Sushila Karki: बीते दिन नेपाल में कई सोशल मीडिया प्लेटफॅार्म बैन कर दिए गए थे. सरकार के इस फैसले के बाद GenZ ने नेपाल की राजधानी काठमांडू में काफी ज्यादा आगजनी की, पीएम के साथ सरकार के मंत्रियों के घरों को आग के हवाले कर दिया, हालात ऐसे बने के पीएम सहित कई मंत्री देश छोड़कर भाग गए. अब GenZ ने अपना नया नेता चुन रहे हैं. नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस रहीं सुशीला कार्की नई पीएम हो सकती हैं, जानिए वोटिंग कैसे हो रही है?
किसे चुना गया अंतरिम नेता?
नेपाल में हो रहे प्रदर्शन के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि हामी नेपाल के संस्थापक सुदन गुरुंग या काठमांडू के मेयर बालेंद्र देश के नए पीएम बन सकते हैं. हालांकि इन अफवाहों पर विराम लग गया है. Gen-Z युवाओं ने देश की पूर्व चीफ जस्टिस रहीं सुशीला कार्की नई पीएम हो सकती हैं. बता दें कि सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) हैं, जिन्होंने नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक अपनी सेवाएं दी हैं.
कैसे हो रहा है चुनाव
एक तरफ सोशल मीडिया को लेकर नेपाल में बवाल हो रहा था वहीं दूसरी तरफ नेपाल की नई पीएम चुनने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॅार्म का सहारा लिया जा रहा है. जेन-जी की ऑनलाइन मीटिंग में 7800 लोग शामिल हुए और घंटों से चर्चा चल रही है, जिसमें कई तरह की शर्तें रखी गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक Gen-Z नेपाल की नई पीएम बनने के लिए डिस्कॅार्ड ऐप का प्रयोग कर रहे हैं. इसके जरिए युवा वोटिंग कर रहे हैं. अभी तक हुई वोटिंग में सुशीला कार्की को करीब 49 प्रतिशत वोट मिले हैं. इस लिहाज से ये माना जा रहा है कि सुशीला कार्की ही नेपाल की अगली पीएम बन सकती हैं. जबकि दूसरे नंबर पर यूट्यूबर रैंडम नेपाली हैं, हालांकि अभी वोटिंग कई घंटे और चलेगी.
— IN- Depth Story (@in_depthstory) September 10, 2025
मीटिंग में रखी गई कई शर्तें
पहले Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने बड़ा प्रदर्शन किया और काठमांडू में आगजनी की. संसद से लेकर होटल तक को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शन कारियों की उग्र भीड़ के आगे देश की सरकार भी नतमस्तक हो गई और हालात बांग्लादेश वाले बन गए, पीएम को देश छोड़ना पड़ गया. इसके बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और Gen-Z अब पीएम चुनने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं, युवाओं ने कई तरह की मांग भी रखी है. जिसमें कहा है कि तत्काल प्रधानमंत्री ओली, गृहमंत्री को नरसंहार का आदेश देने के आरोप में गिरफ्तार कर सजा दी जाए, 6 महीने के भीतर संघीय संसद चुनावों की घोषणा की जाएग, न्यायिक जांच कर भ्रष्टाचारी और घोटाला करने वालों की सजा दी जाए, दो महीने के भीतर नया संविधान जारी किया जाए. इसके अलावा कई और शर्तें Gen-Z ने रखी है.