Last Updated:October 25, 2025, 12:41 IST
सबरीमाला अयप्पा मंदिर से चोरी हुए सोने की जांच में SIT ने उनीकृष्णन पोट्टी और गोवर्धन को गिरफ्तार किया, 400 ग्राम सोना बरामद हुआ, TDB के नौ अधिकारी भी आरोपी हैं.
सबरीमाला मंदिर में हर साल करोड़ों श्रद्धालु आते हैं.केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला अयप्पा मंदिर से 2019 में चोरी हुए सोने की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) को बड़ी सफलता मिली है. शुक्रवार को अधिकारियों ने बताया कि टीम ने बेल्लारी (कर्नाटक) के एक ज्वेलर से 400 ग्राम से अधिक सोना और सोने के सिक्के बरामद किए. मुख्य आरोपी उनीकृष्णन पोट्टी के पठानमथिट्टा स्थित घर से करीब दो लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए.
एसपी शशिधरन के नेतृत्व वाली SIT ने चोरी का सोना बेल्लारी के रॉड्डम ज्वेलरी के मालिक गोवर्धन तक पहुंचाया. केरल के अखबार मातृभूमि की रिपोर्ट के अनुसार पोट्टी ने खुद को सबरीमाला पुजारी बताकर गोवर्धन को सोना बेचा था. वर्तमान में SIT हिरासत में चल रहे पोट्टी और गोवर्धन की दोस्ती की शुरुआत कर्नाटक के श्री रामपुरा अयप्पा स्वामी मंदिर से हुई थी, जहां पोट्टी ने रस्में निभाईं और बाद में चोरी का सोना बेचा. बरामदगी के बाद SIT ने पोट्टी को श्री अयप्पा मंदिर ले जाकर अतिरिक्त सबूत इकट्ठा किए. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में पोट्टी ने 476 ग्राम सोना बाजार मूल्य पर गोवर्धन को बेचा था और वित्तीय रिकॉर्ड कई लेन-देन की पुष्टि करते हैं.
जांच में एक व्यापक नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है. चेन्नई की स्मार्ट क्रिएशंस ने पोट्टी के निर्देश पर कुछ सोना मध्यस्थों को सौंपा, जिनमें कल्पेश नाम का व्यक्ति शामिल है. बैंगलोर में रहने वाले पोट्टी ने स्थानीय मंदिर में काम किया था और कर्नाटक के कुछ लोगों से सबरीमाला कार्यों के लिए फंडिंग ली थी. वे अब द्वारपालक (मंदिर के द्वारपाल देवता) की सोने की प्लेटों से सोना गायब होने और श्रीकोविल के दरवाजे के फ्रेम से जुड़े दो अलग-अलग मामलों के मुख्य आरोपी हैं. वर्तमान में वे द्वारपालक प्लेटों से जुड़े सोना गायब होने के मामले में गिरफ्तार हैं.
यह मामला 1998 में उद्योगपति विजय माल्या द्वारा दान किए गए 30.3 किलोग्राम सोने और 1,900 किलोग्राम तांबे से जुड़ा है, जो मंदिर के गर्भगृह और लकड़ी की नक्काशी के लिए इस्तेमाल हुआ था. केरल हाईकोर्ट की समीक्षा में पाया गया कि सोने की प्लेटिंग में काफी वजन कम हो गया था, जिससे ट्रावणकोर देवासम बोर्ड (TDB) में चोरी और भ्रष्टाचार के सवाल उठे. पृष्ठभूमि जांच से पता चला कि 2019 में TDB ने पोट्टी को द्वारपालक की सोने-मढ़ी प्लेटें इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए सौंपी थीं. उन पर अनधिकृत रूप से इन्हें दक्षिण भारत के मंदिरों और निजी घरों में ले जाने का आरोप है.
चेन्नई की एक फर्म में इलेक्ट्रोप्लेटिंग के बाद ये प्लेटें चेन्नई, बैंगलोर और केरल के विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शित की गईं. SIT ने पोट्टी के 2019 के नौ स्पॉन्सरशिप लेन-देन से करीब 2 किलोग्राम सोना हड़पने का अनुमान लगाया है. जांच में TDB के नौ अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है, जिनमें पूर्व प्रशासनिक अधिकारी मुरारी बाबू शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में हिरासत में लिया गया. SIT ने TDB के 2019 के मिनट्स बुक को जब्त किया है, जिसमें सोने की शीटें पोट्टी को सौंपने का फैसला दर्ज है.
केरल हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2025 में SIT गठित की, जिसने दो मामले दर्ज किए हैं- एक द्वारपालक मूर्तियों से और दूसरा श्रीकोविल थ्रेशोल्ड से सोना चोरी का. पोट्टी को 17 अक्टूबर को 14 दिनों की SIT हिरासत में भेजा गया, और IPC की धारा 403, 406, 409, 466, 467 के तहत मुकदमा दर्ज है. जांच में पाया गया कि केवल 3 ग्राम सोना प्लेटिंग में इस्तेमाल हुआ, बाकी हड़पा गया. SIT अब चेन्नई वर्कशॉप प्रबंधन से पूछताछ कर रही है और काल्पेश व नागेश जैसे फरार मध्यस्थों की तलाश में है.
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First Published :
October 25, 2025, 12:40 IST

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