Last Updated:September 11, 2025, 09:16 IST
Nepal Sushila Karki News: नेपाल में तख्तापलट के बाद सुशीला कार्की अंतरिम सरकार की मुखिया बन सकती हैं. उनका भारत से जुड़ाव और पीएम मोदी की प्रशंसा नेपाल भारत संबंधों के लिए सकारात्मक संकेत है.

Nepal Sushila Karki News: नेपाल में तख्तापलट हो गया. Gen-Z ने केपी शर्मा ओली की सरकार को उखाड़ फेंका. अब सबसे बड़ा सवाल है कि नेपाल में क्या होगा? सरकार बनेगी या आर्मी का शासन होगा? धीरे-धीरे इसका भी जवाब मिलने लगा है. अब नेपाल में अंतरिम सरकार बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है. आज का दिन काफी अहम है. आज यानी गुरुवार को आर्मी चीफ ने अहम बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि आज अंतरिम सरकार पर सहमति बन सकती है. अब तक अंतरिम सरकार का चेहरा सुशीला कार्की को माना जा रहा है. सवाल है कि अंतरिम सरकार की मुखिया अगर सुशीला कार्की ही बनती हैं तो फिर उनके नेतृत्व में नेपाल का भारत से संबंध कैसा रहेगा?
सबके मन में यही सवाल है कि नेपाल में नई सरकार का भारत संग कैसा संबंध होगा? दरअसल, सुशीला कार्की का जुड़ाव और लगाव भारत से रहा है. वह पीएम मोदी को बेहतरीन नेता के तौर पर देखती हैं. वह बीएचयू से पढ़ी हैं. नेपाल में मौजूदा संकट के बाद अंतरिम सरकार के मुखिया के तौर पर सुशीला कार्की का नाम उभरा है. नाम सामने आने के बाद दिए अपने पहले इंटरव्यू में सुशीला कार्की ने इस सवाल का जवाब दे दिया है कि भारत संग नेपाल के रिश्ते कैसे होंगे.
सुशील कार्की के नेतृत्व में कैसे रहेंगे संबंध?
दरअसल, पहले इंटरव्यू में सुशीला कार्की ने अपने भारत से लगाव को दर्शा दिया है. उनकी बातों से साफ है कि भारत को लेकर उनके विचार अच्छे हैं. नेपाल में मौजूदा संकट के बाद किसी भी ऐसी सरकार का होना भारत और नेपाल दोनों के हित में है क्योंकि सुरक्षा के दृष्टिकोण से बात करें या फिर दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और जनसंपर्क के लिहाज से… नेपाल भारत के लिए महत्वपूर्ण रहा है. दोनों देशों के बीच 1751 किलोमीटर की सीमा है. ऐसे में अंतरिम सरकार के मुखिया के तौर पर सुशीला कार्की का चुनाव राहत भरा फैसला है.
मिल गई झलक
इंटरव्यू के दौरान सुशीला कार्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी नाम लिया और कहा कि वो उनकी कार्यशैली से प्रभावित हैं. भारत के नेताओं के प्रति भी कार्की की सोच सकारात्मक है, जो नेपाल के ऐतिहासिक प्रदर्शन और संकट के बाद नेपाल और भारत के संबंधों को गढ़ने के काम आएंगी. खासकर तब जब पिछली ओली सरकार का रुख चीन की तरफ ज्यादा था. और शायद यही वजह है कि न तो ओली अपने अंतिम कार्यकाल में भारत आए और न ही भारत ने ओली के दौरे में बहुत दिलचस्पी ली. ऐसी पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक नेपाल संकट की स्थिति में सुशीला कार्की भारत के लिए एक निश्चित उम्मीद हैं.
कौन हैं सुशील कार्की?
सुशीला कार्की नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस रह चुकी हैं. सुशीला कार्की ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में मास्टर्स किया है. उनकी अपने पति दुर्गा प्रसाद सुबेदी से मुलाकात भी BHU में पढ़ाई के दौरान ही हुई थी. दुर्गा प्रसाद सुबेदी तब नेपाल के एक पापुलर युवा नेता थे.
एक्सपर्ट क्या बोल रहे?
भारत और नेपाल से जुड़े संबंधों की जानकारी रखनेवाले पूर्व राजदूत रंजीत रे नेपाल की मौजूदा स्थिति को बहुत नाजुक और संवेदनशील मानते हैं. हालांकि ये साफ करते हैं कि भारत एक स्थिर नेपाल चाहता है और नेपाल में जनता की आकांक्षाओं से जो भी अगला नेतृत्व हो भारत उसके साथ काम करेगा. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया युनुस के नेतृत्व ने भारत और बांग्लादेश के बीच शेख हसीना के कार्यकाल के मजबूत संबंधों को कमजोर किया, लेकिन नेपाल में अंतरिम सरकार का चेहरा सुशीला कार्की से संकट की घड़ी में संबंधों को मजबूत करने की उम्मीद है.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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First Published :
September 11, 2025, 09:16 IST