डोनाल्ड ट्रंप के गाजा प्लान को यूएन की मंजूरी, इन 2 ताकतवर देशों ने नहीं की वोटिंग

2 hours ago

Trump Gaza plan Get UN nod: यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल ने गाजा को स्थिर और पुनर्निर्माण करने के लिए अमेरिका के प्लान को भारी बहुमत से मंजूरी दे दी है, जिससे जंग से तबाह इस इलाके के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रोडमैप को मजबूत इंटरनेशनल सपोर्ट मिला है. ये प्रस्ताव रूस और चीन के वोटिंग में हिस्सा न लेने के साथ 13-0 से पारित हो गया. ये गाजा की सुरक्षा के लिए एक इंटरनेशल स्टेबलाइजिंग फोर्स को ऑथराइज करता है, ट्रंप की देखरेख में 'बोर्ड ऑफ पीस' नामक एक ट्राजीशनल गवर्निंग बॉडी की स्थापना करता है, और एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की दिशा में एक संभावित फ्यूचर के रास्ते की रूपरेखा तैयार करता है. फोर्स और बोर्ड दोनों के लिए ऑथराइजेशन 2027 तक चलेगा.

गाजा को फिर से बसाने की कोशिश
ये वोट ट्रंप की 20-प्वॉइंट सीजफायर प्लान का समर्थन करता है, जो 2 साल की जंग के बाद हुए नाजुक युद्धविराम समझौते के बाद हुआ था, जिसमें गाजा का ज्यादातर हिस्सा बर्बाद हो गया था और हजारों लोग मारे गए थे. अरब और मुस्लिम देश, जिनमें से कई सैनिक भेज सकते हैं, ने यूएन की मंजूरी पर जोर दिया था. फिलिस्तीनी सेल्फ डेटरमिनेशन पर कड़े शब्दों में बात करने के बाद समझौता हु. आखिरी टेक्स्ट में कहा गया है कि गाजा के पुनर्निर्माण और फिलिस्तीनी अथॉरिटी में सुधारों के बाद, फिलिस्तीनी राज्य के लिए एक भरोसेमंद रास्ते के लिए "हालात आखिरकार तैयार हो सकते हैं". हालांकि, कोई गारंटी या समय-सीमा प्रदान नहीं की गई है।

ऐतिहासिक पल
अमेरिकी राजदूत माइक वाल्ट्ज (Mike Waltz) ने इस प्रस्ताव को ऐतिहासिक बताते हुए इसे गाजा की स्थिरता और लंबे समय तक क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक स्टार्टिंग प्वॉइंट बताया. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के नेतृत्व वाली इजरायली सरकार फिलिस्तीनी राज्य को अस्वीकार करती रही है, जबकि अरब देश इस प्लान का समर्थन करते हैं.

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क्या होगा फोर्ट का काम?
स्टेबलाइजेशन फोर्स को गाजा से सैन्यीकरण हटाने, सीमाओं की निगरानी करने, फिलिस्तीनी पुलिस को ट्रेन करने और मानवीय सहायता का कोऑर्डिनेट करने के लिए जरूरी उपाय करने का अधिकार दिया जाएगा. जैसे-जैसे सुरक्षा में सुधार होगा, सैन्यीकरण और युद्धविराम अनुपालन से जुड़े सहमत स्टैंडर्ड के आधार पर इजरायली फोर्सेस के धीरे-धीरे पीछे हटने की उम्मीद है.

(इनपुट-एपी)

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