Last Updated:November 19, 2025, 12:42 IST
Family Politics: बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद प्रदेश के सबसे प्रभावशाली परिवार में नया ड्रामा शुरू हो गया. रोहिणी आचार्य और तेजस्वी यादव के बीच का मनमुटाव घर से निकल कर बाहर आ गया. लेकिन यह कोई पहला मौका नहीं है, जब किसी राजनीतिक घराने में इस तरह से कलह मची हो.
Family Politics: लालू प्रसाद यादव के परिवार में मची कलह ने वंशवाद की राजनीति की कमजोर कड़ियों को पूरी तरह से उभर दिया है. (फाइल फोटो/PTI)नई दिल्ली. बिहार चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि राजनीतिक परिवारों की आंतरिक खींचतान न सिर्फ दलों की एकता को तोड़ती है, बल्कि चुनावी नतीजों को भी गहराई से प्रभावित करती है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में उभरती दरार (बड़े बेटे तेजप्रताप के बाद अब बेटी रोहिणी का पार्टी और परिवार से अलग होने का ऐलान) ने इस चर्चा को और तेज कर दिया है कि उत्तराधिकार की लड़ाई भारतीय राजनीति में किस तरह पूरे संगठन को हिलाकर रख देती है. उसकी जड़ें कमजोर कर देती हैं. पिछले दस वर्षों में देश की कई बड़ी क्षेत्रीय पार्टियां परिवारिक सत्ता संघर्ष की शिकार हुईं. जहां-जहां परिवार टूटा, वहां पार्टी की चुनावी पकड़ कमजोर पड़ी और विपक्षी दलों को सीधा लाभ मिला. राजद में जारी कलह ने बिहार में यादव वोट बैंक को असहज किया है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 19, 2025, 12:40 IST

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