Last Updated:September 18, 2025, 15:40 IST
Vishnu Idol Case Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बीच कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया को ‘बेकाबू घोड़ा’ बताया. वहीं SG तुषार मेहता बोले- हर एक्शन का असंतुलित रिएक्शन मिलता है.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में खजुराहो स्थित भगवान विष्णु की क्षतिग्रस्त मूर्ति के पुनर्स्थापन को लेकर दायर याचिका पर हुई सुनवाई सोशल मीडिया पर बड़ा विवाद बन गई. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को लेकर ऑनलाइन बहस इतनी तेज हुई और इसके बाद खुद चीफ जस्टिस बी. आर. गवई को सफाई देनी पड़ी. लेकिन इस बहस के बीच वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बयान सोशल मीडिया की ताकत और खतरे दोनों पर गहरी चिंता जताते नजर आए. उनके दलील ने सुप्रीम कोर्ट की सुवनाई दिलचस्प बना दी.
कपिल सिब्बल ने कोर्ट में तल्ख अंदाज में कहा, “हम रोज भुगतते हैं. सोशल मीडिया एक बेकाबू घोड़ा है और इसे काबू में करने का कोई तरीका नहीं है.” वहीं तुषार मेहता ने तंज कसते हुए कहा, “पहले हम न्यूटन का नियम जानते थे कि हर एक्शन का बराबर रिएक्शन होता है. लेकिन अब हर एक्शन का सोशल मीडिया पर असंतुलित रिएक्शन होता है.”
SG तुषार मेहता की चिंता
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी भी घटना या बयान का प्रभाव सामान्य रिएक्शन से कहीं ज्यादा होता है. उन्होंने इसे न्यायपालिका और लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए गंभीर चुनौती बताया. मेहता ने इस प्रवृत्ति को अदालत की गरिमा और गंभीर मामलों के लिए ख़तरा करार दिया.
क्या है केस?
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर 2025 को जावरी मंदिर खजुराहो में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची क्षतिग्रस्त मूर्ति की पुनर्स्थापना संबंधी याचिका खारिज कर दी थी. अदालत ने इसे ‘पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन’ बताया था. इसके बाद CJI के बयान को सोशल मीडिया पर तोड़-मरोड़कर वायरल कर दिया गया. इसी संदर्भ में कपिल सिब्बल और तुषार मेहता ने सोशल मीडिया की अनियंत्रित ताकत पर सवाल उठाए.
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First Published :
September 18, 2025, 15:38 IST