साइक्लोन हो या बारिश, पहले ही मिल जाएगा सटीक अपडेट, IMD को मिल गया 'टाइम मशीन'

1 day ago

Last Updated:May 26, 2025, 07:23 IST

IMD News: भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इसी साल 150 साल पूरे हुए. इतने सालों से मौसम की सटीक जानकारी देता रहा. मगर, इस यात्रा की कड़ी में मौसम विभाग को अचूक हथियार मिल गया है, जो आने वाले समय में बारिश, समुद्री...और पढ़ें

साइक्लोन हो या बारिश, पहले ही मिल जाएगा सटीक अपडेट, IMD को मिल गया 'टाइम मशीन'

आईएमडी को मिलेगा अचूक हथियार, सटीक होगी मौसम की जानकारी.

हाइलाइट्स

IMD को मिला नया भारत फॉरकास्टिंग सिस्टम (BFS)BFS से मौसम की सटीक जानकारी मिलेगीBFS का निर्माण पुणे के IITM ने किया है

IMD News: भारतीय मौसम विभाग (IMD) को आज यानी रविवार को भारत फॉरकास्टिंग सिस्टम (BFS) मिलने जा रहा है. यह सिस्टम मौसम मॉडलों में सबसे हाई रिज़ॉल्यूशन प्रदान करता है. इसकी मदद से IMD की मौसम संबंधी क्षमताएं काफी बढ़ जाएंगी, खासकर अत्यधिक बारिश और चक्रवातों के मामले में. BFS को आधिकारिक तौर पर नई दिल्ली में IMD को सौंपा जाएगा और इसका उपयोग इसी मानसून सीजन से शुरू होगा.

BFS का निर्माण पुणे के भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) ने किया है. BFS 6×6 किलोमीटर एरिया का हाई रिज़ॉल्यूशन वाला इमेज तैयार करता है. बताते चलें कि मौसम विज्ञानी 3×1 किलोमीटर तक हाई रिज़ॉल्यूशन वाले सिस्टम बनाने पर काम कर रहे हैं.

अभी CFS का प्रयोग करता है आईएमडी

वर्तमान में IMD मानसून मिशन के लिए युग्मित पूर्वानुमान प्रणाली (CFS) का प्रयोग करता है. CFS के मूल मॉडल ढांचे को अमेरिका स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण पूर्वानुमान केंद्र द्वारा विकसित किया गया था. इसे अलग-अलग स्थानों और तापमान के हिसाब से इमेज देने के लिए तैयार किया गया है. इसके अलावा, IMD वैश्विक पूर्वानुमान प्रणाली (GFS) भी चलाता है, जो कुछ घंटों से लेकर 5 दिनों, एक महीने से लेकर एक सीजन की जानकारी देता है.

अभी सटीक जानकारी देना मुश्किल होता है

IITM के पूर्व वरिष्ठ मौसम मॉडलर पार्थसारथी मुखोपाध्याय ने बताया कि यह एक निश्चित रूप से देश निर्मित मौसम मॉडल है. यह एक नियतात्मक मॉडल है, अर्थात यह एकल मॉडल आधारित आउटपुट होगा. इसकी वजह से देश की सटीक मौसम की जानकारी मिलेगी. दरअसल, पहले से प्रयोग हो रहे मॉडल से एक बड़े एरिया (144 स्क्वायर फीट) को एक यूनिट मानकर मौसम की जानकारी दी जाती थी. मगर अब, बीएफएस 36 स्कावयर किलोमीटर की एरिया को एक यूनिट मानकार जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा इसके और भी छोटे वर्जन पर काम किया जा रहा है.

किसी खास जगह की सटीक जानकारी मुश्किल

मौजूदा मौसम मॉडल का रिज़ॉल्यूशन 12×12 किलोमीटर है, जिसका मतलब है कि पूर्वानुमानकर्ता 144 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को एक इकाई मानते हैं. इस इकाई के लिए पूर्वानुमान एक समान माना जाता है. यह IMD द्वारा सामना की जाने वाली सीमा भी है, क्योंकि वर्तमान मॉडल इस 144 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र इकाई के भीतर छोटे क्षेत्रों में होने वाली मौसम की घटनाओं को चुनने में असमर्थ है.

3 साल से BFS पर हो रहा काम

मुखोपाध्याय ने कहा, “इसलिए 144 किलोमीटर के भीतर होने वाले किसी भी बदलाव को नहीं पकड़ा जा सकता है. यह पूर्वानुमान कौशल को सीमित करता है, यह देखते हुए कि अत्यधिक वर्षा की घटनाएं और समग्र मौसम की चरम स्थितियां बढ़ रही हैं.” उन्होंने कहा कि BFS 2022 से IITM में प्रायोगिक मोड पर चल रहा है. इसके 6×6 मॉडल की वजह से मौसम की सटीक पूर्वानुमान मिलने की संभावना है.

authorimg

Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...

और पढ़ें

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें

Location :

New Delhi,Delhi

homenation

साइक्लोन हो या बारिश, पहले ही मिल जाएगा सटीक अपडेट, IMD को मिल गया 'टाइम मशीन'

Read Full Article at Source