्रोन अटैक की योजना बनाई थी. एनआईए ने सोमवार को इस मामले में एक और गिरफ्तारी की. इस गिरफ्तारी के बाद ही खुलासा हुआ कि आतंकी मॉड्यूल ड्रोन-रॉकेट के जरिए हमास जैसे आतंकी हमले करने की योजना बना रहा था. जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल छोटे रॉकेट बनाने की भी तैयारी में था, जिनका इस्तेमाल आंतकियों द्वारा योजनाबद्ध सीरियल ब्लास्ट यानी सिलसिलेवार धमाकों में किया जाना था.

एनआईए की जांच में खुलासा हुआ कि दिल्ली ब्लास्ट में शामिल सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल यानी आतंकियों ने ड्रोन को हथियार बनाने के लिए उनमें बदलाव करने और 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए आतंकी हमले से पहले इस्तेमाल के लिए रॉकेट बनाने की योजना बनाई थी.

किसकी गिरफ्तारी से खुलासा

दरअसल, एनएआईए यानी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने दिल्ली में लाल किले के नजदीक हुए विस्फोट को अंजाम देने में ‘सह साजिशकर्ता’ की भूमिका निभाने वाले जसीर बिलाल वानी को श्रीनगर से गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बताया कि वानी ने विस्फोट को अंजाम देने के लिए ‘आत्मघाती हमलावर’ डॉ.उमर उन नबी के साथ सक्रिय रूप से काम किया था. इस हमले में 13 लोगों की मौत हो गई थी.

क्या था प्लान

जांच एजेंसी के मुताबिक, अनंतनाग के काजीगुंड निवासी वानी ने कथित तौर पर ड्रोन में संशोधन करके और घातक कार बम विस्फोट से पहले रॉकेट बनाने का प्रयास करके आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की थी. आतंकी वानी को दानिश के नाम से भी जाना जाता है और उसे एनआईए की टीम ने श्रीनगर से गिरफ्तार किया.

एनआईए ने क्या कहा?

एनआईए के बयान के मुताबिक, ‘जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड का निवासी आरोपी इस हमले का सक्रिय सह-षड्यंत्रकारी था और उसने आतंकवादी हमले की साजिश रचने के लिए आतंकवादी उमर उन नबी के साथ मिलकर काम किया था.’ एजेंसी राष्ट्रीय राजधानी में 10 नवंबर को हुए विस्फोट के पीछे की साजिश का पता लगाने के लिए ‘विभिन्न कोणों’ से जांच कर रही है.

बयान के मुताबिक, ‘आतंकवाद-रोधी एजेंसी की कई टीमें विभिन्न सुरागों का पता लगाने में जुटी हैं और आतंकवादी हमले में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की पहचान करने के लिए विभिन्न राज्यों में तलाशी अभियान चला रही हैं.’ एजेंसी के मुताबिक राजनीति विज्ञान में स्नातक वानी को आत्मघाती हमलावर बनाने के लिए उमर ने कई महीनों तक ‘ब्रेनवॉश’ किया. वह पिछले वर्ष अक्टूबर में कुलगाम की एक मस्जिद में ‘डॉक्टर मॉड्यूल’ से मिलने को तैयार हुआ, जहां से उसे हरियाणा के फरीदाबाद में अल फलाह विश्वविद्यालय में रहने के लिए ले जाया गया.

आतंकी वानी का खुलासा

आतंकी वानी को पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में लिया था और पूछताछ में उसने खुलासा किया था कि मॉड्यूल के अन्य लोग उसे प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के लिए ओवर-ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) बनाना चाहते थे, जबकि उमर कई महीनों से उसका ब्रेनवॉश कर आत्मघाती हमलावर बनने के लिए तैयार कर रहा था. एजेंसी के मुताबिक उमर की यह कोशिश इस साल अप्रैल में उस समय नाकाम हो गई जब वानी ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति और इस्लाम में आत्महत्या को निषिद्ध मानने का हवाला देते हुए इससे इंकार कर दिया था.

कई सालों सा चल रही थी प्लानिंग

एनआईए के मुताबिक आत्मघाती हमलावर बनाने की मुहिम की साजिश जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क की जांच में एक खतरनाक आयाम जोड़ती है. जम्मू-कश्मीर पुलिस को वानी ने पूछताछ के दौरान बताया कि उमर में बदलाव 2021 में सह-आरोपी डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई के साथ तुर्किये की यात्रा के बाद आया, जहां दोनों कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के ओजीडब्ल्यू से मिले थे.

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल

एजेंसी के मुताबिक तुर्किये की यात्रा के बाद, अल फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले उमर और गनई ने खुले बाजार से भारी मात्रा में रसायन इकट्ठा करना शुरू कर दिया, जिसमें 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर शामिल थे, जिनमें से अधिकांश को विश्वविद्यालय परिसर के पास संग्रहीत किया गया था. उसने बताया कि छह दिसंबर को हमले की साजिश श्रीनगर पुलिस की सावधानीपूर्वक जांच के बाद नाकाम हो गई क्योंकि इस पूछताछ के बाद गनई की गिरफ्तारी हुई और विस्फोटक जब्त कर लिए गए। इससे उमर संभवत: घबरा गया और अंततः लाल किले के बाहर हुए ‘आत्मघाती हमले’को अंजाम दिया.

Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें

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First Published :

November 18, 2025, 05:30 IST

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