Last Updated:September 18, 2025, 18:02 IST
महज दो साल की उम्र का नन्हा हाथी शंकर जब अपनी साथी बिम्बई के साथ जिम्बाब्वे से दिल्ली आया था तो किसी को नहीं पता था कि उसका अंत इतना दर्दनाक होगा. मौजूदा राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को गिफ्ट में मिले इस हाथी ने जवानी की दहलीज पर ही अकेलेपल से लड़ते हुए आज दिल्ली चिड़ियाघर में दम तोड़ दिया है.

दिल्ली चिड़ियाघर में दर्शकों का सबसे पसंदीदा एकमात्र अफ्रीकन हाथी शंकर आज दुनिया को अलविदा कह गया. महज 29 साल की उम्र में ही शंकर ने एक लंबी जिंदगी अकेलेपन में काट दी और आखिरकार साथी हथिनी की यादों को समेटकर उसने सदा के लिए ये दुनिया छोड़ दी. शंकर सिर्फ एक हाथी नहीं था, बल्कि जिंबाब्वे और भारत के नजदीकी व प्रेमपूर्ण रिश्तों का जीता-जागता सबूत था.यह वही हाथी था जिसे जिंबाब्बे ने 1998 में भारत के नौवें राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा को तोहफे के रूप में दिया था. आइए जानते हैं उसकी कहानी….
जिंबाब्वे से भारत शंकर अकेला नहीं आया था, बल्कि अपने साथ अपनी जीवनसंगिनी हथिनी बिम्बई को भी साथ लाया था.एक ही बाड़े बड़े होते, खेलते-कूदते और जिंदगी को खुशहाल तरीके से जीते नर और मादा अफ्रीकन हाथियों की इस प्रेम कहानी पर सिर्फ चिड़ियाघर में काम करने वाले लोग ही गर्व नहीं करते थे, बल्कि दर्शकों की भी सबसे पसंदीदा जोड़ी बन गए थे. हालांकि प्रकृति को कुछ और ही मंजूर था और 2002 में सैप्टिक की वजह से मादा हथिनी बिम्बई का दिल्ली चिड़ियाघर में ही निधन हो गया.
दिल्ली जू में सबके चहेते शंकर हाथी की मौत.
ये रही शंकर हाथी की कुंडली
. 1996 में इस हाथी का जन्म हुआ था.
. 1998 में जिंबाब्वे ने भारत के मौजूदा राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को अफ्रीकन हाथियों का जोड़ा तोहफे में दिया.
. दिल्ली चिड़ियाघर में ही राष्ट्रपति के नाम पर इसका नाम शंकर रखा गया.
. साथ में बिम्बई नाम की अफ्रीकन हथिनी भी भारत लाई गई. हालांकि 2002 में इसकी मौत हो गई.
. अकेला पड़ गया शंकर 2024 में बांधा गया जंजीरों में और 2025 में मौत हो गई.
साथी के जाने के बाद शंकर एकदम अकेला पड़ गया. यूं तो चिड़ियाघर में उसका साथ देने के लिए एशियाई हाथी थे लेकिन वे अलग बाड़े में थे और फिर जो अपनापन और साथ उसे अफ्रीकन हथिनी बिम्बई से मिलता था, उसकी कमी शंकर को खलने लगी. धीरे-धीरे शंकर अकेलेपन की गिरफ्त में आ गया और काफी आक्रामक और तनाव में रहने लगा. जिस उम्र में हाथी सबसे ज्यादा चंचल और मदमस्त होता है, शंकर उस उम्र में अकेलापन और तनाव में घिर गया.
खूब टूटे नियम, शंकर को मिली सजा
आमतौर पर 70 साल की उम्र तक जीने वाला हाथी, 29 साल में ही दुनिया को इसलिए छोड़ गया क्योंकि 2002 के बाद से चिड़ियाघर उसके लिए कोई साथी ही नहीं ढूंढ पाया. कागजों में कई बार हाथी के लिए संगिनी ढूंढने की बातें परवान चढ़ीं लेकिन धरातल पर एक भी नहीं उतरी. सेंट्रल जू अथॉरिटी ने खूब गाइडलाइंस बनाईं कि 6 महीने से ज्यादा किसी भी हाथी को अकेला नहीं रखना चाहिए. ये सभी नियम टूटते रहे और आखिरकार इनकी भी सजा शंकर को मिली.
याद में रोता था शंकर, खा गया अकेलापन
दिल्ली चिड़ियाघर के एक वरिष्ठ पूर्व कर्मचारी ने बताया कि शंकर का व्यवहार और स्वभाव लगातार बदलता जा रहा था, बावजूद इसके जू प्रबंधन उसके लिए साथी जुटाने में नाकाम रहा. उल्टा उसको एशियाई हाथियों से अलग बाड़े में रखा गया. साल 2024 से पहले भी शंकर की हालत कई बार खराब हुई लेकिन इस साल उसके शरीर में टेस्टेस्टेरॉन का स्तर इतना बढ़ गया कि वह खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था. इस दौरान कई बार उसे बाड़े के अंदर भी जंजीरों में जकड़कर रखना पड़ता था. उसकी आक्रामकता और गुस्सा उसके अकेलेपन की वजह से बढ़ता ही जा रहा था.
शंकर के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गए लोग
शंकर हाथी की हालत देखकर कई लोगों को तरस आया लेकिन दिल्ली चिड़ियाघर प्रबंधन को नही. साल 2022 में शंकर की हालत को देखकर इसे आजाद कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई, जो अभी सुप्रीम कोर्ट में है. केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने भी शंकर को जंजीरों से मुक्त कराने के लिए कोशिश की और 2024 में उसे मुक्त कराए जाने की जानकारी भी सभी को दी.
और फिर एक दिन कह दिया अलविदा..
चिड़ियाघर की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि पिछले कुछ महीनों से शंकर हाथी काफी उतावला हो गया था, जिसकी वजह से उसे जंजीरों में बांधना पड़ता था, यहां तक कि शंकर हाथी दर्शकों के सामने भी नहीं आता था. 17 सितंबर की सुबह उसने बहुत कम खाना खाया और उसे हल्के दस्त भी हुए थे. उसका लगाातार इलाज चल रहा था लेकिन शाम को सवा सात बजे वह अचेत होकर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई.
मौत की होगी जांच
चिड़ियाघर में शंकर हाथी की बीमारी को लेकर कोई स्पष्ट सूचना होने के कारण अब इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. बरेली के आईवीआरआई के विशेषज्ञों, स्वास्थ्य सलाहकार समिति और मंत्रालय के प्रतिनिधियों की टीम की मौजूदगी में शंकर का पोस्टमार्टम किया जाएगा और पोस्टमार्टम और आवश्यक नमूने लेने के बाद, शंकर की अंतिम क्रिया की जाएगी.
priya gautamSenior Correspondent
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...और पढ़ें
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...
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Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
September 18, 2025, 18:02 IST